डेड नेटल, जिसे हिंदी में “मृतपत्रिका” कहा जाता है, एक प्रशांत मंगलवार का फूल है जो हमारी प्राकृतिक वस्त्री बाग़ान में खूब पाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम “Lamium” है, जो Lamiaceae परिवार से संबधित है। यह पौधा दिखत में रफ़ूअई में बागबानी साथ ही एक हार्दिक सुंदरता के बाढ़ जगाता है।
डेड नेटल का फूल आमतौर पर पुंगफली जिसे हम कॉलोकेशन कल्चरके तौर पर जानते हैं, की तरह होता है। इसकी अपार खूबसूरतता को देखकर आपको इसे एक पूरी खेलोत फूल समझना काफ़ी मुश्किल होगा, इसलिए इसे शव जैसी रंग वाले और जबरदस्त खुशबूदार पौधे के रूप में याद करना सर्वथा सही होगा। यह एक सदाबहार, लम्बी-जिंदा, छोटी-छोटी सदियों के नामी, ग्रह जैसा प्रदर्शन करने वाली योग्यता रखने वाली एक खास बगीचे में रस बहाती है।
डेड नेटल पौधा अप्रत्याशित खूबसूरतता की वजह से विख्यात है। इसके पुंगफली की पत्तियों के चारों ओर चिक्ना, विचित्र और लटकता हुआ परिणामस्वरूप पत्तियों की आधुनिक तारीख की वजह से यह खास होता है। ये सूक्ष्म फूल भी अपनी पककी हुई पत्तियो पर प्रयास करते हैं। इसका चेहरा पीले या बन्द फूल की तरह होता है, जो इसे लम्बे समय तक वैश्विक रंग बनाए रखती है। इसके चेहरे का रंग सबसे अधिक पीले गंध के संयोग को दर्शाती है और इसे उभरने वाले प्रकाश कंप्यूटिंग उपकरणों को चुनने की क्षमता दिए जाते हैं।
In conclusion, डेड नेटल, जिसे मृतपत्रिका भी कहा जाता है, एक प्रकृति की शानदार सुंदरता है जो हमारे बगीचे में बड़ी आसानी से पाई जा सकती है। इसका पुंगफली एक अनूठी खुशबूदार रंगीन फूल होता है जिसे देखकर आकर्षित हो जाते हैं। इसके पत्तियां, जो अपने अनूठे आकर्षण के कारण प्रसिद्ध हैं, इसे अन्य पौधों से हटाती हैं। डेड नेटल एक भव्य और शानदार पौधा है जो हमारे प्राकृतिक वातावरण में जीवन की प्राथमिकताएं भर देता है।
Contents
- डेड नेटल क्या है? (What Is Dead Nettle?)
- डेड नेटल का इतिहास (History Of Dead Nettle )
- डेड नेटल की प्रकार (Types Of Dead Nettle)
- अन्य भाषाओं में डेड नेटल के नाम (Dead Nettle Names In Other Languages)
- डेड नेटल के उपयोग (Uses Of Dead Nettle)
- डेड नेटल के फायदे (Benefits Of Dead Nettle)
- डेड नेटल के नुकसान (Side effects Of Dead Nettle)
- डेड नेटल का पौधे की देखभाल कैसे करें (How To Take Care Of Dead Nettle Plant)
- डेड नेटल के पौधे का सांस्कृतिक उपयोग (Cultural Uses Of The Dead Nettle)
- डेड नेटल का पौधा कहां पाया जाता है (Where Is The Dead Nettle Plant Found)
- डेड नेटल की प्रमुख उत्पादन राज्य (Major Producing State Of Dead Nettle)
- डेड नेटल के पौधे के चिकित्सा गुण (Medical Properties Of Dead Nettle)
- डेड नेटल का वैज्ञानिक नाम (Scientific Name Of Dead Nettle)
- डेड नेटल की खेती (Dead Nettle Cultivation)
- डेड नेटल की खेती (Farming of Dead Nettle)
- डेड नेटल/Dead Nettle FAQs
डेड नेटल क्या है? (What Is Dead Nettle?)
Dead nettle (Lamium purpureum) एक छोटी पेड़ जैसी पौधा विशेषता है। इसके पत्ते लम्बे, कच्चे हरे और माले यदि आपको अप्रभावित करना है तो सुन्दर होते हैं। यह औषधीय रूप से प्रमुख रूप से इयारिया में पाया जाता है, औषधीय गुणों के बहुत संसाधनों के रूप में जैविक खेतीबद्ध की जाने वाली है। जैविक उपयोग में डेड नेटल गेंहू, जिब में उन्नत संकल्प, जैविक कीटनाशक इत्यादि को उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है।
डेड नेटल केवल एक पौधा ही नहीं है, बल्कि एक फूलदार पौधा है जिसके समकालेन पौधों के निकट में छोटे से फूल नज़र आते हैं। ये खूबसूरत फूल विभिन्न रंगों में आते हैं, जैसे सफेद, गुलाबी, पीला और लाल। इसके फूल मधुर सुगंध और अलौकिकता को प्रदान करते हैं।
डेड नेटल एक मधुर जीवनशैली वाला पौधा है और इसे घरेलू उपयोग में उपयोग किया जा सकता है। इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में गंधूशोषण प्रदान करने और शरीर में वात को नष्ट करने के लिए जाना जाता है। इसके उपयोग से प्रमुख रूप से त्वचा समस्याओं, जैसे खुजली, दातों की सूजन, रूखाई और छाले, रोगों के उपचार में मदद मिलती है।
समर में डेड नेटल बहुत सुंदरता का वृक्ष होता है, जो वृक्षारोपण के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इसके सुंदर फूलों को इयारिया और कयरेरा के आवासीय फूलों में बहुत पसंद किया जाता है, और यह अनुजान पौधा विभिन्न गोलियों के रूप में भी अच्छी तस्वीर बनाने के लिए व्यापक रूप से उपयोग करने के लिए उपयोग होता है। इसके साथ ही, यह पौधा माले में बहुत पसंद किया जाता है, और इसे आवासीय वृक्षों के ऋण को चढ़ाने के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल करने के लिए उपयोग किया जाता है।
डेड नेटल का इतिहास (History Of Dead Nettle )
डेड नेटल, जिसे हिंदी में ‘मृत्यु विनैटल’ भी कहा जाता है, यह एक पौधे की तरह एहसास करता हूं। यह एक पौधा है जो हमारे पर्यावरण में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और हर किसी के लिए आकर्षक है। इसे मृत नेटल के नाम से जाना जाता है क्योंकि इसके पत्तों का समान्य रूप से लगता है कि वह मर चुके होते हैं, लेकिन यह वास्तव में जीवित होते हैं।
डेड नेटल का वैज्ञानिक नाम ‘लामियम प्रूरेंस’ है। यह विभिन्न रंगों में आता है, जैसे येरेलो, पीला और लाल। इसके भीतर सफेद फूल होते हैं जो इसे और भी खूबसूरत बनाते हैं। यह पौधा लंबे समय तक समय के साथ बढ़ता है, जिससे यह एक सुंदर नकरी प्रदर्शित करता है।
डेड नेटल पूरी दुनिया में पाया जाता है, लेकिन यह प्राथमिक रूप से यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और एशिया में पाया जाता है। इसे आमतौर पर बागवानी और आकर्षक मंदिरों में लगाया जाता है, जहां लोग इसकी खूबसूरती को प्रशंसा करते हैं।
डेड नेटल का उपयोग विभिन्न मंदिरों, उद्यानों और बगीचों में दृश्य को निखारने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, यह एक मधुमक्खी और मादक पौधे के रूप में भी इस्तेमाल हो सकता है। इसकी पत्तियों और फूलों में नेक्टार होता है, जो मधुमक्खियों को आकर्षित करता है और मध्यम सामग्री के रूप में उपयोग होता है।
इसके अलावा, डेड नेटल का उपयोग औषधीय गुणों के लिए भी किया जाता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट और शांतिदायक गुण होते हैं जो शरीर को स्वस्थ और सुखी रखने में मदद करते हैं। इसे दिल की बीमारी, आंखों की समस्याओं और त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
अपने रूपरंगी और उपयोगी गुणों के साथ, डेड नेटल एक पौधा है जिसे हमें मदद करती है हमारे पर्यावरण की खुशहाली के लिए। ये पुष्प मंडली और उनकी पत्तियों की सुंदरता सबको आकर्षित करती है और इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। हमें इस पौधे को संरक्षित रखना चाहिए ताकि हमें इसके द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं का आनंद ले सकें।
डेड नेटल की प्रकार (Types Of Dead Nettle)
डेड नेटल या डेड नेटल लगभग 50 प्रकारों में पाया जाता है। नीचे दिए गए हिंदी भाषा में कुछ प्रमुख प्रकार हैं, जिन्हें 6वीं कक्षा के छात्र आसानी से समझ सकते हैं:
1. हिया बैज
2. पूर्णिमा मौद्रिक
3. नीली गंध विषधारा
4. बांस लटा
5. पलाश गुच्छ
यहां दिए गए प्रत्येक प्रकार के बारे में अधिक जानकारी है:
1. हिया बैज: इस प्रकार का डेड नेटल हरे पत्तों वाला होता है और इसकी पत्तियों का आकार छोटा होता है। यह बारिश के मौसम में ज्यादा पाया जाता है।
2. पूर्णिमा मौद्रिक: यह डेड नेटल हस्तप्राप्त पौधे होते हैं और उनकी पत्तियों पर सफेद रंग की छाने वाले बिंदुओं की विशेषता होती है। इसकी पत्तियाँ लंबी और सरकती हुई होती हैं।
3. नीली गंध विषधारा: इस प्रकार के डेड नेटल के पत्ते सफेद या हरे रंग के होते हैं और उनमें गंध विषधारी औषधीय गुण होते हैं। इसकी पहचान आसानी से की जा सकती है क्योंकि इसके पत्ते गंधयुक्त होते हैं।
4. बांस लटा: यह डेड नेटल पौधे ज्यादातर शांत और जले भूमियां पर पाया जाता है। इसके पत्ते लंबे होते हैं और इसकी रोइंट हरी या बाँझ रंग की होती हैं।
5. पलाश गुच्छ: यह डेड नेटल पौधा धूप में अधिक उगता है और इसकी पत्तियों का रंग हरा होता है। इसके पत्ते वाले पौधे पशुओं को चुसाई के लिए खिलाए जाते हैं और यह उत्तर भारत में प्रमुखतः पाया जाता है।
उम्मीद है कि यह जानकारी 6वीं कक्षा के छात्रों को समझने में मददगार साबित होगी।
अन्य भाषाओं में डेड नेटल के नाम (Dead Nettle Names In Other Languages)
डेड नेटल को विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नाम से जाना जाता है। निम्नलिखित हैं इसके नाम कुछ प्रमुख भाषाओं में:
संस्कृत: मृत तंतु
बंगाली: मृत जाल
मराठी: मृत तार
गुजराती: मृत जाळ
पंजाबी: मर्जा जाल
तेलुगु: मृत नेटल
तमिल: मृत नेट्टल
कन्नड़: मृत नेटल
मलयालम: मरिच्च नेटल
उड़िया: मृत जाल
कृपया ध्यान दें कि ये अनुवाद सीधा और सरल तरीके से किए गए हैं और वास्तविक स्थानीय उपयोग अलग हो सकता है। अलग-अलग भाषाओं में वास्तविक उपयोग के लिए स्थानीय संस्थानों से सहायता लें।
डेड नेटल के उपयोग (Uses Of Dead Nettle)
डेड नेटल या डेडली नेटल (Dead Nettle) एक बागवानीकी फसल है जिसका उपयोग विभिन्न उद्दिपन्न उन्नत उत्पादों के रूप में किया जाता है। यह एक प्रकार का सब्जीवाला फूल है, जिसे सामान्यतया हरी या सफेद रंग के पुष्पों के रूप में देखा जा सकता है। डेड नेटल के कई प्रकार हो सकते हैं, जो अलग-अलग आकार और रंग में मिलते हैं।
डेड नेटल के कई उपयोग हैं, इनमें से कुछ महत्वपूर्ण उपयोग निम्नलिखित हैं:
1. मेडिसिनल उपयोग: डेड नेटल में विभिन्न औषधीय गुण पाए जाते हैं और इसे आयुर्वेद, होम्योपैथी, और जड़ी-बूटी चिकित्सा में उपयोग किया जाता है। यह मसूड़ों की सूजन को कम करने, खांसी और ठंडी से जुड़ी समस्याओं को दूर करने, स्वास्थ्य को बढ़ाने, और ब्लड पुरीफायर के रूप में फायदेमंद होता है।
2. खाद्य तत्व: डेड नेटल के पत्तों को पचाया जा सकता है और सलाद या सब्जी के रूप में खाया जा सकता है। इसमें विटामिन A, कैल्शियम, फोस्फोरस, मैग्नीशियम, विटामिन क, और फोलिक एसिड की संपूर्णता होती है, जो शरीर के लिए उपयोगी होते हैं।
3. जनसंख्या की नियंत्रण और भूमि संरक्षण: डेड नेटल एक पर्यावरण में मिलने वाला वीज का आदान-प्रदान करता है, जो सदियों से उत्तेजनाजनक पौधों और पशुओं को आकर्षित करने के लिए उपयोगी है। इसका सशस्त्र नीचे करना लहरी पाधरो में भूमि की संकल्पना और प्रतीक्षा को पुनर्जीवित करने में मदद करता है।
4. उद्दिपन्न उत्पाद: डेड नेटल का उपयोग बेकिंग और पैकेजिंग उद्दिपन्न उत्पादों के लिए किया जाता है। इसके पत्तों का प्रयोग ब्रेड, केक, कूकीज़, और रेसिपी में लाईव पुदीने के रूप में भी होता है।
इस प्रकार, डेड नेटल का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है और यह एक महत्वपूर्ण और उपयोगी पौधा है।
डेड नेटल के फायदे (Benefits Of Dead Nettle)
डेड नेटल या डिड नेटल सागवान के पौधे का एक प्रकार है और इसे गार्डेन में फूलों की सुंदरता के लिए बगीचे में उगाया जाता है। यह वनस्पति पहले से ही यूरोप में पायी जाती है, लेकिन अब यह विश्व भर में विभिन्न भूभागों में पहुंच गई है। आइए देखते हैं इसके लाभ और फायदे:
1. सर्दी की बीमारी को दूर रखें: डेड नेटल का सेवन शरीर को ठंड से बचाने में मदद करता है और सर्दी जैसी बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है।
2. विश्राम और उत्तेजना का स्रोत: इसके प्रयोग से तनाव को कम करने और मन को शांत करने में सहायता मिलती है। यह मस्तिष्क को उत्तेजित करता है और मन को नयी ऊर्जा देता है।
3. पाचन तंत्र को सुधारें: डेड नेटल में मौजूद लक्षणों के कारण इसका सेवन पाचन तंत्र को सुधारता है और भोजन का पचन कम्प्लेक्स को दूर करता है।
4. मधुमेह के इलाज में मददगार: डेड नेटल मधुमेह के रोगियों के लिए अत्यंत उपयोगी होता है क्योंकि यह रक्त में शरीर के शक्तिशाली रूप से ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है।
5. सूजन को कम करें: यह वनस्पति शरीर में होने वाली आंदोलन प्रक्रियाओं को नियंत्रित करती है और मांसपेशियों की सूजन को कम करने में मदद करती है।
इन सभी लाभों को देखते हुए डेड नेटल को नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। यह नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी पक्षाघात या साइड इफेक्ट का कारण नहीं बनता है, लेकिन अगर आप एलर्जी के प्रति अतिसंवेदनशीलता हैं, तो इसका सेवन करने से पहले एक चिकित्सक से परामर्श लेना उचित होगा।
डेड नेटल के नुकसान (Side effects Of Dead Nettle)
डेड नेटल एक पौधे का नाम है जो कि पुरानी देवदार वनस्पतियों में से है। यह एक रंगीन फूलों वाला पौधा है, जिसे खूबसूरतता के लिए खिलाया जाता है। इसके अलावा, डेड नेटल को औषधीय गुणों की वजह से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। हालांकि, कई बार इसका उपयोग करने पर कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। यहां हम डेड नेटल के कुछ आम साइड इफेक्टों की बात करेंगे:
1. त्वचा धब्बे और खुजली: कुछ लोगों को डेड नेटल का सीधा संपर्क त्वचा पर धब्बे और खुजली के रूप में प्रभावित कर सकता है। इसलिए, सवधानी से इसका इस्तेमाल करें और यदि इस प्रकार का कोई प्रभाव दिखें तो त्वचा की देखभाल करने के लिए चिकित्सक से मिलें।
2. पेट में परेशानी: अगर आप डेड नेटल का सेवन बड़ी मात्रा में करते हैं तो इससे आपको पेट में परेशानी भी हो सकती है, जैसे कि बदहजमी, उलटी या पेट दर्द। इसलिए, अनुशंसा है कि आप डेड नेटल को मात्रबद्धता के साथ खाएं।
3. श्वसन समस्या: कुछ लोगों में डेड नेटल का सेवन करने पर श्वसन की समस्या हो सकती है। उन्हें सांस लेने में परेशानी हो सकती है और सांस लेने में अटकाव या लगन जैसा महसूस हो सकता है। इस प्रकार की समस्या होने पर तत्पर रहें और तुरंत चिकित्सक से मिलें।
4. हार्ट रेट संबंधित समस्याएं: कुछ मामलों में डेड नेटल का सेवन करने पर दिल की धड़कन बढ़ सकती है और यह रिस्क हार्ट संबंधित समस्या जैसे जीरोगिया का कारण बन सकता है। यदि आपको हृदय से संबंधित समस्याएं हैं, तो बेहतर होगा कि आप डेड नेटल का सेवन न करें।
इन साइड इफेक्टों को नजरअंदाज न करें और हमेशा चिकित्सक की सलाह लें। आपके स्वास्थ्य की देखभाल अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसलिए अगर आपको कोई इस्तेमाली गंभीर समस्या हो, तो तत्परता से डॉक्टर से मिलें।
डेड नेटल का पौधे की देखभाल कैसे करें (How To Take Care Of Dead Nettle Plant)
डेड नेटल (Dead Nettle) पौधे की देखभाल करना कोई भी व्यक्ति आसानी से कर सकता है। यह रंग-बिरंगे पुष्पों वाला पौधा होता है और इसे घर या बगीचे में खूबसूरती के लिए उगाना एक अच्छा विचार होता है। यहां बताए गए कुछ सरल टिप्स के माध्यम से आप डेड नेटल पौधे की सही देखभाल कर सकते हैं:
1. जमीन का चुनाव: डेड नेटल पौधा विषमस्थानीय प्लांट है और इसे ठंडी मिट्टी में विकसित करना बढ़िया रहेगा। यह प्रीफर्स धूल मिट्टी या मिट्टी से मिश्रित ताल मिट्टी की पसंद करता है।
2. समयिक जल की व्यवस्था: जल उचित रूप से पवन और नमी प्रदान करने के लिए नियमित रूप से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
3. रोचक आकर्षक पोषण: किसी भी उर्वरक का उपयोग करने से पहले पौधे को पहले से उचित ढंग से जैविक खाद से पौधे को खिलाते हुए पहले धो लें।
4. छाया और बीज लगाने का सही समय: डेड नेटल पौधे को अधिक पहाडगंज मिट्टी और छाया वाली जगह पसंद होती है। इसलिए, पौधे को या उसके बीज को उपयुक्त मौसम की बेल्ट में उगाएं।
5. सफाई और कटिंग की व्यवस्था: पूरी तरह साफ़ सफ़ाई रखें और कोई भी रोग और कीटाणुओं को रख सकते हैं मारने के लिए अपने पौधे की काटनी करें।
6. प्रतिरक्षा बढ़ाना: खेती की खेती में पूर्णता ठीक नहीं हो सकती है। इसलिए, आपको अपने पौधे को मकाइश्मल और वित्तीय समर्थन प्रदान करने के लिए सतर्क रहना चाहिए।
7. प्रयोगी ब्रिकेट्स: कभी-कभी एक नर्सरी से पौधे खरीदने के लिए एक अच्छा साधन ब्रिकेट्स हो सकते हैं। इसलिए उन्हें एक बार विचारशीलता से चुनने के लिए खुद देखें।
इन सरल टिप्स का पालन करके आप आसानी से डेड नेटल पौधे की देखभाल कर सकते हैं और इसे विकसित कर सकते हैं। यहां रख रखाव और संवर्धन के लिए निरंतरता बनाना आवश्यक होता है। यदि आप इसे सही देखभाल करेंगे तो यह आपको एक खूबसूरत और आकर्षक बागान प्रदान करेगा।
डेड नेटल के पौधे का सांस्कृतिक उपयोग (Cultural Uses Of The Dead Nettle)
डेड नेटल, जिसे संस्कृत में “यथाशक्ति विष” कहा जाता है, एक पौधा है जिसका वैज्ञानिक नाम “लामियम प्रुर्पुरिएम” है। यह पौधा पर्षीयं प्रकृति का होता है और यह बगीचों और खेतों में आमतौर पर बड़े पैमाने पर पाया जाता है।
यथाशक्ति विष का उपयोग घरेलू उपचारों में किया जाता है। इसे पानी में उबालकर इसका रस बनाया जाता है और फिर इस रस को इंगिटिंग उपचार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसे त्वचा की इन्फेक्शन से बचाने, छाले और घावों को ठीक करने, दर्द कम करने, चोट के निशान मिटाने और एक्ज़ीमा जैसी त्वचा समस्याओं का इलाज करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा, यथाशक्ति विष को उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने, श्वसन संक्रमण को दूर करने और पेप्टिक अल्सर जैसी समस्याओं का उपचार करने के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है। यथाशक्ति विष इलाज विग्यान कार्यक्षेत्र में भी उपयोगी हो सकता है क्योंकि इसके माध्यम से रोगों के खिलाफ विनाशकारियों की गठन की जा सकती हैं।
इस प्रचलित पौधे का उपयोग कई सदियों से किया जा रहा है और अधिकांश लोगों ने इसके औषधीय गुणों के लिए इसका उपयोग किया है। हालांकि, सावधानीपूर्वक उपयोग करना चाहिए और इसे ताजगी के साथ खाना चाहिए क्योंकि इसके अधिक मात्रा में सेवन से उल्टी, जी मिचलाना और पेटदर्द जैसी परेशानियां हो सकती हैं। इसके साथ इसे बाल संबंधित समस्याओं जैसे गिरते बालों को रोकने, रुसी को कम करने और झड़ते बालों को बढ़ाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
यथाशक्ति विष एक सप्ताह तक इंटरनली और एकसेटर्नली दोनों तरीकों से उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इसे पहले किसी चिकित्सक से परामर्श करना बेहतर होगा।
डेड नेटल का पौधा कहां पाया जाता है (Where Is The Dead Nettle Plant Found)
डेड नेटल जो की संस्कृत में ‘विषधारी’ कहलाती है, एक प्रकार की पौधी है जो वनस्पति विज्ञान में ‘लामियारिया’ नाम से भी जानी जाती है। यह सब्जियां लघु या संकुचित वर्ग में सम्मिलित होती हैं और आमतौर पर ऊंचाई में कई इंच तक मेरवाने जाते हैं। डेड नेटल धारण करने वाली पौधों को इज़्ज़ी फ़ुटप्रिंट होती है, जिसका मतलब है कि इन्हें हमें बहुत कम देखा जाता है।
डेड नेटल दूसरे पौधों की तुलना में कम जगहों पर पाया जाता है। यह भारत, इयरलैंड, अंग्रेज़ी शैटलैंड, और अन्य ग्रीष्मकालीन खेतों जैसे संगठित संपदाएं और बगीचों में पाया जाता है। इसके अलावा, डेड नेटल जंगली विस्तारों, खेतों, तलाबों, और नदीयों के पास भी आमतौर पर पाया जाता है। अपार्टमेंट और घरों के आंतरगृह में इसे उगाना भी बहुत पसंद किया जाता है।
यह पौधा आमतौर पर गहरी हरी पत्तियों वाला होता है और वैज्ञानिक दृष्टि से इसके फूल पुष्पित कानपूरी (पांडु) में होते हैं। इसकी पत्तियां गुच्छे में व्यापक रूप से सजी होती हैं, जो इस पौधे को शोभा प्रदान करती हैं। डेड नेटल के फूल आकर्षक और चमकीले होते हैं और छोटे-छोटे पांव वाले होते हैं। यह एक मेडिटेरेनियन पौधा है और उपयोगी किस्माएं उगाई जाती हैं क्योंकि इसकी पत्तियां खाने योग्य होती हैं और इसके रंगबिरंगे पांव उसकी सुंदरता को बढ़ाते हैं।
डेड नेटल की प्रमुख उत्पादन राज्य (Major Producing State Of Dead Nettle)
डेड नेटल (Dead Nettle) एक पौधा है जो ज्यादातर भारत के कुछ प्रमुख राज्यों में बड़े पैमाने पर उत्पादित होता है। यह पानी की कमी और अधिकता वाले जलवायु में कृषि किसानों द्वारा उगाया जाता है। इसका मुख्य उत्पादन राज्य हैंद्राप्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान और केरल में होता है। इसके अलावा, दूसरे देशों में इसका उत्पादन भी होता है।
यह एक छोटा सा पौधा होता है जिसका उपयोग खाद्य, औषधीय और कृषि उद्योग में किया जाता है। यह भोजन का एक आवश्यक जंतु चारा है और उसमें विटामिन-सी, कैल्शियम, पोटैशियम आदि में धेर सारे पोषक तत्व होते हैं। डेड नेटल की खेती कृषि किसानों के लिए एक मुनाफावसूल कार्य होती है और इससे खाद्य और औषधीय उत्पादों की मांग भी पूरी होती है।
डेड नेटल के पौधे के चिकित्सा गुण (Medical Properties Of Dead Nettle)
डेड नेटल, जिसे हिंदी में कटी हुई मेंढ़ा भी कहते हैं, एक पौधे की तरह दिखने वाली जड़ी-बूटी है जिसे आमतौर पर घास के रूप में उगाया जाता है। यह पौधा दोपहर के प्रभावी धूप में भी अच्छी तरह से उगाता है और इसलिए यह कठिनाई से पालने वाली पौधा है। यह प्राकृतिक रूप से अभयारण्य और बगीचों में पाया जाता है।
डेड नेटल कितने प्रकार के होते हैं?
1. लाल फॉक्सज्ग्रोूव (Red Dead Nettle) – यह रंगीन फूलों वाला प्रमुख डेड नेटल होता है और यह महीने अक्टूबर और नवंबर में उगारता है।
2. यूरोपियन अरेब नेटल (European White Dead Nettle) – इस की पत्तियां सफेद रंग की होती हैं और फूल गुलाबी या पीले रंग के होते हैं।
3. शिनी अरेब नेटल (Shinny White Dead Nettle) – इसकी पत्तियां महकती हुई होती हैं और फूल बैंगनी या सफेद रंग के होते हैं।
डेड नेटल के चिकित्सीय उपयोग:
1. डेड नेटल गर्मी, प्रदर रोग, त्वचा संबंधी रोग, गले के दर्द, गंघाने के दर्द और पाचन संबंधी समस्याओं के इलाज में मददगार होता है।
2. यह एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण इन्फेक्शन रोकने में सक्षम होता है।
3. अपच, चुभन और गंदगी से होने वाले दर्द को कम करने में सहायता करता है।
4. इसकी पत्तियों को ग्रीन सैलैड में मिलाकर खाने से पौष्टिकता मिलती है।
5. डेड नेटल में पाये जाने वाले विटामिन और मिनरल्स शरीर में उर्जा बढ़ाएं और पोषण दें।
इन रुचिकर वैचारिक शक्तियों के कारण, डेड नेटल को आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाओं में अंतर्गत उपयोग किया जाता है। यह एक प्रभावी औषधि होती है जिसे सावधानीपूर्वक और वैद्यकीय मार्गदर्शन के साथ ही उपयोग किया जाना चाहिए।
यह उम्मीदवारों के लिए एक रुक टाइप हैंडिकैप भी है और उन्हे इस उत्पाद की आवश्यकता होनी चाहिए ताकि इसके फायदे से वे लाभान्वित हो सकें।
डेड नेटल का वैज्ञानिक नाम (Scientific Name Of Dead Nettle)
डेड नेटल या डेड नेटल, जिसे वेविवुला से भी जाना जाता है, एक पौधे की जाति है जो साधारणतः शांतिप्रिय भूमि में पायी जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम Lamium है। यह सुंदर और जलप्राप्त पाधप होता है, जिसके पर्दे के पत्तों की आकृति कम वास्तविक पत्ते से मिलती है। इसके पत्ते वस्त्रीय और पीतल स्वरूप के होते हैं और मुख्य रूप से लाल या गुलाबी रंग के होते हैं। यह एक मसाला योग्य पौधा है जिसे अनेकता में शामिल किया जाता है, संगठनित बगीचों या पार्कों में इसका उपयोग होता है।
यह पौधा शांत इलाकों में आसानी से प्रजनन कर सकता है, और इसलिए इसे अनेक क्षेत्रों में हंगामा पैदा करने के लिए रोपण करना अक्सर प्राथमिकता होती है। इसका इस्तेमाल आमतौर पर आर्किटेक्चरल प्रोजेक्ट्स और भूमिगत उपयोग के लिए किया जाता है, जहां वह पौधा एक आदर्श विकल्प हो सकता है जो लंबे समय तक धरातल सुरक्षित रहता है और प्रचुरता और सुंदरता को आंतरिक या बाहरी यौगिक के माध्यम से जोड़ता है।
डेड नेटल की खेती (Dead Nettle Cultivation)
डेड नेटल, जिसे हिंदी में ‘मृत भूमि’ कहा जाता है, एक ऐसी पदार्थित उद्भिद है जिसे आप अपने घर के पास की जगह में आसानी से उगा सकते हैं। यह प्रमुखतः त्रिरंगी फूलों के बारे में जाना जाता है, जिनका रंग हरे, सफेद और लाल होता है।
पहले बात करते हैं इस पौधे की उपयोगिता की। डेड नेटल एक प्रकार का भूमिगत व्यापारिक उद्यान है, जिसे पौधों के पक्षों के साथ-साथ आप दरवाजे और ऑफिस के इमारतों के आस-पास अपने आरामदायक स्थान या गलियों में भी उगा सकते हैं। यह एक बहुमुखी पौधा है, जिसे आप इंटरियर और एक्सटीरियर उद्यान में दोनों में उगा सकते हैं।
इस पौधे के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीजें हैं उपयुक्त मिट्टी, पानी, और सूखा। डेड नेटल एक रेशेदार पौधा होता है जिसे धूप और आरामदायक स्थान पसंद होता है, इसलिए आप अमीर और आर्द्र भूमि का चयन कर सकते हैं। पौधों को सफेद पत्तियों वाले भीम बताते हैं, इसलिए अपनी खेती के लिए आप उन्हें अच्छी तरह से ढंकें ताकि वे अच्छे संदर्भ में विकसित हो सकें।
पौधे को उगाने के लिए, आपको उपयुक्त मिट्टी के लिए गहरे ढेले तैयार करने की जरूरत होती है। उचित मिश्रण में कंपोस्ट, मिट्टी, मूर्त-गारों का ऊर्वरक, और पानी को मिलाएं। इस मिश्रण को पॉट, मटकी, या पर्यावरण फूलदानों में डालें जिसे एक सुनदर स्थान में रखें जहां धूप अच्छे संदर्भ में उपलब्ध होती है।
पौधे को लगभग 2-3 हफ्तों में उग जाएंगे। अगर आप इंटरियर में उगा रहे हैं तो ध्यान दें कि पौधे को रोज अच्छी धूप मिले ताकि वे अच्छे संदर्भ में वृद्धि कर सकें। उबालते या पानी से धूप का उपयोग करके भी आप उन्हें प्राप्त कर सकते हैं।
यदि आप स्थानीय ट्यूल्स के माध्यम से पोषण करना चाहते हैं, तो सभी केमिकल नियमित रूप से उगाने वाले पौधे के लिए आवश्यक हैं। प्रति माह में एक बार पोषण करें और डेड नेटल पौधे को एक हफ्ते में एक बार पानी दें। यदि पानी अधिक होता है, तो ध्यान दें कि पौधें बरबाद न हो जाएं।
डेड नेटल पौधों को सजाने में एक चाइनीज जाड़ी मौसम जैविक उपहार की तरह काम कर सकते हैं। उन्हें अलग-अलग साइज़ के पॉटों के बीच में रखें और फूलदान में रखने से पहले उन्हें चाइनीज जैड जड़ता हैंडल लगाएं। इस तरह, आप अपने घर के लिए सुंदर और आकर्षक डेड नेटल के बाग का मजा ले सकते हैं।
डेड नेटल की खेती (Farming of Dead Nettle)
डेड नेटल या डेड नेटल फार्मिंग सब्जी उत्पादन की एक विशेष प्रकार की कृषि प्रथा है। यह किसानों के बी सी या बेगुम जमीन पर बढ़ायी जाती है। यह एक मूल्यवान ताजगी प्रदान करने वाली निवासी सुवना पौधा (native perennial plant) है जिसका वनस्पति विज्ञानी उपनाम “लेमिअमश्ट्रान” है।
डेड नेटल ही वास्तविकता में यह एक वनस्पति का पौधा नहीं है। इसकी तीन प्रमुख प्रकार हैं – लेमिअमश्ट्रान (जिसे हम डेड नेटल कहते हैं), लेमिअमजिनेन्स (लामबा डेड नेटल) और लेमिअमजनेन्स (चौड़ा डेड नेटल)।
डेड नेटल फार्मिंग सामान्य रूप से केशरियों और नरियल खेतों के आसपास प्राथमिक खेतों में की जाती है। इन क्षेत्रों के मृत भूमि (वहां जहां वे पैदा की गई हैं) पर उन्नतिशीलता में सुधार करने की आवश्यकता होती है, और डेड नेटल संकर सुवना जटिलताओं को शीघ्रतापूर्वक समाधान करती है।
डेड नेटल फार्मिंग शीर्षक में वचनबद्ध है कि यह एक अद्वितीय तरीके से उत्पादन किसानों, खाद्य उत्पादकों और उद्यानकर्मियों के लिए बढ़ती हुई आवश्यकताओं का एक मीठे स्वरूप है, जो अत्यधिक वानस्पतिक मानवीय संसाधनों का कम से कम उपयोग करती है। यह उत्पादनिकता और प्रकृति से मित्रता के बीच सामंजस्य बनाता है।
डेड नेटल पौधा अपनी वनस्पतिक मानवीय संसाधनों के संकट का समाधान भी खोज सकती है, क्योंकि वनस्पति औषधीय गुणों का भंडार होती है और उत्पादनित आयात बहुत कम है। इसलिए, डेड नेटल फार्मिंग कृषि प्रथाओं में जनपद, प्रोग्राम और उत्पादों के विकास के रूप में एक कारून विकल्प है।
इन सभी कारणों से यहां तक कि डेड नेटल फार्मिंग योजनाएं शौचालय के बदलते मूल्यों, अस्वास्थ्यकर खर्च और पेड़ शौचालय संबंधी स्थितियों को देखते हुए विकसित हुई हैं। इसलिए, डेड नेटल फार्मिंग हमारे आसपास की समस्याओं और चुनौतियों का समाधान प्रदान कर सकती है और वृक्षारोपण, प्रकृति से मित्रता और वनस्पतिक विकास को प्रोत्साहित कर सकती है।
डेड नेटल/Dead Nettle FAQs
Q1: डेड नेटल क्या होता है?
A1: डेड नेटल एक पौधे की एक विधा है जिसे मदद और उपयोग के लिए उगाया जाता है।
Q2: डेड नेटल की पहचान कैसे करें?
A2: डेड नेटल को पहचानने के लिए ध्यान देने वाली चीजों में सूखी पत्तियों, पुरानी उबली हुई चाय के पौधे जैसी दिखती हैं।
Q3: डेड नेटल के कौन-कौन से प्रकार होते हैं?
A3: डेड नेटल के प्रमुख प्रकार शामिल होते हैं: लैमियम डेड नेटल, क्रीम डेड नेटल, पर्पल डेड नेटल और गोल्डन डेड नेटल.
Q4: डेड नेटल का वानस्पतिक नाम क्या है?
A4: डेड नेटल का वानस्पतिक नाम “लामियम पुर्पुरियम” है।
Q5: डेड नेटल की संभावित उचित गिनती क्या है?
A5: डेड नेटल की संभावित उचित गिनती 150 से अधिक प्रजातियों में हो सकती है।
Q6: डेड नेटल पौधे के कौन-कौन से भागों का उपयोग किया जाता है?
A6: डेड नेटल पौधे के पत्तों, फूलों और बीजों का उपयोग किया जाता है।
Q7: डेड नेटल का वैज्ञानिक महत्व क्या है?
A7: डेड नेटल का वैज्ञानिक महत्व उसकी वनस्पतिक प्रोपर्टीज के समाधान में होता है, जैसे कि एंटीआइंफ्लेमेट्री, एंटीबैक्टीरियल और गुणकारी प्रभाव।
Q8: डेड नेटल का इस्तेमाल किसे करना चाहिए?
A8: डेड नेटल का इस्तेमाल आयुर्वेदिक चिकित्सा, घरेलू उपचार और पौधों के शौचालय में सहायता करने के लिए किया जाता है।
Q9: डेड नेटल के सेवन के लाभ क्या हैं?
A9: डेड नेटल के सेवन से पाचन तंत्र को सुधार मिलता है, शरीर की कमजोरी कम होती है, श्वसन प्रणाली को मजबूती मिलती है और शरीर के विभिन्न रोगों का इलाज होता है.
Q10: डेड नेटल का पौधा कहाँ पाया जाता है?
A10: डेड नेटल पौधा विभिन्न भूभागों में मिलता है, जैसे कि अफ्रीका, यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका में।
Introducing Vidita Vaidya, an eminent Indian neuroscientist and esteemed professor at the Tata Institute of Fundamental Research, Mumbai. With a distinguished scientific career, she has made remarkable contributions to the fields of neuroscience and molecular psychiatry.
Vidita’s research endeavors revolve around studying the neurocircuitry of emotion, delving into the intricate workings of the human brain. Her dedication and outstanding achievements have not gone unnoticed, as she has been honored with prestigious awards such as the Shanti Swarup Bhatnagar Prize in 2015 and the National Bioscience Award for Career Development in 2012.
In addition to these accolades, Vidita Vaidya was also recognized with the Infosys Prize in Life Sciences in 2022, solidifying her position as a frontrunner in the realm of life sciences research.
During her academic journey, she had the privilege of being mentored by Professor Ronald Duman at Yale University while pursuing her doctorate. This valuable experience played a crucial role in shaping her expertise and passion for neuroscience.
As a professor, researcher, and distinguished scholar, Vidita Vaidya continues to inspire and impact the scientific community with her groundbreaking work. Through her relentless pursuit of knowledge and understanding of the brain’s complexities, she opens new avenues for unraveling the mysteries of human emotions and brain function.