इंग्लिश मैरीगोल्ड फूल (English Marigold flower) एक प्रसिद्ध फूल है जो विभिन्न पौधों की उद्दीपना और सजावट के लिए उपयोग होता है। इसका वैज्ञानिक नाम ‘कैलेंडुला एक्टेरिका’ है और यह अंग्रेजी मैरीगोल्ड (English Marigold) के रूप में भी जाना जाता है। यह वानस्पतिक गण ‘एस्टरेसे’ में संगठित है, जो दुनिया भर में पाया जाता है। इंग्लिश मैरीगोल्ड फूल विशेष रूप से उपयोगी फूल होता है क्योंकि इसका रंगबिरंगा और चमकिला आकर्षक दृश्य प्रदान करता है।
इंग्लिश मैरीगोल्ड का फूल छोटा होता है, जिसमें गहरे नारंगी और पीले रंग के पत्ते होते हैं। यह फूल साधारणतः सरकने वाले या सादे बगीचों के लिए पसंद किया जाता है, लेकिन इसका उपयोग खासकर अभिनय आभूषणों और पंद्रहवीं अविवाहिती वर की नुमाइश के लिए भी किया जाता है। इसके छोटे-छोटे फूल शीत ऋतु में सुंदरता पढ़ाएँ बांधने का काम भी करते हैं। इंग्लिश मैरीगोल्ड फूल में अनेक पृष्ठ के फूल पौधों के बीच में सुंदरता और आकर्षण की ओर थोहबा देने वाला कारक होता है, जो लोगों को इसे उपयोग करने के प्रति आकर्षित करता है।
इसके अलावा, इंग्लिश मैरीगोल्ड फूल के औषधीय गुणों का भी उपयोग किया जाता है। इसके फूलों में तत्व शामिल होते हैं जो स्किन केयर उत्पादों, आयुर्वेदिक दवाओं और पैराम्यूटिकल उत्पादों में उपयोग होते हैं। इंग्लिश मैरीगोल्ड फूल के निम्नलिखित गुणों का खयाल रखना आवश्यक है:
– एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण: यह उत्तेजनाउपचारिक गुण प्रदान करता है और जले हुए, काटे हुए, छूने पर छोटे से लकीर के किसी भी प्रकार से स्किन विस्तार पर मदद करता है।
– आंशिक जरासंग्रहण प्रतिक्रिया: इसका इस्तेमाल पाचन, गैस, उच्च रक्तचाप, श्वास और एक्ने जैसी समस्याओं के इलाज में किया जाता है।
– एंटीबैक्टीरियल गुण: इसकी अनुमति से इंफेक्शन से रक्षा करने और रेन्यू में सहायता मिलती है और यह एंटी एजएंट के रूप में भी काम करता है।
सारांश के रूप में, इंग्लिश मैरीगोल्ड फूल एक आकर्षक और महत्वपूर्ण फूल है जो खूबसूरत और सौंदर्यपूर्ण वातावरण प्रदान करता है। इसके उपयोगी गुणों के कारण, इसे बगीचों, उद्दीपना के लिए उपयोग, औषधीय उपयोग और अभिनय आभूषण बनाने के लिए खास तौर पर पसंद किया जाता है। इंग्लिश मैरीगोल्ड फूल हमारे पर्यावरण में सुंदरता और पुष्टि की एक प्रतिष्ठित प्रतीक है, जिसे हम सभी आनंद उठा सकते हैं।
Contents
- इंग्लिश मैरीगोल्ड क्या है? (What Is English Marigold?)
- इंग्लिश मैरीगोल्ड का इतिहास (History Of English Marigold )
- इंग्लिश मैरीगोल्ड की प्रकार (Types Of English Marigold)
- अन्य भाषाओं में इंग्लिश मैरीगोल्ड के नाम (English Marigold Names In Other Languages)
- इंग्लिश मैरीगोल्ड के उपयोग (Uses Of English Marigold)
- इंग्लिश मैरीगोल्ड के फायदे (Benefits Of English Marigold)
- इंग्लिश मैरीगोल्ड के नुकसान (Side effects Of English Marigold)
- इंग्लिश मैरीगोल्ड का पौधे की देखभाल कैसे करें (How To Take Care Of English Marigold Plant)
- इंग्लिश मैरीगोल्ड के पौधे का सांस्कृतिक उपयोग (Cultural Uses Of The English Marigold)
- इंग्लिश मैरीगोल्ड का पौधा कहां पाया जाता है (Where Is The English Marigold Plant Found)
- इंग्लिश मैरीगोल्ड की प्रमुख उत्पादन राज्य (Major Producing State Of English Marigold)
- इंग्लिश मैरीगोल्ड के पौधे के चिकित्सा गुण (Medical Properties Of English Marigold)
- इंग्लिश मैरीगोल्ड का वैज्ञानिक नाम (Scientific Name Of English Marigold)
- इंग्लिश मैरीगोल्ड की खेती (English Marigold Cultivation)
- इंग्लिश मैरीगोल्ड की खेती (Farming of English Marigold)
- इंग्लिश मैरीगोल्ड/English Marigold FAQs
इंग्लिश मैरीगोल्ड क्या है? (What Is English Marigold?)
इंग्लिश मैरीगोल्ड फूल, जिसे वैज्ञानिक भाषा में Calendula officinalis के नाम से जाना जाता है, पोषक एवं डबल दलहंसी वाला एक हरी-पीली फूल है। यह फूल एक प्रकार के महकते तेलों के लिए बहुत मान्यता प्राप्त करने वाला है और इसका उपयोग निरोगी त्वचा की अनेक समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है।
मैरीगोल्ड एक प्रकार की फलीदार सब्जी होती है जिसे खाने के उद्देश्य से इस्तेमाल किया जाता है। इसके फूलों में प्रोटेक्टीव फ्लवोनॉयड एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज वाले कैलेन्डुलिन, क्योसियन और कैरोटीनॉइड्स शामिल होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स के विपरीत प्रभावों से लड़ने में मदद करते हैं। इसके इंटीमायलर्य गुण और सूजन को कम करने में मदद करने वाली प्रोपर्टीज के कारण, इसे गहरेपन और दर्द को कम करने के लिए ऊपयोग किया जाता है।
इंग्लिश मैरीगोल्ड फूल का प्रयोग रंगाई और आरोग्य सेक्टर में भी किया जाता है। इसका पौधा आकारशाली और मध्यम संश्लेषण माना जाता है, जिसे मसरूम व्यक्तियों के लिए स्किन केयर उत्पादों में उपयोग किया जाता है। इसके फूलों की पत्तीदार सुगंध, अपार सौंदर्यिक रंगत और बागीचों की खूबसूरती को बनाए रखने के लिए भी उपयोग होती है।
इसका फूल तापमान स्थायीत्व और रोग प्रतिरोध की बजाय जब लाल या नीली रंगाई धारण करता है, तो इसे व्यक्तिगत और सामाजिक घटनाओं के संकेत अर्थ में भी संबोधित किया जाता है। इंग्लिश मैरीगोल्ड फूल का प्रयोग भारतीय घरेलू नुस्खों और आयुर्वेदिक औषधियों में भी किया जाता है।
संक्षेप में कहें तो, इंग्लिश मैरीगोल्ड फूल एक गहरे पीले रंग का खूबसूरत फूल है जिसका उपयोग रोगों का इलाज, त्वचा की देखभाल और खाद्य में किया जाता है। इसे एक प्राकृतिक सुगन्धित संदर्भ के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
इंग्लिश मैरीगोल्ड का इतिहास (History Of English Marigold )
नमस्ते दोस्तों! आज मैं एक बागवानी पेड़, इंग्लिश मैरीगोल्ड, के इतिहास के बारे में बताऊंगा। यह एक ऐसा पौधा है जिसे बगीचे में अक्सर देखा जाता है और यह अपने सुंदर और चमकदार फूलों के लिए प्रसिद्ध है।
इंग्लिश मैरीगोल्ड का वैज्ञानिक नाम Tagetes patula है और यह अमेरिका की सुनहरी छिड़कनेवाली मैरीगोल्ड के परवानगी की प्रजातियों में से एक है। इसकी उत्पत्ति सेंट्रल अमेरिका में हुई थी और इंग्लैंड में यह माना जाता है कि इसे शासक हेनरी सड़क ने एक अहमदाना फूल घराने के रूप में भेंट किया था।
इंग्लिश मैरीगोल्ड एक छोटा पौधा है, जो सामान्य रूप से 25 से 30 सेंटीमीटर की ऊँचाई तक पहुंचता है। इसके फूल खुदरा होते हैं और सर्वथा एक वर्षीय पौधा होता है। यह एक महीने से लेकर 4 महीनों तक पुश्पित रहता है और इसके फूल ठंड और उष्णता क्षेत्र दोनों में पाए जा सकते हैं।
यह पौधा अपने सुंदर फूलों के लिए अत्यंत प्रसिद्ध है जो गुलाबी, पीले, हरे और लाल रंग के होते हैं। इसके फूल एकदिवसीय होते हैं, यानि यह शाम को खिलने वाले फूल होते हैं और जब उनकी खाना खत्म हो जाती है, तो वे रफू पे टुट जाते हैं।
इस पौधे का उपयोग मुख्य रूप से सुंदरता के लिए किया जाता है, लेकिन इसके फूलों का तेल और पत्तियाँ आर्कियन कॉम्पाउंड्स की संपत्ति के कारण माइक्रोबियल रोगों के इलाज में भी उपयोग होती हैं। यह पौधा मुख्य रूप से खुशबूदार तत्वों के लिए मशहूर है और इसे सूगंधद्रव्य और एंटिसेप्टिक के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
तो दोस्तों, यह था इंग्लिश मैरीगोल्ड की कहानी। यह एक सुंदर पौधा है जिसका उपयोग बगीचे की सुंदरता बढ़ाने के लिए किया जाता है। आपको यह पोस्ट कैसी लगी, कृपया हमें अपनी प्रतिक्रिया दें।
इंग्लिश मैरीगोल्ड की प्रकार (Types Of English Marigold)
मैरीगोल्ड भारत में एक लोकप्रिय फूल है, जिसे अलग-अलग अवसरों पर इस्तेमाल किया जाता है। यह फूल अधिकतर पूजा, उपाय, और सजावट के लिए इस्तेमाल होता है। इंग्लिश मैरीगोल्ड भी एक विशेष प्रकार का मैरीगोल्ड है, जो की अन्य प्रकार के मैरीगोल्ड से थोड़ा अलग है। आइए जानते हैं इसके प्रकारों के बारे में।
कैलेंडुला ऑफिसिनालिस (Calendula officinalis): यह सबसे आम तरह का इंग्लिश मैरीगोल्ड है। इसके फूल पीले और संतरे रंग के होते हैं और यह फूल सर्दियों में अधिक खिलता है।
कैलेंडुला अर्कटिका (Calendula arctica): यह प्रकार ठंडी जगहों में अधिक पाया जाता है और इसके फूल छोटे और घातक होते हैं।
कैलेंडुला पूल्गेरिस (Calendula pulcherrima): इस प्रकार के मैरीगोल्ड के फूल बड़े और खुले होते हैं और यह भी पीले और संतरे रंग के होते हैं।
कैलेंडुला सुफिकेटा (Calendula suffocata): इसके फूल छोटे और गहरे रंग के होते हैं, जो अधिकतर संतरे रंग के होते हैं।
कैलेंडुला पाल्मेटा (Calendula palmetta): यह प्रकार अधिक गर्म जगहों में पाया जाता है और इसके फूल पीले और लाल रंग के होते हैं।
इंग्लिश मैरीगोल्ड के फूलों का उपयोग अधिकतर सजावट, पूजा, और आयुर्वेदिक चिकित्सा में होता है। इसके अलावा, इसके फूलों से तेल भी निकाला जाता है जिसका उपयोग त्वचा की देखभाल में होता है।
अन्य भाषाओं में इंग्लिश मैरीगोल्ड के नाम (English Marigold Names In Other Languages)
इंग्लिश मैरीगोल्ड को 10 भारतीय भाषाओं में निम्न नामों से जाना जाता है:
1. हिंदी: गेंदा (Genda)
2. मराठी: झेंडू (Jhendu)
3. बंगाली: गेँदा (Genda)
4. तेलुगू: मुल्ली पूवु (Mulli Puvu)
5. तमिल: चेंडू पू (Chendu Poo)
6. उर्दू: گینڈا (Genda)
7. कन्नड़: मुळ्ळेहुव (Mullēhuva)
8. गुजराती: गेंदा (Genda)
9. मलयालम: चेन्ड पू (Chenda Poo)
10. पंजाबी: गेंदा (Genda)
इंग्लिश मैरीगोल्ड के उपयोग (Uses Of English Marigold)
इंग्लिश मैरीगोल्ड या इंग्लिश गेंदा एक फूल है जो उच्च गामला, सभ्याचारी विभाग और मंदिरों के आरामदायक स्थानों में आमतौर पर प्रयोग होता है। यह फूल आकर्षक शस्त्रपूजा, विवाह समारोह, और अन्य पूजाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके नीचे कुछ बातचीतिक बिंदुओं में इसके उपयोग की अवधारणा दी गई है:
– इंग्लिश मैरीगोल्ड की फूलों का इस्तेमाल धार्मिक समारोहों और उपवासों में सुंदरता और शांति का प्रतीक माना जाता है।
– इसे बाजार में मूड और स्वस्थिकता पर असर डालने वाले ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है, जिसके चलते यह व्यापारियों और व्यवसायी व्यक्तियों के शोभायमान उद्यमिता का प्रतीक बन गया है।
– एकांकीय यात्राओं के मार्ग में इसका उपयोग इंग्लैंड में प्रमुखता से होता है, क्योंकि इसे रेलवे स्टेशनों, आरामदायक गार्डनों, पार्कों, और होटलों में कई बार इंटीरियर डेकोरेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
– इसके प्रभावशाली गुणों के कारण, यह अच्छी तरह से पुष्टि दिखाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, इसलिए इंग्लिश मैरीगोल्ड को दवाईयों और औषधियों के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
– यह एक प्राकृतिक मोटी जड़ और पेशीयों का संचार प्रोत्साहित करनेवाली औषधीय पौधा है, जिसका उपयोग जोड़ों के दर्द और गांठों के निरामयीकरण में भी योगदान करता है।
इंग्लिश मैरीगोल्ड के फायदे (Benefits Of English Marigold)
इंग्लिश मैरीगोल्ड एक पौधा है जो बहुत प्रसिद्ध है और अपार स्वास्थ्य लाभों के लिए उपयोग किया जाता है। इसके कुछ मुख्य लाभ निम्नानुसार हैं:
१. शारीरिक उदारीकरण: इंग्लिश मैरीगोल्ड में विटामिन सी, कैल्शियम और पोटेशियम होते हैं जो शरीर में उदारीकरण प्रोत्साहित करते हैं। यह उपायुक्त मात्रा में शारीरिक ऊर्जा प्रदान करता है और क्रमश: शारीर को एक उत्तेजित और ताजगी भरी स्थिति में रखता है।
२. आंत्र शुद्धि: इस पौधे में पाए जाने वाले प्राकृतिक तत्व आंत्र को शुद्ध करके पाचन प्रक्रिया को स्वस्थ रखते हैं। यह आंत्र में पाचन अशोधन को कम करता है और आंत्र की समस्याओं जैसे गैस, कब्ज़ और एसिडिटी को दूर करता है।
३. त्वचा स्वास्थ्य: इंग्लिश मैरीगोल्ड त्वचा के लिए बहुत उपयोगी होता है। इसमें पाए जाने वाले गुण मसूड़ों की समस्याओं को कम करने में सहायता करते हैं, त्वचा सुंदर और चमकदार बनाते हैं और त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
४. भ्रूण स्वास्थ्य: इस पौधे में पाए जाने वाले पोटेशियम और विटामिन सी भ्रूण के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं। इसका नियमित सेवन गर्भावस्था के दौरान गर्भ के विकास को बढ़ावा देता है और नवजात शिशु के शारीरिक लिए आवश्यक तत्वों को पुर्तगालन करता है।
५. आंतरिक शांति: इंग्लिश मैरीगोल्ड का सेवन करने से मानसिक तनाव, थकान और चिंता कम होती है। इसका सेवन अच्छी नींद, शांत मन और सक्रिय मनोवैज्ञानिकता के लिए उपयोगी होता है।
इंग्लिश मैरीगोल्ड के नुकसान (Side effects Of English Marigold)
इंग्लिश मैरीगोल्ड या English Marigold एक प्रसिद्ध फूल है जिसे बीजों के रूप में और फूलों के रूप में उगाया जा सकता है। यह ज्यादातर गर्म क्षेत्रों में पाया जाता है और इसे अपार्टमेंटों, बगीचों और कई औषधीय उपयोगों के लिए उगाया जाता है। हालांकि, इसके उपयोग से कुछ सावधानियां भी जुड़ी हुई हैं, जो इंग्लिश मैरीगोल्ड के साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
इंग्लिश मैरीगोल्ड के कुछ प्रमुख साइड इफेक्ट निम्नलिखित हैं:
1. त्वचा एलर्जी: कई लोगों को इंग्लिश मैरीगोल्ड के संपर्क में आने से त्वचा एलर्जी की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से त्वचा पर खुजली, दाने, छिलना इत्यादि हो सकते हैं। इसलिए, यदि इंग्लिश मैरीगोल्ड के प्रति आपकी त्वचा संवेदनशील है, तो आपको इसे एक्सपोज करने से बचना चाहिए।
2. आंत्रजन्य विकार: कुछ लोगों को इंग्लिश मैरीगोल्ड खाने पर पेट में समस्या हो सकती है। ये समस्याएं जैसे कि पेट दर्द, ऐसिडिटी, उल्टी, पेट फूलना आदि हो सकती हैं। इसलिए इसका सेवन करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
3. समस्याएं संक्रमण के संभावना: कई बार इंग्लिश मैरीगोल्ड के प्रति संवेदनशीलता रखने वाले लोगों में समस्याएं संक्रमण के रूप में विकसित हो सकती हैं। इसके प्रमुख लक्षण में सिरदर्द, थकान, बुखार, नीली रंग की पेशाब या बदबूदार पेशाब शामिल हो सकते हैं। इसलिए, इसके प्रति संवेदनशीलता रखने वाले लोगों को इसे इन्हीं लक्षणों के आधार पर उगाने से पहले खुद को खुदाई से बचाना चाहिए।
4. संपर्क डर्माटाइटिस: छूने या संपर्क में आने से भी इंग्लिश मैरीगोल्ड से संपर्क डर्माटाइटिस की समस्या हो सकती है। इसके कारण हथेली पर लाल और खुजलाती त्वचा दिख सकती है। इसलिए, यदि आपको संपर्क डर्माटाइटिस की समस्या है, तो आपको इंग्लिश मैरीगोल्ड से बचना चाहिए।
यदि आप इंग्लिश मैरीगोल्ड के किसी भी साइड इफेक्ट का अनुभव करते हैं, तो तुरंत अपने वैद्य से परामर्श करें। इसलिए, आपको इंग्लिश मैरीगोल्ड का सेवन करने से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
इंग्लिश मैरीगोल्ड का पौधे की देखभाल कैसे करें (How To Take Care Of English Marigold Plant)
इंग्लिश मैरीगोल्ड, जिन्हें अंग्रेज़ी में मैरीगोल्ड भी कहा जाता है, सुंदर और रंगीन फूलों के लिए सबसे प्रसिद्ध पौधा माना जाता है। इसके फूल बहुत सुंदर और चमकदार होते हैं और इसे अक्सर बगीचों, व्यापारिक उद्यानों और घरों में बगीचों में उगाया जाता है। यह पौधा उच्चतमता में फूल देता है और बहुत दिनों तक खिला रहता है। इसका देखभाल करना बहुत आसान होता है, और इसे कलर और फूलों में और अधिक बनाने के लिए आप निम्न टिप्स का ध्यान रख सकते हैं:
1) जमीन और मिट्टी: मैरीगोल्ड पुष्पी पौधा होता है, और इसलिए इसे सबसे अच्छे तरीके से फसल मिट्टी में उगाना चाहिए। यह पौधा नमीप्रद और ड्रेनेज होने वाली मिट्टी की तलाश करता है। एक अच्छी क्वालिटी की पौधे के लिए, आपको आर्गेनिज कंटेंट्ड मिट्टी, कम्पोस्ट और खाद को मिश्रित कर समान अंशों में देना चाहिए।
2) पानी और आराम: मैरीगोल्ड को नियमित रूप से पानी की जरूरत होती है, लेकिन इसे अधिक पानी से सुरखित रखना चाहिए। यह दूधी मिट्टी अथवा बांधने वाली मिट्टी की तलाश करते हैं और पानी समापनी को जलने से बचाते हैं।
3) रोपण: मैरीगोल्ड को मुख्य रूप से बरसाती मौसम में लगाया जाता है। इसे थाली और ट्रे में उगाने के लिए एक ऊँचे के साथ एक गोल कीटनाशक या माटी की दीवारों का उपयोग करें। यह सुन प्रकाश की अधिकता के लिए बेहतर होगा।
4) पौधे की प्रक्रिया परिवर्तन: एक बार मैरीगोल्ड के पौधे को लगाने के बाद, आपको इसे परिवर्तन और मलबे के लिए ध्यान देना चाहिए। इसे घर्षण और अतिरिक्त पौधे के विकास का ध्यान देने वाले छोटे पोधे में भांडारित करें।
इस तरह से, इंग्लिश मैरीगोल्ड की देखभाल करना बहुत ही आसान होता है और इससे आप कोई खास कठिनाइयों का सामना नहीं करेंगे। इसे वित्तीय और सामाजिक लाभ के लिए उगाने के साथ-साथ आपके आसपास कई रंगीन और सुंदर फूलों का आनंद लेने का मौका भी मिलेगा।
इंग्लिश मैरीगोल्ड के पौधे का सांस्कृतिक उपयोग (Cultural Uses Of The English Marigold)
इंग्लिश मैरीगोल्ड संस्कृत शब्द ‘गुलमेखला’ के रूप में अनुवाद किया जा सकता है। यह पौधा बागवानी में प्रयुक्त होता है और इसके फूल पीले, नारंगी और भूरे रंग के होते हैं। इसकी पत्तियाँ अण्डाकारी होती हैं। यह पौधा गर्म जलवायु में अच्छी तरह से विकसित होता है और मिट्टी को खरीदता है। इसके फूलों का एकत्रीभूत स्वरूप होता है जिसके कारण इसे आपस में अच्छी तरह खूबसूरत बूटे में लगाया जा सकता है। यह पौधा परिपक्व फूलों को खिला सकता है और मस्तिष्क शांतिपूर्ण और चिंतनशील होने में मदद कर सकता है।
इंग्लिश मैरीगोल्ड का पौधा कहां पाया जाता है (Where Is The English Marigold Plant Found)
इंग्लिश मैरीगोल्ड, जिसे हिंदी में आमतौर पर ‘सफेद गेंदा’ भी कहा जाता है, एक पौधे की प्रजाति है जिसे खासकर इंग्लैंड और यूरोप में मांस वाले अवसादी या संस्कृति में बेलीज जाता है। यह एक सुंदर और सुखी पौधा होता है, जिसकी डफलीयों में जलप्रद रंग के फूल होते हैं। यह फूल आंखों को भी मोह लेते हैं और माली और बगीचे वालों को बहुत पसंद आते हैं। इसकी खासियत यह है कि इसे बीज, छाल, पत्तियाँ और फूलों की रूप में उपयोग किया जा सकता है।
इंग्लिश मैरीगोल्ड गर्म और धूपी जगहों के लिए अनुकूल होता है, और इसे बागवानी के लिए आकार्मक पौधा भी माना जाता है। यह उच्चतम 1-2 फीट की ऊँचाई तक बढ़ सकता है। इस पौधे की जर्मेनेशन और उगाई में कोई खास कठिनाइयाँ नहीं होती हैं और इसे आसानी से उगाया जा सकता है। यह अपार संख्या में फूलों की खेती के लिए बगीचे में बड़ी पुष्टि का कारण बनता है। इसे बीजों, पेपराम, छाल और फूलों के रूप में योग्यता के बजाय बगीचों में सुंदरता के लिए प्राथमिकता दी जाती है।
संक्षेप में कहें तो, इंग्लिश मैरीगोल्ड एक सुंदर और प्रसादी पौधा है जो बगीचे और मिट्टी में आहर का स्रोत बनता है। यह शानदार फूलों की खेती के लिए प्रमुख विकास करने वाला पौधा है और मालिकों को इसकी देखभाल करने में आसानी होती है। इसके फूल मालिकों को सुंदरता, सुगंध और प्रस्तुति का आनंद देते हैं, जो यूरोपीय बगीचे को और भी खूबसूरत बनाता है।
इंग्लिश मैरीगोल्ड की प्रमुख उत्पादन राज्य (Major Producing State Of English Marigold)
इंग्लिश मैरीगोल्ड भारत के कई राज्यों में उगाया जाता है, जो किसानों के लिए मार्केट में व्यापारिक रूप से महत्वपूर्ण होते हैं। यह मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों में खेती की जाती है।
एक संप्रदायिक पक्ष भी इसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों और धार्मिक उत्सवों के अवसर पर उपयोग करता है। भारतीय संस्कृति में मैरीगोल्ड शुभता और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है, इसलिए बहुत से मन्दिरों, प्रार्थना स्थलों और आध्यात्मिक स्थलों में यह पौधा पाया जाता है।
भारतीय इतिहास और परंपराओं में मैरीगोल्ड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। इसे झांडा बनाने, धार्मिक प्रतीकों की सजावट के लिए और सामाजिक समारोहों में उपयोग करने का प्रयास किया जाता है।
इस प्राकृतिक फूल की खेती काफी आसान होती है और यह उच्च मानव पोषण का स्रोत भी है, चाहे वह फूल या बीज के रूप में हो। इसका उपयोग बहुत सारे उद्योगों में होता है जिसमें मेडिसिनल, कॉस्मेटिक और खाद्य सामग्री शामिल हैं।
इंग्लिश मैरीगोल्ड का लगभग 300 बीजें उत्पादित हो सकती हैं और इससे बहुत सी प्राकृतिक रंगों में मिर्ची जैसी खानदान भी उत्पन्न की जा सकती है। यह उच्चतम गुणवत्ता के उत्पाद के रूप में भी विख्यात है और यह फूलों की सृजनात्मकता और विविधता में एक अद्वितीय योगदान माना जाता है।
इंग्लिश मैरीगोल्ड के पौधे के चिकित्सा गुण (Medical Properties Of English Marigold)
अंग्रेजी मैरीगोल्ड (English Marigold) एक औषधीय पौधा है जिसे आमतौर पर भारतीय बागों और बंगलादेश में खेती होती है। इसकी सुंदर गुलाबी, पीली या सफेद पंखुड़ियाँ इसे एक पसंदीदा फूल और व्यापारिक फूल सजाने या उगाने के लिए बनाती हैं।
इसके नामांकित औषधीय उपयोगों में कई गुण शामिल हैं। यहां हम कुछ महत्वपूर्ण चिकित्सीय उपयोगों का वर्णन कर रहे हैं:
1. रोगाणुनाशक गुण: इंग्लिश मैरीगोल्ड में पाए जाने वाले विशिष्ट रसायनिक तत्वों में एक्सपोसेड और रेटिक्यूलेटिड तेजों समर्थन एंजाइम (RATERs) शामिल हैं, जो विभिन्न प्रकार के कीटाणुओं के खिलाफ प्रतिरोधी कार्य करते हैं। इसलिए, यह रोगाणुओं को मारकर गंभीर बीमारियों जैसे जूँ, खुजली और त्वचा के संक्रमण को जगाने में मदद कर सकता है।
2. गुड़धलन और उदरशोथन: यह पौधा गुड़गुड़ी, पाचन और उदरशोथन के कार्यों में मदद करता है। इसे पाचनशक्ति को बढ़ाने और आंतों की सूजन को कम करने के लिए भी प्रयोग किया जाता है।
3. त्वचा समस्याओं का समर्थन: इंग्लिश मैरीगोल्ड का तेल और तना हुआ रस त्वचा समस्याओं जैसे नरम, सूखी और खराब त्वचा के उपचार में लाभदायक है। यह त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाने में मदद करता है और एक्जिमा और दादी की समस्याएं को कम करने में भी सहायक हो सकता है।
4. सूजन को कम करना: यह पौधा एंटी-इंफ्लेमेट्री (जोड़ों और मांसपेशियों की सूजन को कम करने में मदद करने वाले) गुणों से भरपूर है। इसलिए, यह जोड़ों में दर्द, अर्थराइटिस और रोमटिक पेंस के इलाज में उपयोगी हो सकता है।
यह सभी उपयोग इंग्लिश मैरीगोल्ड के बारे में छोटे-मोटे बिंदुओं में हैं जिन्हें शोध और अनुभव पर आधारित माना जाता है। सावधानी से स्थानीय उपायों के साथ ही, इसका उपयोग करने से पहले चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श करना अच्छा होगा।
इंग्लिश मैरीगोल्ड का वैज्ञानिक नाम (Scientific Name Of English Marigold)
इंग्लिश मैरीगोल्ड या अंग्रेजी मैरीगोल्ड का वैज्ञानिक नाम Tagetes erecta है। यह एक सुंदर और खूबसूरत फूलों वाला पौधा है जो प्रायः गुलाबी, पीले और जीते से भरपूर फूलों के रूप में प्रस्तुत होता है। यह पौधा संपूर्ण दुनिया में न्यूनतम देखा जाता है और यह गर्म क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पाया जाता है।
अंग्रेजी मैरीगोल्ड एक पारिवारिक औषधीय पौधा है जिसका उपयोग स्थानीय स्तनपान पशुओं की छाती की देखभाल के लिए किया जाता है। इसके अलावा, इसके फूलों का उपयोग डिकोरेशन और देवी पूजाओं में भी होता है। यह पौधा डायसी बाणपान का एक मुख्य स्रोत है और तंत्रिका एंटीबायोटिक गुणों से भी सम्पन्न है। इसके अलावा, यह पौधा धूल और रोधसमर्पितता के लिए एक बहुत अच्छा प्रयोग है।
सामान्यतः, इंग्लिश मैरीगोल्ड बीजों द्वारा प्रजनन किया जाता है और मिट्टी में पर्याप्त तापमान और तपेदिक के आदर्श माहौल में उगाया जाता है। इसे बीज या पौधे के रूप में खरीदा और रोपण किया जा सकता है। यह पौधा धूप में भी घातक हो सकता है, इसलिए ध्यान रखें कि इसे धूप आने वाली जगहों पर प्राकृतिक छाया में ही रखें। इंग्लिश मैरीगोल्ड एक काफी प्रमुख औषधीय पौधा है जिसका प्रयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है और इसके सुंदर फूलों को देखना भी मन को शांति और सुख देता है।
इंग्लिश मैरीगोल्ड की खेती (English Marigold Cultivation)
इंग्लिश मैरीगोल्ड या इंग्लिश मरीगोल्ड की खेती की मेथड को हिंदी भाषा में ब्लॉग पोस्ट के लिए सरल भाषा में समझाने के लिए निम्नलिखित विवरण का पालन करें:
इंग्लिश मैरीगोल्ड, जिसे प्यार से ‘गेंदा’ भी कहा जाता है, एक रंगबिरंगी पौधा है जिसके फूल सुंदरता और सुगंध से भरपूर होते हैं। यह पौधा आसानी से उगाया और देखभाल किया जा सकता है और सब्जी मंडी में बिक्री के लिए भी उपयोग होता है।
यहां इंग्लिश मैरीगोल्ड को उगाने की कुछ स्थापनाएं और देखभाल की विधियां हैं:
1. बिज़रू की तैयारी: इंग्लिश मैरीगोल्ड को बीज के द्वारा उगाया जा सकता है। शुरुआती मार्च-अप्रैल में बागीचे के एक धारा को छोड़ दें, ताकि मिट्टी सेकते रहे।
2. बीज का संग्रह: स्थानीय बिज़रू से ताजगी वाले बिज़रू चुनें। आप इंटरनेट पर भी बम्पर कर सकते हैं। बीजों को खुशबूदार सब्जी तकिये (ठूर वस्त्र) में संग्रहित करें और उन्हें सुखाने के लिए एक स्थान पर बारिश से बचाएं।
3. बीजों की उगाई: मिट्टी को खुराकी बनाकर (कॉम्पोस्ट, खाद, मिटटीदुबारायी) प्रदान करें। बीजों को १/४ इंच तक मिटटी में खोदें। उन्हें हल्की सी पानी से सींचें और धीमे से घड़ा दें।
4. रोपनी: जब पौधे की ऊंचाई ३ इंच तक हो जाए, तो उन्हें मिटटी में सब जाने के लिए रोपनी करें, प्रतिदिन १० इंच की दूरी पर। मिट्टी को हल्की सी चिंताओं की जरूरत हो सकती है ताकि पौधे को सही रूप से पोषित किया जा सके।
5. देखभाल और पोषण: पौधों को प्रतिदिन नींबू की थैली (गुब्बारे) के पानी से सींचें और इंटरवैल के दौरान पोषक खादों का उपयोग करें। खड़ा की मात्रा को नियमित रूप से कम करते रहें।
6. फुलबारी का संकलन: कभी-कभी, आपको पौधों के ऊपर फूलबारियों को तोड़ने की आवश्यकता हो सकती है ताकि और अधिक फूल सफलतापूर्वक बढ़ सकें। इसके लिए, भूलभुलैया का आयोजन करें या फूलदार पौधा छोड़ें ताकि महकता हूंजर लोगों को खींच सकें।
तो यहां थे इंग्लिश मैरीगोल्ड की खेती की सरल मेथड और उगाने के साथ-साथ देखभाल की विधियां। यदि आप इसका पूरी तरह से पालन करेंगे, तो आपको यह सुंदर फूल भरपूर खेती करने और आपकी बागवानी को आकर्षक बनाने में मदद करेगा।
इंग्लिश मैरीगोल्ड की खेती (Farming of English Marigold)
इंग्लिश मैरीगोल्ड संयंत्रन विश्वभर में कई देशों में किया जाता है, लेकिन इसका प्रमुख विकास तथा उत्पादन कार्य भारत में किया जाता है। भारत में इंग्लिश मैरीगोल्ड की खेती सबसे अधिक अल्पकालिक फूलों की खेती के रूप में संचालित की जाती है, यहां के जलवायु की संभावित शिखर प्रदर्शन में इसकी सफलता प्रमुख कारक होती है।
इंग्लिश मैरीगोल्ड को एक फसल के रूप में बोया जा सकता है और एक पौधे के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी खेती प्रभावी रूप से मिटटी की गहराई 20 डिग्री तक हो सकती है, गर्मी और तापमान 20-30 डिग्री सेल्सियस में सबसे अधिक पसंद की जाती है।
इंग्लिश मैरीगोल्ड की खेती सबसे अधिक अधिकांशतः उत्पादकों द्वारा आपूर्ति की जाती है और ज्यादातर अंदाजे से नर्सरीों में किया जाता है। यह फूलों के कार्यालयों, बगीचों, आधुनिक वाणिज्यिक और आउटडोर पेयजल के कारण परिचित है, जहां इसे उचित रूप से बढ़ावा दिया जाता है।
इसकी खेती मेरठ, सहारनपुर, अलीगढ़, लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, उदयपुर, कोटा, पुणे, नासिक, लीसा, यूएसए, वेय्रनभूमि, और अन्य जगहों पर की जा सकती है। यह फूलों की वैश्विक विपणन की एक अहम वस्तु बन चुकी है और इसकी खेती के द्वारा किसानों को उचित आय मिलती है।
Overall, इंग्लिश मैरीगोल्ड की खेती भारत के अधिकांश हिस्सों में उचित जलवायु और मिटटी की दृष्टि से संभव होती है, और इससे किसानों को एक अच्छी आय प्राप्त करने का अवसर मिलता है।
इंग्लिश मैरीगोल्ड/English Marigold FAQs
Q1: इंग्लिश मैरीगोल्ड क्या होती है?
A1: इंग्लिश मैरीगोल्ड एक प्रकार की फूलों वाली पौधा होती है जो ज्यादातर प्रकारों में पीले या नारंगी रंग के फूलों की एक पीढ़ी होती है।
Q2: मुझे इंग्लिश मैरीगोल्ड कैसे उगानी चाहिए?
A2: इंग्लिश मैरीगोल्ड को अच्छी गुणवत्ता वाले मिट्टी में उगाना चाहिए। इसे धूप प्राप्त करने वाले स्थान पर उगाना चाहिए और नियमित रूप से पानी देना चाहिए।
Q3: इंग्लिश मैरीगोल्ड को कितना समय लगता है ब्लूम करने में?
A3: इंग्लिश मैरीगोल्ड को आमतौर पर 7 से 8 सप्ताह का समय लगता है ताकि वह अपने पूर्ण रूप में खिल जाए।
Q4: इंग्लिश मैरीगोल्ड के कितने प्रकार होते हैं?
A4: इंग्लिश मैरीगोल्ड कई प्रकार की होती हैं, जैसे वेवलेट, ज्यूलसेक्स, टैगेटसेक्स, डबल डाट्स, और ऑरेंज ग्लोब.
Q5: क्या इंग्लिश मैरीगोल्ड पौधा खेती के लिए उपयुक्त है?
A5: हाँ, इंग्लिश मैरीगोल्ड एक आम और उपयुक्त पौधा है जिसे खेती के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
Q6: इंग्लिश मैरीगोल्ड की बुआई कब की जाती है?
A6: इंग्लिश मैरीगोल्ड की बुआई आमतौर पर गर्मियों के महीनों में मार्च या अप्रैल में की जाती है।
Q7: इंग्लिश मैरीगोल्ड का उपयोग किस तरह किया जाता है?
A7: इंग्लिश मैरीगोल्ड फूलों को आकर्षकता के लिए उगाया जाता है और यह विभिन्न उद्यानों, बागों और घरों की सजावट के लिए उपयोगी होता है।
Q8: इंग्लिश मैरीगोल्ड में रोगों का सामना करना पड़ता है?
A8: हाँ, इंग्लिश मैरीगोल्ड कई प्रकार की कीटों और रोगों से प्रभावित हो सकती है, जैसे कीटअग्रो, पेडलिम्या और भूकंप रोग।
Q9: क्या इंग्लिश मैरीगोल्ड खाद की आवश्यकता होती है?
A9: हाँ, इंग्लिश मैरीगोल्ड को नियमित खाद देना चाहिए ताकि वह अपने स्वास्थ्य और विकास के लिए पूरी तरह से समर्थ हो सके।
Q10: क्या इंग्लिश मैरीगोल्ड मोटे मिट्टी में उगाई जा सकती है?
A10: हाँ, इंग्लिश मैरीगोल्ड मोटे मिट्टी में भी उगाई जा सकती है, लेकिन ध्यान देना चाहिए कि मिट्टी का निवेश अच्छा हो और ऊपरी परत को अच्छी गुणवत्ता वाले मिट्टी से ढकना चाहिए।
Introducing Vidita Vaidya, an eminent Indian neuroscientist and esteemed professor at the Tata Institute of Fundamental Research, Mumbai. With a distinguished scientific career, she has made remarkable contributions to the fields of neuroscience and molecular psychiatry.
Vidita’s research endeavors revolve around studying the neurocircuitry of emotion, delving into the intricate workings of the human brain. Her dedication and outstanding achievements have not gone unnoticed, as she has been honored with prestigious awards such as the Shanti Swarup Bhatnagar Prize in 2015 and the National Bioscience Award for Career Development in 2012.
In addition to these accolades, Vidita Vaidya was also recognized with the Infosys Prize in Life Sciences in 2022, solidifying her position as a frontrunner in the realm of life sciences research.
During her academic journey, she had the privilege of being mentored by Professor Ronald Duman at Yale University while pursuing her doctorate. This valuable experience played a crucial role in shaping her expertise and passion for neuroscience.
As a professor, researcher, and distinguished scholar, Vidita Vaidya continues to inspire and impact the scientific community with her groundbreaking work. Through her relentless pursuit of knowledge and understanding of the brain’s complexities, she opens new avenues for unraveling the mysteries of human emotions and brain function.