अलीसम भारतीय प्राकृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण फूल है। इसे भारतीय माटी में पत्तियों, फूलों और पेड़ों के साथ सबसे ज्यादा देखा जाता है। यह फूल वास्तव में एक बहुरूपी प्रजाति है, जो प्यार, सौंदर्य और शांति का प्रतीक है। इसकी बात करेंगे तो यहां हम इस फूल के विशेषताओं, उपयोगिता और महत्व के बारे में चर्चा करेंगे।
अलीसम का फूल अनेक रंगों में पाया जाता है, जैसे लाल, पीला, श्वेत, गुलाबी और गुलदस्ता। इसके पत्ते भी विभिन्न आकारों और आकृतियों में हो सकते हैं। यह फूल अपने आकार, रंग और खुशबू के कारण बहुत मानबोध का एक प्रमुख प्रतीक है। अलीसम फूल उच्च और उंचाई के पेड़ों पर बढ़ता है, जिससे यह एक प्रभावशाली नजारा प्रदान करता है।
अलीसम एक सुंदरता से भरा हुआ फूल है, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसकी खुशबू हमारे दिमाग को शांति और प्रसन्नता देने की क्षमता रखती है। इसका अधिकारिक नाम “पर्टरुलाकोमा” है, जो सक्षम और मनोहारी के अर्थ में होता है। इसकी खेती भूमि की समृद्धि और सुस्ती के बावजूद, यह फूल सहजता से तैयार होता है और बीज धरती में अनुकंपा से बीता है।
अलीसम फूल आचार्य राजनीश जी ऑशो द्वारा भी प्रशंसा प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा था, “मनुष्य की आँखें अलीसम के फूल की तरह होनी चाहिए, जो सभी रंगों का एक मिश्रण होता है और जो सुंदरता की आधार पर अलग-अलग प्रकृतियों का समानांतर आवास होता है।” अलीसम फूल वास्तव में एक मनोहारी दृश्य प्रदान करता है और इसका उपयोग आपको मन की शांति, एकाग्रता, क्रियाशीलता और नये आंतरिक अन्दर उजाला करने में मदद कर सकता है।
सारांश करते हुए, अलीसम एक अत्यधिक सौंदर्यपूर्ण फूल है जो प्रकृति के मधुर साधनों में से एक है। इसका दिखावा हमारे दिल को स्पर्श करता है और हमारे मन को शांति का आनंद देता है। इसकी गहरी खुशबू और विविध रंगों का संयोजन हमें खुशहाली और आनंद का अनुभव कराता है। यह फूल हमारे जीवन में मनोवैज्ञानिक और शारीरिक स्वास्थ्य का विकास कर सकता है। इसलिए, आइए इसे सत्यनिष्ठा, प्रेम और ध्यान के साथ संवरकर अपने जीवन में इस प्रकृति की देवी को स्वागत करें।
Contents
- अलीसम क्या है? (What Is Alyssum?)
- अलीसम का इतिहास (History Of Alyssum )
- अलीसम की प्रकार (Types Of Alyssum)
- अन्य भाषाओं में अलीसम के नाम (Alyssum Names In Other Languages)
- अलीसम के उपयोग (Uses Of Alyssum)
- अलीसम के फायदे (Benefits Of Alyssum)
- अलीसम के नुकसान (Side effects Of Alyssum)
- अलीसम का पौधे की देखभाल कैसे करें (How To Take Care Of Alyssum Plant)
- अलीसम के पौधे का सांस्कृतिक उपयोग (Cultural Uses Of The Alyssum)
- अलीसम का पौधा कहां पाया जाता है (Where Is The Alyssum Plant Found)
- अलीसम की प्रमुख उत्पादन राज्य (Major Producing State Of Alyssum)
- अलीसम के पौधे के चिकित्सा गुण (Medical Properties Of Alyssum)
- अलीसम का वैज्ञानिक नाम (Scientific Name Of Alyssum)
- अलीसम की खेती (Alyssum Cultivation)
- अलीसम की खेती (Farming of Alyssum)
अलीसम क्या है? (What Is Alyssum?)
अलीसम (Alyssum) एक छोटा पौधा है, जो बागवानी में बहुत लोकप्रिय है। इसका वैज्ञानिक नाम “लोबुलारिया मैरिटिमा” है और इसे “स्वीट एलीसम” या “वगेटेबल स्टोक” के नाम से भी जाना जाता है। इसका मूल उद्देश्य पारंपरिक फूलों के बीच में पुष्पाणुओं के रूप में प्रयुक्त होना होता है और इसे भूषण के रूप में भी उपयोग किया जाता है।
अलीसम का उपयोग मुख्य रूप से तटीय क्षेत्रों में उद्घाटन, हाथ मिलान और अन्य सामारिक कार्यक्रमों के लिए होता है। इसके छोटे और सुंदर पुष्प मौसम के दौरान बड़े आकर के डच टाइल्स को भर देते हैं। यह वादियों, केवरीबीयों और पहाड़ी क्षेत्रों में बहुत अच्छी तरह से उगता है।
यह एक प्रीनियल पौधा है, जिसका अर्थ होता है कि यह ठंड की संख्या में बढ़ता है और हर साल इसे फसल की तरह बार-बार नहीं बोना पड़ता है। यह ईंधनीय, गंध संवारक, प्राकृतिक रंग और सुरम्य सुगन्ध वाले पुष्पों के लिए प्रसिद्ध है।
अलीसम को संक्षिप्त आयु में बीजों के रूप में उगाया जा सकता है और यह बहुत जल्दी ही फूलों की नाईं मौजूदगी का आनंद देता है। यह छोटे मुद्रणों और पूर्वाग्रहों के साथ माटी के संपर्क में उगने वाली पौधे हैं, जो उन्हें आसानी से लालित्यपूर्वक बनाते हैं। इसकी खेती मानव संग्रहालयों, फर्नरी, पेडल संग्रहालय, और पार्क में भी की जाती है, क्योंकि यह मौसम के दौरान अन्य नरसंदीय फूलों के लिए संगठित मार्गकर्म का निर्माण करता है। इसके अलावा, यह अर्धी शादियों और रंगबिरंगे समर के लिए एक मुख्य प्रोटैक्टिव पार्टनर होता है।
अलीसम का इतिहास (History Of Alyssum )
अलीसम, जिसे हिंदी में अलीसम कहा जाता है, एक प्रशंसित फूल वाला पौधा है जिसे उद्गारण की योग्यता और आकर्षक रंगीन फूलों की वजह से चाहे जाता है। यह पौधा गुलाबी, पीले, लाल, नीले और सफेद फूलों के रूप में प्रकट होता है। इसके छोटे-छोटे वृक्षारोपण और सुंदरता के कारण, यह एक आकर्षक फूलदार बेड़े के रूप में बगीचे में आसानी से प्रगट होता है।
अलीसम का इतिहास कई वर्षों से प्राचीन है। इसे पहली बार मध्य पूर्व के देशों में खोजा गया था, जहां इसके फूल मखमली गंध के कारण बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। धीरे-धीरे अलीसम यूरोप और अन्य भागों में पैमाने पर फैल गया और आजकल यह दुनिया भर में पाया जाता है।
अलीसम पौधे का प्रमुख कार्य भूमि को संवारना है और माटी को मजबूत, फुलवाली झाड़ियों से बचाने के लिए इसके रूपांतरण को संभालना होता है। इसके साथ, यह बीज, पोषण और प्रजनन की प्रक्रिया को भी समर्थित करता है।
अलीसम को काफी आकर्षक फूलदार और मधुमय बनाने के लिए, इसका विशेष समयसीमा के अंतराल में उगाना अवश्यक होता है। इसे मुख्य रूप से गर्म फसल के रूप में खेती की जाती है, जिसमें इसकी वृद्धि और पोषण के लिए सामर्थ्य भी महत्वपूर्ण होती है।
अलीसम, पौधे के रूप में, बेहद उपयोगी होता है। यह पर्यावरण को मजबूत करने में मदद करता है, स्थलीय वनस्पतियों को पोषण प्रदान करता है और जीवन की नई पैदावार को शुरू करने में मदद करता है। इसके साथ ही, इसके खतरनाक शेषजीवियों को इन्हे रोकने की क्षमता भी होती है।
अलीसम, जो एक पौधा के रूप में आप्तित हों, यह दिखाने का समय है कि हमारी पृथ्वी पर कितनी असाधारण और उपयोगी जीवन-जंतु जगहें हैं। इसकी प्राकृतिक सुंदरता और उपयोगिता ने इसे एक प्रमुख फूल बना दिया है, जिसे लोगों द्वारा बगीचों और घरों में पौधों के रूप में उगाना प्रिय हो गया है।
अलीसम की प्रकार (Types Of Alyssum)
अलीसम (Alyssum) एक बगीचे में पाया जाने वाला एक सुंदर फूल है, जिसे फूलों की सजावट के लिए बहुत पसंद किया जाता है। यह छोटी सी भूमिगत पौधा होती है जिसकी ऊँचाई सामान्यतः ६ से ८ इंच तक होती है। यह फूल मुख्य रूप से सफेद, पीले, गुलाबी और लाल रंगों में पाए जाते हैं। इसका फल एक बीज होता है, जो उसकी पुष्प को खत्म होने के बाद उत्पन्न होता है।
यहाँ पर कुछ प्रसिद्ध अलीसम के प्रकारों का उल्लेख किया गया है:
1. टलरान्ट्रुम (Tall Alyssum) – यह अलीसम पौधा सदरनीय होता है जो लंबा होता है, और इसकी ऊँचाई लगभग ३० सेंटीमीटर तक पहुँच सकती है। इसके फूलों का रंग मुख्य रूप से सफेद, पीला और गुलाबी होता है।
2. कॉंपैक्ट (Compact Alyssum) – इस प्रकार के अलीसम का आकार छोटा होता है, और यह बच्चों द्वारा बगीचे में छोटी सजावट के रूप में पसंद किया जाता है। इसके फूल मुख्य रूप से सफेद, पीले, गुलाबी, और झरमला रंगों में पाये जाते हैं।
3. स्नोक्रॉस (Snow Crystals Alyssum) – यह अलीसम प्रकृति के लिए एक अद्वितीय विकल्प है, क्योंकि इसके फूल खासकर सफेद रंग के होते हैं। यह फूल अपारता को बढ़ाने के लिए सजावटी उपयोग होते हैं।
ये कुछ मशहूर अलीसम के प्रकार हैं, जो सभी उपयोगकर्ताओं द्वारा बगीचों और फूलों के क्षेत्र में पसंद किए जाते हैं। ये पौधे आसानी से उगाए जा सकते हैं और केवल कुछ संरचनात्मक और सूर्य प्रकाश की आवश्यकता होती है।
अन्य भाषाओं में अलीसम के नाम (Alyssum Names In Other Languages)
In Hindi, Alyssum is commonly known as अलीसम (Alisam). Here’s how it is called in the top 10 Indian languages other than Hindi:
1. Bengali: আলিসাম (Alisam)
2. Telugu: అలిసమ్ (Alisam)
3. Marathi: अलिस्सुम (Alissum)
4. Tamil: அலிசம் (Alisam)
5. Urdu: الیسم (Alisam)
6. Gujarati: અલિસમ (Alisam)
7. Kannada: ಅಲಿಸ್ಸಮ್ (Alissam)
8. Oriya: ଅଲିସସମ (Alisam)
9. Malayalam: അലിസം (Alisam)
10. Punjabi: ਅਲਿਸਮ (Alisam)
अलीसम के उपयोग (Uses Of Alyssum)
अलीसम एक फूलों का पौधा होता है जो दीर्घकालिक फूलों के लिए ज्ञात होता है। इसका वैज्ञानिक नाम “Lobularia maritima” है। यह पौधा मुख्य रूप से इंगितियों के लिए खेती किया जाता है, लेकिन इसके पौधे आकर्षक और सुंदर सजावटी पेड़ों के रूप में भी उपयोग किए जाते हैं।
यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं में ‘अलीसम’ का प्रयोग होता है:
१. अलीसम फूलें खूबसूरत होती हैं और बगीचों में सजावट के लिए उपयोग की जाती हैं।
२. इसकी मिठासदृश्य से भरी खुशबू पर्याप्त होती है और इसलिए यह फूलों की बागनेरी में अच्छी तरह से बिताया जाता है।
३. इसे वानस्पतिक ऑवरक्रॉपिंग, मीठे पानी और मध्यम गर्मी में अच्छे प्रदर्शन करने के लिए आसानी से उगाया जा सकता है।
४. अलीसम कई एक पौधों में खिली उम्र में फूल लगाने का विकल्प भी प्रदान करता है, यह देखने में भी अद्भुत लगता है।
५. इसके छोटे पौधों की गमलों में खेती भी की जा सकती है, जो वेल इंगितियों या पर्चमा उद्यानों के लिए आकर्षक जगह प्रदान करते हैं।
६. अलीसम के पौधों का इस्तेमाल जल नमी और टेक्सचर कंट्रोलिंग के लिए भी किया जाता है।
७. इसकी मजबूत मूल्यांकन क्षमता के कारण, यह अंतिम भूमि को ढंकें और मिट्टी को नियंत्रित रखें के लिए अच्छा बेंचमार्क पौधा होता है।
इन सभी कारणों से, अलीसम या Alyssum इस्तेमाल किया जाता है गेंहूँ, बजरा, बाली, सरसों, मेथी, मूंगफली, और दूसरे फसलों के साथ-साथ बगीचों और बचत वाले मैदानों में भी।
अलीसम के फायदे (Benefits Of Alyssum)
अलीसम (Alyssum) एक फूलों वाला पौधा है जो एक चमकते हुए, सफेद, पीले, गुलाबी या लाल रंग के फूलों से सजा होता है। इसके कई लाभ और फायदे हैं, जिनमें निम्नलिखित हैं:
1. प्राकृतिक सुंदरता: अलीसम के सुंदर फूलों और उनके विविध रंगों की वजह से, यह पौधा एक आकर्षक और आदर्श विकसित पौधा है जिसे आप अपने बगीचे में या खिड़की-परचमों पर आसानी से उगा सकते हैं।
2. पोषण: इस पौधे में मौजूद अच्छे मात्रा में पोषक तत्व और पोषण सामग्री उपयोगी होती हैं, जो दूसरे पौधों के साथियों को पोषण प्रदान करती हैं।
3. पुरातत्विक उपयोग: अलीसम को कई सदियों से पुरातत्विक रुप से प्रयोग किया जाता आ रहा है। इसके छोटे-छोटे फूल पत्तियों को दागरों में प्रयोग करके देखभाल की जाती है, जिससे महान विद्रोहियों की स्मारकों का पता लगाया जा सकता है।
4. पारितंत्रिकता: अलीसम पौधा एक पारितंत्रिक पौधे की तरह विकसित होता है, जिसे अन्य पौधों के साथ मिलाकर उगाया जा सकता है। इसका मतलब है कि यह अन्य पौधों के उच्चारण और विकास को प्रोत्साहित करता है, जो कि वृक्षों और फसलों के लिए उपयोगी होता है।
5. आर्थिक महत्व: अलीसम को अक्सर गहनों, पुर्तगाली टॉयलेट सामग्री, और मास्कॉंस बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके फूलों से बनाए गए मसाले और पकवान में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
इस प्रकार, अलीसम के कई लाभ और उपयोग हैं, जोकि इसे एक गुणकारी और पसंदीदा पौधा बनाते हैं।
अलीसम के नुकसान (Side effects Of Alyssum)
अलीसम (अंग्रेजी में Alyssum) पौधा एक सुंदर फूलों वाला पौधा होता है जो छोटे-छोटे मांझीसा जैसे फूलों के साथ घुंघराले खुशबूदार बागवानी में काफी लोकप्रिय हो गया है। इसके नमी से भरे सुंदर फूलों कई लोगों को आकर्षित करते हैं। इस प्रशंसनीय पौधे का इस्तेमाल आप अपने बाग या बालकन में अद्यतितता और सजावट के लिए कर सकते हैं।
अलीसम के इस्तेमाल से कुछ सावधानियों की जरूरत होती है, यहां कुछ मुख्य बातें हैं:
1. जरुरत से अधिक उपयोग: अलीसम का सेवन संयमित रूप से करना आवश्यक है। इसे ज्यादा मात्रा में लेने से पेट दर्द, चक्कर आना और उलटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
2. त्वचा संबंधी समस्याएं: कुछ लोगों को अलीसम से त्वचा संबंधी तकलीफों का सामना करना पड़ सकता है। इसके सेवन से त्वचा में लालिमा, खुजली, रैश, सूखापन या जलन जैसी अनुचित प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं।
3. डायबिटीज वालों के लिए सावधानी: अगर आपको डायबिटीज है, तो इसे सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। अलीसम में मौजूद शुगर विषाणु की मात्रा नियंत्रण करने का काम करती है, जिसके कारण यह आपके रक्त शर्करा स्तर पर प्रभाव डाल सकता है।
4. गर्भवती महिलाओं के लिए: गर्भवती महिलाएं अलीसम का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि इसके संबंध में पर्याप्त अध्ययन नहीं होने के कारण इसका प्रभाव गर्भावस्था पर पता नहीं चला है।
नोट: यदि आपको अलीसम के सेवन से कोई तकलीफ होती है, तो तुरंत सेवन बंद करें और अपने चिकित्सक से संपर्क करें। अलीसम के सेवन से पहले हमेशा संपर्क सूची और उत्पाद पर उपयोग दिशानिर्देश पढ़ें।
अलीसम का पौधे की देखभाल कैसे करें (How To Take Care Of Alyssum Plant)
अलीसम एक छोटा, सुंदर और परम्परागत फूलों वाला पौधा है जो एक आकर्षक फूलों की छटा उत्पन्न करता है। यह विभिन्न रंगों, जैसे मेवा, गुलाबी और सफेद में उपलब्ध होता है। यह एक आकर्षक फूलदार पौधा है जो आपके बगीचे को नीले आसमान के आसानी से संवर सकता है।
यदि आप अलीसम की देखभाल करने के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए ही है। इसमें हम आपको इस पौधे की कुछ महत्वपूर्ण टिप्स देंगे जो आपको इसे संभालने में मदद करेंगे:
1. उचित प्रकार का मिट्टी: अलीसम पौधे को उचित प्रकार की मिट्टी में रखना बेहद महत्वपूर्ण है। यह पौधा मिट्टी के लिए अच्छी ड्रेनेज प्रणाली की आवश्यकता रखता है, इसलिए अच्छी गुणवत्ता वाली पौधे की मिट्टी का चयन करें।
2. उचित पोषण: अलीसम पौधे के लिए नियमित रूप से पोषक तत्वों की आपूर्ति आवश्यक होती है। इसे 15-30-15 या बाजार में मिलने वाली किसी अन्य संयुक्त खाद के साथ पोषित कर सकते हैं। पोषणः तापस्तर से पहले फ़सल करे ।आप अपने वक्ता में सलाह प्राप्त कर सकते हैं ताकि आपको सबसे अच्छा परिणाम मिल सके।
3. समय पर पानी दें: अलीसम पौधे को नियमित रूप से पानी देना आवश्यक है। सड़क किनारों और अपार्टमेंटों में इसे बारिश का पानी नहीं दिया जा सकता है, इसलिए सप्लीमेंटल आपूर्ति की आवश्यकता होती है। यह पौधा प्यास लगाने के दौरान तनाव से बचने के लिए नियमित रूप से पानी की आपूर्ति की आवश्यकता होती है।
4. पौधों का संरक्षण: अलीसम्स भी शीतल पौधों में सभी मौसम उपयोग कर सकते हैं, झज्जार आदि इसकी देखभाल करते वक्त। इन पौधों को ईशियों में धूप में रखना अच्छा होता है और शीतल समय में इन टनलों, हॉट स्क्रिन्स या यूनिको तंबू में रखा जा सकता है।
5. यातायात की कटाई: जब आपके अलीसम पौधों के फूल गिरते हैं, तो आपको इन्हें पत्थरों और तालाबों में हटा देना चाहिए। इससे पौधे की सेहत सुनिश्चित रहती है और उन्हें गोलाई के रूप में बनाए रखने के लिए तत्पर रहती है।
इन सरल टिप्स का पालन करके, आप आसानी से अपने अलीसम पौधे की देखभाल कर सकते हैं और इसे अपने बगीचे में एक हरा-भरा और आकर्षक साझा कर सकते हैं। यदि आप सवालों के बारे में कुछ पूछना चाहते हैं, तो आप पेशेवर वक्ता से संपर्क कर सकते हैं।
अलीसम के पौधे का सांस्कृतिक उपयोग (Cultural Uses Of The Alyssum)
अलीसम एक पौधा होता है जिसे बहुत सारे फूलों से ढांपा जा सकता है। इसके फूलों की मायाने और सुगंध बहुत मनोहारी होती है। अलीसम का वैज्ञानिक नाम “अलाइसीम टेंचनमेंटोसम” होता है। ये पौधा छोटे-छोटे होते हैं और अपने फूलों के कारण पर्याप्त प्रकाश और सूखे हुए मिट्टी में भी बढ़ जाते हैं।
अलीसम पौधे को संगठन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इसका फूलों से जुड़ा नजारा बहुत सुंदर और सुखद होता है। इसे बागवानी या गलियों में विभिन्न सजावटी परियोजनाओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह आमतौर पर बगीचों में बांधा जाता है या उच्च वास्तु संरचनाओं की सुंदरता को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
अलीसम को बगीचों के अलावा भी कई औषधीय उपयोग भी होते हैं। इसकी खेती की जाती है और इसे आर्युवेद में भी उपयोग किया जाता है। अलीसम के फूल काफी सौंदर्यपूर्ण होते हैं और इसकी सुगंध मसाले सामग्री बनाने में भी इस्तेमाल की जाती है। संस्कृत में इसे “अल्यस्सम” के नाम से जाना जाता है।
इस प्रकार, अलीसम एक ऐसा पौधा है जिसे अपने फूलों के लिए आदि से भी इस्तेमाल किया जाता है। यह अपनी सुंदरता और सुगंध के लिए प्रसिद्ध है और इसे बगीचों, उच्च वास्तु संरचनाओं और औषधीय उपयोग के लिए उपयोग किया जाता है।
अलीसम का पौधा कहां पाया जाता है (Where Is The Alyssum Plant Found)
अलीसम एक छोटा पौधा है जो छोटी फूलों से सजा हुआ होता है। इसकी फूलों की संख्या बहुत ज्यादा होती है और वे असानी से उगा होते हैं। अलीसम का वनस्पतिक नाम “लोविस्त वाले फौड़ी” होता है। यह पौधा मुख्य रूप से यूरोप, एशिया, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका में पाया जाता है। यह पौधा गर्म और शुष्क मौसम की पसंदीदा होता है और यह धरती की सुंदरता बढ़ाने के लिए काफी प्रचलित है। इसकी फूलों की सुगंध बहुत ही मधुर होती है जिसे मधुमक्खीयों को खींचती है। यह पौधा उच्चतम 15 से 30 सेमी की ऊँचाई पर तक बढ़ सकता है। अलीसम को संचार के लिए और सुंदर बगीचों को सजाने के लिए भी उगाया जाता है। इसके फूलों के विविध रंगों की बजाय इसके पत्तों की सुंदरता और सुगंध भी लोगों को आकर्षित करती है।
अलीसम की प्रमुख उत्पादन राज्य (Major Producing State Of Alyssum)
अलीसम या एलिसम मेजर उत्पादन भारतीय राज्य और देश की चर्चा आपदूय भाषा में:
भारत में अलीसम या एलिसम मेजर की खेती काफी सफल होती है और यह कई राज्यों में उत्पादित किया जाता है। यह पौधा विभिन्न भारतीय राज्यों में सफेदी, गुलाबी और लाल रंग में पाया जा सकता है।
भारत में अलीसम का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य राजस्थान है। यहां प्रमुख अलीसम उत्पादन के लिए जयपुर, अजमेर, जोधपुर, बीकानेर, और उदयपुर जैसे जिलों में खेती की जाती है।
अलीसम की खेती कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, जर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में भी की जाती है।
एलिसम मेजर पौधे के अंदर गुलाबी, लाल, पीले, बैंगनी, और नीले रंग के पुष्प पाए जाते हैं और इनका उपयोग खासकर बगीचों, पार्कों, आदि में मधुमय सुगंध और सुंदरता के लिए किया जाता है। इसके अलावा, यह चक्रवाती गंध होता है और अर्ध-शुष्क इलाकों में भी अच्छी तरह उगाई जा सकती है।
भारत में अलीसम मेजर की खेती केवल मंडीकरण और उत्पादकता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, जिससे कंपनियों को बाजार में उत्पादों की बहुत अच्छी मांग हो सकती है।
अलीसम के पौधे के चिकित्सा गुण (Medical Properties Of Alyssum)
अलीसम या Alyssum एक पौधे की तरह बाज़ार में मिलने वाला एक औषधीय वनस्पति है। इसकी छोटी-छोटी पत्तियों वाली सूगंधित फूलें मनोहारी रंगों में पायी जाती हैं और इसे बगीचों में खासतौर से सजावटी पौधा के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त, अलीसम का उपयोग भी आयुर्वेद में बहुत प्रचलित है, क्योंकि इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। नीचे दिए गए पॉइंट्स में इन गुणों के बारे में बताया गया है:
1. सफेदिया रोकने में मददगार: अलीसम में मौजूद कुछ रासायनिक पदार्थ खून में सफेदिया बढ़ने को रोकते हैं, जिससे प्रदर या मूत्रमार्ग से संबंधित समस्याओं में फायदेमंद साबित हो सकता है।
2. श्वासकोषों को मजबूत करें: अलीसम में मौजूद प्याज का तत्व श्वासकोषों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह खांसी, सर्दी-जुकाम और श्वासनली संबंधित आम समस्याओं को आराम पहुंचा सकता है।
3. खून को पोषित करें: अलीसम में पाए जाने वाले कुछ पौष्टिक तत्व खून के गर्मता को बढ़ा सकते हैं और यह शरीर को पोषण देने में मदद कर सकते हैं।
4. त्वचा का स्वास्थ्य बनाए रखें: अलीसम में मौजूद तत्व त्वचा की सुरक्षा और ग्लो को बढ़ा सकते हैं। इसका योगदान त्वचा को स्वास्थ्य और निखार देने में भी महत्वपूर्ण हो सकता है।
5. आंत्र को संरक्षित रखें: अलीसम में मौजूद विटामिन ए की मात्रा आंत्र की सेहत के लिए फायदेमंद होती है। यह पाचन प्रणाली को स्वस्थ रखता है और पेट से संबंधित समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकता है।
इनमे से कुछ मात्रा में औषधीय गुणों का अधिक सेवन बिना चिकित्सक की सलाह के भरी मात्रा में न करें। हमेशा याद रखें कि यह सामग्री केवल मार्गदर्शन के लिए है औरइसका उपयोग व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति, अनुभव, और विवेक के आधार पर किया जानी चाहिए।
अलीसम का वैज्ञानिक नाम (Scientific Name Of Alyssum)
अलिसम का वैज्ञानिक नाम “Lobularia maritima” है।
अलीसम की खेती (Alyssum Cultivation)
अलीसम, जिसे हिंदी में “अलिस्सम” कहा जाता है, एक छोटा पौधा है जिसे फूलों के लिए विकसित किया जाता है। यह पौधा सदीयों से मानवों के द्वारा रंगीन फूलों के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। अलिस्सम एक आकर्षक और प्रशंसित फूल उत्पादक है, जिससे आप आपके बगीचे को खुशबूदार, खूबसूरत और आकर्षक बना सकते हैं।
अलिस्सम का प्रशिक्षण चारों मुख्य पाठ सिखा सकता है: बीज उगाना, सप्लाई को तैयार करना, पौधे को बढ़ाना और उच्चतम खाती संशोधन द्वारा फूल उत्पादन। यहां हम इनके बारे में विस्तार से समझेंगे:
1. बीज उगाना:
– अलिस्सम के बीज चुनें और उन्हें स्वास्थ्यपूर्ण मिट्टी में बोने।
– ध्यान दें कि बीजों को समान और एक-दूसरे से दूरी पर बोने, ताकि पौधों को पर्याप्त स्थान और पोषण मिल सके।
– धूपी जगह चुनें और मूल तापमान के 60-70 डिग्री फ़ैरेनहाइट के बीच रखें।
– बीजों को पानी से नमी दें, उन्हें धककर रखें और थोड़ा पानी ड्रेन होने दें।
– अप्रैल से जून तक, बीजों का उगाना शुरू हो जाना चाहिए।
2. सप्लाई को तैयार करना:
– उगाए बीजों को अलग पौधों में ट्रांसप्लांट करें, जब वे ठहरने के लिए पर्याप्त मजबूती प्राप्त करते हैं।
– ढाली लीफ (लोब-लोप) वाले फूलों को बासनीय मिट्टी में लगाएं।
– पौधों को खेत में नेट या ढंगी ढंकने वाली फ़िल्टर पेपर की सहायता से सुरक्षित रखें।
– पौधों को आवश्यकतानुसार पानी, कंपोस्ट और उर्वरक से पौष्टिकता प्रदान करें।
3. पौधे को बढ़ाना:
– पौधों को यकृत के लिए पर्याप्त दूरी पर रखें।
– कीटाणुनाशकों का उपयोग कम रखें, ताकि पौधों पर कोई हानि नहीं हो।
– प्रतिदिन समय-समय पर समय दीजिए, ताकि पानी और पोषण का सही तरीके से प्रवाहित हो सके।
– ऑर्गेनिक मिट्टी या कंपोस्ट का उपयोग करें, ताकि पौधों को अधिक पोषण मिलें।
4. उच्चतम खाती संशोधन द्वारा फूल उत्पादन:
– पौधों को दूसरे महीने तक उगाने के बाद खाद डालें, जिसमें अधिकांश K और P हो।
– पॉटेशियम (K) आवश्यक है क्योंकि यह फूलों के लिए शक्ति पेश करता है और फूलों को बढ़ावा देता है।
– फूलों की रंगत को बढ़ाने के लिए फॉस्फेट (P) आवश्यक है।
– उच्चतम खादी संशोधन की सलाह लिए बगीचे की मिट्टी में दिए गए निर्देशों का पालन करें।
जब ये सभी पाठ सार्थक और सही तरीके से पालन किए जाएं, तो अलिस्सम के पौधे में खूबसूरत और आकर्षक फूल उत्पन्न हो सकते हैं। आशा है कि आपको यह पूस्ट उपयोगी लगेगा और आप अलिस्सम की खेती के बारे में और भी अधिक जानेंगे।
अलीसम की खेती (Farming of Alyssum)
अलीसम (Alyssum) एक फूलदार पौधे की प्रजाति है जिसे वाइल्ड अलीसम के नाम से भी जाना जाता है। यह फूलों के सजावटी उद्दीपक के रूप में उपयोग किया जाता है और उच्च कांतिवर्धक वानस्पतिक तत्वों का स्रोत है। अलीसम ईरान, केन्या और दक्षिणी यूरोप जैसे गर्म क्षेत्रों में पाया जाता है, जहां यह साधारणतः वनस्पति सफेद, नारंगी, गुलाबी और नीली रंगों में पाया जाता है।
अलीसम की खेती विशेष रूप से किसानों द्वारा की जाती है जो सजावटी फूलों के लिए अत्यंत मांग हैं। इसे एक प्रमुख जीवाश्म कवक प्रजाति, अलिसम ओबटसिफोलियम, जिसे ‘स्वीट अलीसम’ भी कहते हैं, विकसित किया गया है। यह मुख्य रूप से व्यापारिक व उद्यानिक फूलों की लागत को कम करने के उद्देश्य से उद्भावित किया गया है।
अलीसम की खेती के लिए कुछ भूमि की आवश्यकता होती है जो उपज की गुणवत्ता को पुष्टि करने के उद्देश्य से समृद्ध होनी चाहिए। यह पौधे नुर्सरी में बीज, पौधे और पंचायत रूप से प्राप्त किये जा सकते हैं। अलीसम के बीज शुरुआती रूप से नर्सरी के बीजगारों द्वारा खरीदे जा सकते हैं और विशेष मात्रा में नार्थ टेक से उत्पादित किए जाते हैं।
फसल की देखभाल में उपयोगी प्रौद्योगिकियों में सुमलता प्रथम है। यह फूल परियावरण के साथी की नीचे वृक्षों के नीचे, बैगवानी विस्तारों में और अन्य सजावटी उद्दीपकों के रूप में बीज मात्रा के बड़े हिस्सों के लिए अति उपयुक्त हो सकता है। इसे मानसूनी फसल के रूप में भी काटा जा सकता है जो फूल की बढ़ती मांग से अनुकूल होता है और पेयजल की प्राथमिकता को साझा कर सकता है।
इस प्रकार, अलीसम की खेती मुख्य रूप से गर्म क्षेत्रों में होती है और इसे सजावटी फूलों की मांग को पूरा करने के लिए बोझ कम करने के उद्देश्य से की जाती है।
अलीसम/Alyssum FAQs
Q1: अलीसम पौधे क्या हैं?
A1: अलीसम पौधे छोटी उद्भिजी पौधे होते हैं जिनमें मुख्य रूप से छोटे सफेद, सफेद-पीले, लाल, गुलाबी या नीले रंग के फूल होते हैं।
Q2: अलीसम पौधे कितने ऊँचे हो सकते हैं?
A2: अलीसम पौधे सामान्यतः 4 से 8 इंच ऊँचे हो सकते हैं, लेकिन कुछ प्रजातियाँ 1 फुट तक भी ऊंचे हो सकती हैं।
Q3: अलीसम पौधे के फूल कब खिलते हैं?
A3: अलीसम पौधे के फूल मुख्य रूप से मिड-समर या लेट-समर में खिलते हैं, जो सामान्यतः मार्च से मई तक रहता है।
Q4: अलीसम को किस प्रकार की मिट्टी पसंद होती है?
A4: अलीसम को मिट्टी की प्रकृति और फसल की गहराई के अनुसार समान्यतः गुड़ वाली, अच्छी ड्रेनेज वाली मिट्टी पसंद होती है।
Q5: अलीसम पाधार्य कितने धूप पसंद करते हैं?
A5: अलीसम पाधार्य पूरे धूप या पोषक रूप से धूप वाले स्थानों की प्राथमिकता रखते हैं।
Q6: अलीसम की उगाई कब और कैसे करें?
A6: अलीसम की उगाई को मार्च और अप्रैल महीने में की जाती है। बीजों को हल्की मिट्टी में बोने के बाद उन्हें नीर द्वारा पौधों को सुराखियों में हल्का-धीमा सिरीज़ के साथ जलाएं।
Q7: अलीसम पौधे को किस प्रकार पालें?
A7: अलीसम पौधे को सुखी और उष्ण जलवायु में पालने की प्राथमिकता होती है। ध्यान दें कि उन्हें समय-समय पर पानी दें और उन पर नियमित रूप से खाद दें।
Q8: अलीसम में किस प्रकार की सचेतना लेनी चाहिए?
A8: अलीसम के पौधों पर उनकी सेवा के लिए नियमित रूप से सूख पर ध्यान देना चाहिए। उन पर जैविक कीटनाशक का उपयोग किया जा सकता है अगर कीट आक्रमण होता है।
Q9: अलीसम पौधे में सुखी पत्तियों को क्या करें?
A9: अलीसम पौधे में सुखी पत्तियों को प्रुनिंग के माध्यम से हटा सकते हैं। इससे पौधा और फूलों को नया विकास होगा।
Q10: अलीसम पौधे की सुरक्षा के लिए कौन सी देखभाल करें?
A10: अलीसम पौधे की सुरक्षा के लिए कीट प्रतिरोधी पौधे, प्राकृतिक कीटनाशकों का उपयोग और नियमित रूप से पानी देकर और खाद देकर उनकी देखभाल करें।
Meet Sumati Surya, a distinguished Professor of Theoretical Physics at the renowned Raman Research Institute in Bangalore. With a Ph.D. from Syracuse University in 1997, she has devoted her career to exploring the fascinating realms of classical and quantum gravity.
Sumati’s primary area of expertise lies in the Causal Set approach to Quantum Gravity, a captivating concept where spacetime continuum is replaced by a locally finite partially ordered set. Motivated by the HKMM theorem in Lorentzian geometry, which establishes the equivalence between the causal structure of a spacetime and the conformal class of the spacetime under mild causality conditions, Sumati’s work holds profound implications for the understanding of our universe.
Apart from her groundbreaking research in quantum gravity, Sumati Surya has a keen interest in quantum foundations. She delves into aspects of classical gravity related to Lorentzian geometry and causal structure, making her a well-rounded expert in her field.
Throughout her illustrious career, Sumati has collaborated with esteemed researchers and scholars, including Nomaan X, Abhishek Mathur, Fleur Versteegen, Stav Zalel, Yasaman Yazdi, Ian Jubb, Lisa Glaser, Will Cunningham, Astrid Eichhorn, David Rideout, Fay Dowker, and Rafael Sorkin, among many others.
With her profound contributions to theoretical physics and a relentless pursuit of unraveling the mysteries of gravity, Sumati Surya remains at the forefront of cutting-edge research, inspiring the next generation of scientists and leaving an indelible mark on the scientific community.