डेलफिनियम पौधे की जानकारी: इतिहास, पहचान, प्रकार, महत्व, फायदे, खेती, नुकसान

By Vidita Vaidya

डेलफिनियम फूल उन प्यारे और रंगीन फूलों में से एक है जो देखने में बहुत ही खूबसूरत और मनमोहक होता है। यह फूल अपने नये सजीले टैल पोजिटन और विभिन्न रंगों की वजह से दिलों में खुशी और आनंद भर देता है। डेलफिनियम एक सहज एवं पौष्टिक फूल है, जो अपनी बेहतरीन खुशबू के लिए भी मशहूर है। इसकी सर्वोच्चतम गुणवत्ता और परिपक्वता के कारण, यह फूल बगीचों में और व्यापारिक खेतों में भी व्यापक रूप से उगाया जाता है।

यह फूल एक ऐसी प्रमुख पौधा है जो अपनी आकर्षक ऊँचाई के लिए जाना जाता है। यह सबसे अधिक सुरम्य माना जाता है जो आकर्षित करने के इलावा स्‍थाई चरित्र, सुंदरता और शांतिपूर्णता का प्रतीक भी है। आप इसे अलग-अलग रंगों में देख सकते हैं, जैसे नीला, पंक, बैंगनी, पीला, सफेद आदि। इसलिए, इसे विविधता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह फूल वास्तव में भारतीय बागबानी में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जहां इसका उचित सम्बन्ध रखा जाता है। हम अक्सर इसे विवाह और महत्वपूर्ण उत्सवों में भी इस्तेमाल करते हैं, जिससे आगमन में आनंद और खुशियां होती हैं।

डेलफिनियम को अपनी सरल देखभाल, स्थायित्व और ट्रांसप्लांटेशन के लिए भी मशहूर होना चाहिए। इसे गर्म और शांत स्‍थलों में बगीचों के लिए बोना जाता है। यह फूल अत्यंत प्रतापी होता है, जो इसे अनुनादी संघर्षों और पर्यावरणीय अस्तित्व के कठिनाइयों में भी सुरक्षित और सबल बनाते हैं। डेलफिनियम को धूप और ज्यादातर खेतों में अधिक सुरम्यता के लिए चाहिए। इसके अलावा, यह फूल कोशिश करता है कि प्रकृति को प्रदूषित करने वालों को प्रकृति के प्रति सज्जित करने की जरूरत है, जो हमें अलबत्ता बनाता है।

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डेलफिनियम क्या है? (What Is Delphinium?)

डेलफिनियम (Delphinium) एक प्रमुख फूलों की संवर्धनिय प्रजाति है जो पूरी दुनिया में पायी जाती है। यह एक पराग पुष्पी गुच्छ है जिसमें सफेद, नीली, गहरे नीले, लाल, पीले और हरे रंगों की भिन्न-भिन्न विधियों में सुन्दर फूल पाए जाते हैं। एक बार में कई फूल, जो कि आकार में लम्बे सौंफ के अनुसार होते हैं, डेल्फीनियम की डाल पर खिलते हैं, देखने में एकदिवसीय होते हैं। इसके पत्ते जीकर्सविलआईड (Gigercilleus acid) की वजंगी से बने होते हैं और यह भूरे रंग के होते हैं।

डेल्फीनियम मुख्य रूप से आईरीस के सद्‌गुच्छ जैसा और सद्‌गुच्छ में सफेद करणोप्सिस (Cerainopsis alba) जैसा एक आकार धारक और सफेद होता है। यह डेल्फीनियम की व्यापक आकृति के साथ रंगीन फूलों की प्रजाति होती है, जो कि मुंगे, पंजे, लाईनाटा, डेल्फीन, पिशा, रेक्स, डेनी, पेस्के, डेनी लबन, हमिक्रेब, रेक्स सुप्रीम, मोनटे ब्लू, गलेना, जेन्सल आई और डेंनो बुलेवार्डिया नामक होती है। यह फूलों की प्रजाति उत्पादनित होती है और आंदोरा, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका, यूरोप, और योरोप की अधिकांश शहरों में आपको यहां देखने को मिलती है। ये मुख्यतः ढाई से छ: फीट लंबी होती हैं और इनके वनस्पतिक नाम उस इंडिका, औस्ट्रियोर, कणटाब्रिड्जेकरी, ब्रितिश डेल्फीनियम, औस्ट्रिकम, ह्वाईटम (New Zealand Delphiniums) में थोड़ी परिवर्तन की हुई रूपल फूलों में प्रदर्शित होती हैं. डेल्फीनियम रंगीन पुष्पों के बावजूद एक से उपत्यक बनाने में मात्र दो वर्ष लगती हैं।

डेल्फीनियम फूलों के संवर्धन को बौद्ध धर्म में चित्रित किया गया है, जो कि पूर्णतः पाषाण और चारों ओर से उठे हुए नेत्र (Eye) और भित्ति की झलक (Eyebrow) संपन होता है। इस चित्रित पुष्प को किसी भी फूल के रूप में नहीं व्यक्त किया गया है, इसलिए यह एक स्वाभाविक रूप से ही व्यक्त नहीं होता है July to October उत्तरी गोलार्ध तापचंद्रिय माने जा रहे पिशांत में झुक कर पाया जाए।

डेलफिनियम का इतिहास (History Of Delphinium )

डेलफिनियम ब्रटेशन हमारी प्रकृति की एक खूबसूरत पौधी है, जो हमें अपनी मनमोहक रंगीन फूलों से मोह लेती है। इसे हम ज्यादातर बाड़शाही फूल के नाम से भी जानते हैं। यह पौधा खासकर यूरोप और उत्तरी अमेरिका में पाया जाता है।

डेलफिनियम पौधे का इतिहास बहुत प्राचीन है। इसे काफी समय से लोग उगाने और ताजगी के लिए पसंद कर रहे हैं। इसकी पहली प्रजाति यूरोप में १४वीं शताब्दी में पहली बार उगाई गई थी। इसके बाद इसकी प्रजातियों का विकास और बढ़ाया गया और आज इसे अनेक रंगों और आकारों में पाया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त, डेलफिनियम पौधा विशेष रूप से हमारे खेती क्षेत्र में बड़े पैमाने पर उगाया जाता है क्योंकि इसकी खेती मध्यम सुखी मिट्टी में अच्छे फलदार परिणाम देती है। इसकी रोपने भरी, ऊँची सोंदी और घने हरे पत्तियां इसे बहुत खास बनाती हैं। यह फूलों की बासी ध्वनि के कारण कई प्रकार के पौधों के लिए भी एक प्रमुख माध्यम होती है।

इसके अलावा, डेलफिनियम पौधा वनस्पति शास्त्र में उच्च महत्त्व रखता है क्योंकि यह कई औषधीय गुणों से सम्पन्न है। इसे जौन त्वक के रूप में उपयोग किया जाता है और इसकी गंदगी से त्म्बाकू की वानश्पति पर हानि पहुंचती है। यह पौधा विभिन्न प्रकार के रंगीन फूलों में पोलिनेशन का मध्यस्थ भूमिका भी निभाता है।

इस प्रकार, हमारे दैनिक जीवन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ डेलफिनियम हमें आकर्षित करता है। इसकी शानदारता, ऊँचाई और फूलों की मंद गंध हमें पुरानी सदियों की याद दिलाती हैं। डेलफिनियम के प्रजातियों में अविश्वसनीय रंगों और पैटर्न का विकास हमें इसकी प्रकृति में जादू समझाता है। आइए इसे उगाने और अपने घर की सुंदरता को बढ़ाएँ।

डेलफिनियम की प्रकार (Types Of Delphinium)

डेल्फिनियम एक प्रकार का फूल है जो अपनी सुंदरता और आकर्षक रंगों के लिए जाना जाता है। यह एक बाग़ानी पौधा होता है और उच्चतम 5 फुट तक बढ़ सकता है। इसके कई प्रकार होते हैं, जो निम्नलिखित हैं:

1. रॉकेट डेल्फिनियम (Rocket Delphinium): यह डेल्फिनियम का सबसे प्रसिद्ध प्रकार है जिसे उच्चतम 4 फुट तक उच्च बना सकता है। यह नीले, फूलों से भरपूर होता है और उबले पानी में अच्छे से उगता है।

2. ब्लू मून डेल्फिनियम (Blue Moon Delphinium): यह एक और लोकप्रिय प्रकार है जिसमें फूल लाल, नीले और सफेद रंग के होते हैं। इसकी ऊचाई लगभग 3 फुट होती है।

3. साम्राज्य डेल्फिनियम (Imperial Delphinium): यह एक बड़ा प्रकार है जिसमें बड़े और भारी फूल होते हैं। इसकी बनावट गांठदार होती है और यह सबसे अत्यंत विशाल फूल होता है जिसकी ऊचाई लगभग 6 फुट होती है।

4. एक्सेलांस डेल्फिनियम (Excalibur Delphinium): यह डेल्फिनियम का एक और प्रसिद्ध प्रकार है जहां फूल विभिन्न रंगों में पाए जाते हैं, जैसे नीला, गुलाबी और सफेद।

5. किंग आर्थर डेल्फिनियम (King Arthur Delphinium): यह प्रकार बड़े और घने फूलों के लिए मशहूर है जो गहरे नीले रंग में पाए जाते हैं।

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अन्य भाषाओं में डेलफिनियम के नाम (Delphinium Names In Other Languages)

डेलफिनियम एक प्रकार का फूल है जिसे विभिन्न भाषाओं में विभिन्न नामों से जाना जाता है, लेकिन अधिकांश भाषाओं में इसका वैज्ञानिक नाम ही प्रयोग होता है। फिर भी, अगर हम विभिन्न भारतीय भाषाओं में इसे कैसे पुकारते हैं, उस पर नज़र डालें:

  1. संस्कृत: डेलफिनियम
  2. बंगाली: डेलफिनियम
  3. मराठी: डेलफिनियम
  4. गुजराती: डेलफिनियम
  5. पंजाबी: डेलफिनियम
  6. तेलुगु: डेलफिनियम
  7. तमिल: डेलफिनियम
  8. कन्नड़: डेलफिनियम
  9. मलयालम: डेलफिनियम
  10. उड़िया: डेलफिनियम

इस तरह से, अधिकांश भाषाओं में डेलफिनियम का नाम उसके वैज्ञानिक नाम के समान ही रहता है।

डेलफिनियम के उपयोग (Uses Of Delphinium)

डेलफिनियम एक पुष्पी वनस्पति है जो अपने सुंदर फूलों के लिए प्रसिद्ध है। यह एक परिवारिक फूल है और लता, मुल्ली, रननेर्स, और कैंडलस्टिक्स के रूप में जाना जाता है। यह मुख्य रूप से पश्चिम यूरोप, उत्तरी एशिया और आफ्रीका के मध्य भागों में पाया जाता है।

डेलफिनियम के उपयोग के कुछ मुख्य तरीके हैं:
1. प्रदर्शनी फूलों के रूप में: डेलफिनियम के रंगबिरंगे और छोटे फूलों को इंस्टॉलेशन फॉर विभिन्न उद्देश्यों में उपयोग किया जाता है। यह फूलों की प्रदर्शनी को बढ़ाने और कई प्रकार के समारोहों में आकर्षण जोड़ने के लिए सजावट में भी उपयोग होता है।
2. कटने के लिए: डेलफिनियम के टॉपियां और हरे भागों को बगीचे या फूलों में उपयोग करने के लिए कटा जाता है। यह विभिन्न डेकोरेटिव प्रकारों के लिए इंटीरियर डिजाइन बनाने में उपयोग होता है।
3. औषधीय प्रयोग: डेलफिनियम के कुछ प्रकार में औषधीय गुण होते हैं और इसलिए उन्हें दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता है। इनमें से कुछ शांतिदायक, आंतरिक ज्वर को कम करने, और मांसपेशियों के दर्द को ख़त्म करने के लिए उपयोग होते हैं।
4. भूमिकाराम्यक फलों के रूप में: डेलफिनियम के फलों का उपयोग भूमिकाराम्यक द्वारा उत्पादित होने वाली खाद्य पदार्थों में होता है। इन पदार्थों में उन्हें विविधताओं और बादामी के स्वाद को जोड़ने के लिए मिलाया जाता है।

इस प्रकार, डेलफिनियम कई उपयोगों के लिए व्यापक रूप से प्रयोग होता है और इसे ध्यान में रखते हुए उपयोगकर्ताओं द्वारा बगीचों, उद्यानों, और घरों में पसंद किया जाता है।

डेलफिनियम के फायदे (Benefits Of Delphinium)

डेल्फिनियम, जिसे हिंदी में देलफिनियम कहा जाता है, एक पुष्पीय पौधा है जो विभिन्न पुर्वी एशियाई और पश्चिमी यूरोपीय देशों में पाया जाता है। इसके कई लाभ और फायदे हैं, जिन्हें निम्न बिंदुओं में देखा जा सकता है:

१. सुंदरता: डेल्फिनियम गंभीर छटा और प्रभावशाली पुष्पों के लिए जाना जाता है। इसके भव्य पुष्प गच्छों का रूपांतरण करते हैं और नियमित समय पर पौधे को भूरे, नीले, लाल और गुलाबी रंगों में सजाते हैं।

२. माधुर्य: डेल्फिनियम के मीठे और आकर्षक महक के कारण, इसे वनस्पति के रूप में भीतर-बाहर उपयोग किया जाता है। इससे खुशबूदार फूलों की खेती की जाती है जिससे चित्त को शान्ति और सुकून मिलता है।

३. पौष्टिकता: डेल्फिनियम में पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं, जिनके कारण इसे आहार और दवा के रूप में भी उपयोग किया जाता है। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करके शक्ति और स्वास्थ्य का संरक्षण करता है।

४. पौधा चिकित्सा: डेल्फिनियम चिकित्सा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि इसके पौधों, शाखाओं, और बीजों की संघनन में चिकित्सीय गुण पाए जाते हैं। इसे संजीवनी बूटी के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इसका उपयोग रक्तनाली और हृदय संबंधी समस्याओं को ठीक करने में किया जाता है।

५. विश्रामक्षमता: डेल्फिनियम का उपयोग आत्मा को शान्ति, स्थिरता और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के प्राप्ति में किया जाता है। इसकी आकर्षण क्षमता और मनोहारित कमरे के रूप में इस्तेमाल सकते हैं, जो मन को शांत करने में सहायता करता है।

यह सभी लाभ और फायदे देलफिनियम को प्राकृतिक उपचार और आकर्षक पौधा बनाते हैं।

डेलफिनियम के नुकसान (Side effects Of Delphinium)

डेलफिनियम या डेल्फिनियम के साइड इफेक्ट क्या-क्या हो सकते हैं, इसे आसान भाषा में हिंदी में ब्लॉग पोस्ट के लिए लिखें।

डेल्फिनियम एक गुलाबी, नीला, पीला या सफेद रंग की बड़े-बड़े फूलों वाला मेडिकिनल पौधा है। यह पौधा आमतौर पर बहुत खूबसूरत देखने में होता है और अपनी औषधीय गुणों के कारण इसका उपयोग भी किया जाता है।

डेल्फिनियम की प्रमुख औषधीय गुणों में पुष्टिकर, पाचन, मधुमेह और घावों को ठीक करने के लिए उपयोग है। यह इस्ट्रोजन नमकों को बढ़ावा देने के लिए मदद करता है और शरीर के अंदरीय सेक्रेशन को बढ़ाता है।

लेकिन, इसके साथ ही डेल्फिनियम के कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं, जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए। यहां कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स हैं:

1. एलर्जी: कुछ लोगों में डेल्फिनियम के प्रति एलर्जी की समस्या हो सकती है। यदि आप इस पौधे के प्रति संवेदनशील हैं, तो इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

2. पेट दर्द और दस्त: डेल्फिनियम के सेवन से कुछ लोगों को पेट दर्द और दस्त की समस्या हो सकती है। यदि आप पेट में असहजता महसूस करते हैं या दस्त प्राकृतिक रूप से बढ़ जाती है, तो इसका सेवन बंद करें और चिकित्सक से सलाह लें।

3. शरीर में कमजोरी: कुछ लोगों को डेल्फिनियम के सेवन से शरीर में कमजोरी की समस्या हो सकती है। यदि आपमें हल्की कमजोरी आती है, तो अपने चिकित्सक से सलाह लें और सेवन करने से पहले अपनी सेवन की मात्रा कम करें।

4. शरीर का सुडौलपन और मतली: डेल्फिनियम के सेवन से कुछ लोगों को शरीर का सुडौलपन और मतली की समस्या हो सकती है। यदि आपको अचानक उलटी या मतली होती है, तो इसका सेवन बंद करें और चिकित्सक से परामर्श करें।

5. सबसे महत्वपूर्ण बात, आपको हर बार इसका सेवन करने से पहले अपने विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। यह व्यक्तिगत मामलों पर आधारित होना चाहिए और यह पौधा आपके शरीर के शारीरिक संपन्नता और पिछले चिकित्सा प्रक्रिया पर निर्भर करेगा।

यह ज्ञात किया जा सकता है कि डेल्फिनियम एक औषधीय पौधा है, लेकिन इसके सेवन से पहले सभी सावधानियों को ध्यान में रखें। अपने चिकित्सक से सलाह लें और उनके अनुशासनापूर्वक निर्देशों का पालन करें।

डेलफिनियम का पौधे की देखभाल कैसे करें (How To Take Care Of Delphinium Plant)

डेलफिनियम पौधे पूरे विश्व में पसंद किये जाते हैं, क्योंकि उनकी खूबसूरती आकर्षक होती है और इसे आप भी अपने बगीचे में उगा सकते हैं। यदि आप खूबसूरत फूलों का आनंद लेना चाहते हैं तो डेलफिनियम पौधों का ख्याल रखना आवश्यक है। यहां हम आपको कुछ सरल सुझाव देंगे जिसके माध्यम से आप अपने डेलफिनियम पौधों का ध्यान रख सकते हैं:

1. स्थान चुनें: डेलफिनियम को सुर्मेय-पत्ते और निर्मल धूप पसंद होती हैं। इसलिए ऐसा स्थान चुनें जहां पूरे दिन सूरज की रोशनी मिले।

2. मिट्टी: डेलफिनियम को नमी वाली मिट्टी चाहिए जो अच्छी द्रावणता रखती हो। इसके लिए आप मिट्टी में संक्रमणों से बचाने के लिए कोलामाइन डाल सकते हैं।

3. पानी की मात्रा: डेलफिनियम को नियमित रूप से पानी देना आवश्यक है, लेकिन जमीन सुखने से पहले पानी का व्यय करने से बचें। ध्यान दें कि पानी को पूर्णतः सोख नहीं देना चाहिए, बल्कि थोड़ी नमी रखनी चाहिए।

4. खाद: डेलफिनियम को पलाश खाद जैसी पदार्थ देना चाहिए जो निर्मल हो और उचित पोषण प्रदान करें। आप सबसे पहले सप्टोलम और फिनाल्स का उपयोग कर सकते हैं और इसके बाद महीने में एक बार खाद दें।

5. संभाल रखें: डेलफिनियम का मनुरंजन करते समय उनके पत्तों को ध्यान से हटाएं ताकि पौधा ढीला और कमजोर न लगे। इसके अलावा, रोगों और कीटों की तत्परता भी बरतें और यदि उन्हें पकड़ लें तो उन्हें ठीक से नष्ट करें।

इन सरल टिप्स के माध्यम से आप अपने डेलफिनियम पौधों को आदर्श ढंग से देखभाल कर सकते हैं और इससे उत्पादकता भी बढ़ सकती है। आपके बगीचे में डेलफिनियम के सुंदर फूलों का आनंद लेने में आपको बड़ा मजा आएगा।

डेलफिनियम के पौधे का सांस्कृतिक उपयोग (Cultural Uses Of The Delphinium)

डेलफिनियम या डेल्फिनियम संस्कृत में ‘उपयोग’ या ‘उपयोगकर्तव्य’ का अर्थ होता है। यह एक पौधा होता है जो अपनी सुंदर फूलों के लिए मशहूर है। यह पेड़ छोटा होता है, जिसमें बांझपन भरे शाखाएं उगती हैं। इसके ऊपर विविध रंगों के फूल खिलते हैं, जैसे कि नीला, लाल, पीला और हरा। इन फूलों की खूबसूरती सभी भारतीय बगीचों में एक दृश्य प्रदान करती है। डेलफिनियम को धार्मिक आयोजनों में प्रयोग किया जाता है और इसे एक समीक्षात्मक पौधा माना जाता है, जिसे शारीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है।

डेलफिनियम का पौधा कहां पाया जाता है (Where Is The Delphinium Plant Found)

डेलफिनियम जीवाश्म (Delphinium) पौधे जंगली प्रयात्नी होते हैं। ये उच्चकंठ स्थलों पर पाए जाते हैं जैसे की पहाड़ी क्षेत्रों, पहाड़ी आदि। ये पौधे भारतीय उपमहाद्वीप सहित विश्व के कई हिस्सों में पाए जाते हैं। ये साल में एक या दो बार खिल उठते हैं और अपनी शानदार फूलों के लिए जाने जाते हैं। इनके कई प्रकार होते हैं और ये कई विभिन्न रंगों में पाए जाते हैं, जैसे की नीला, लाल, पहले, पीला आदि।

डेल्फिनियम एक परम्परागत फूल होते हैं और इसे उच्चतम कीमत पूरी दुनिया में पायी जाती है। ये फूल आमतौर पर उपहार, सजावटी पुदियों, मंगलसूत्र आदि के लिए उपयोग होते हैं। इनके सुंदर और उज्ज्वल फूलों से ये पौधे काफी मशहूर होते हैं और लोगों को आकर्षित करते हैं।

डेलफिनियम की प्रमुख उत्पादन राज्य (Major Producing State Of Delphinium)

डेलफिनियम, जिसे हिंदी में नीलकंठ (Delphinium) भी कहा जाता है, एक पुष्पीय पौधा है जो आमतौर पर मनोहारी फूलों के लिए उगाया जाता है। यह फूलों के श्रृंग स्कार्फ (spur) द्वारा पहचाना जाता है और इसके विभिन्न प्रजातियों के रंग और उंचाई भिन्न होती है।

भारत में डेलफिनियम की मुख्य प्रधान उत्पादन राज्यों में शामिल हैं मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, और केरल। ये राज्य उच्च ऊर्जा महाकुम्भो में ध्यानदेंनीय उगाने के लिए प्रसिद्ध हैं जहां डेलफिनियम की खेती एक लाभकारी व्यवसाय मानी जाती है।

डेलफिनियम की खेती के लिए महत्वपूर्ण चीजें जल, मृदा, प्रकाश की उपलब्धता और तापमान हैं। इसे माटी के उत्पादों में अच्छे संगठन के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है, जिसमें खाद, मिटटी का संतुलन, और उच्च सही मात्रा में जल शामिल होता है। महाकुंभों के लिए उगाने से पहले, बीज को पूरी तरह से प्रतिष्ठानित किया जाना चाहिए और उपयुक्त कीटनाशकों द्वारा पेड़ के कीट और रोगों से जांच भी की जाती है।

भारत में डेलफिनियम की खेती एकमात्र उच्च ऊर्जा महाकुम्भों के वसंत और ग्रीष्म ऋतु में होती है। इसमें अच्छी देखभाल, समय पर सिंचाई, खाद और तापमान में समान्यता की जरूरत होती है। डेलफिनियम की खेती कृषि उत्पादों की एक आवाज प्रदान करती है, जहां ताजगी, विविधता और संरक्षण के साथ आंतरराष्ट्रीय बाजारों में कमाई की जा सकती है।

डेलफिनियम के पौधे के चिकित्सा गुण (Medical Properties Of Delphinium)

डेलफिनियम (Delphinium) एक फूलों वाला पौधा है जो धात्रीय फैमिली से संबंधित है। यह पौधा प्रायः मध्य एशिया, यूरोप और उत्तर अमेरिका में पाया जाता है। इसे अक्सर गार्डन में सुंदरता के लिए बोने जाते हैं, लेकिन इसके औषधीय गुणों का भी प्रयोग किया जाता है।

डेलफिनियम की औषधीय महत्त्वपूर्ण खासियतों के बारे में तीन मुख्य प्रतिष्ठित कागजातों में जिक्र किया गया है। ये विशेषताएं इस प्रकार हैं:

1. तनाव और चिंता का नियंत्रण: डेलफिनियम में मौजूद औषधीय तत्व मदरपूर्ण होते हैं जिन्हें इंद्रियों को निरोगी बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके सेवन से तनाव और चिंता के संकेतों में कमी आती है और शांति और सकारात्मकता महसूस होती है।

2. पाचन और आंत्रों का स्वास्थ्य: डेलफिनियम में मौजूद तत्वों का सेवन करने से पाचन तंत्र का तात्पर्य पोषण बढ़ता है। यह पाचन का कार्य सुचारू रूप से करता है और भोजन को आराम से पचाता है। साथ ही, यह आंत्र की स्वस्थता को भी बढ़ाता है और पेट में होने वाली कटाब होने की संभावना को भी कम करता है।

3. स्नायु संतृप्ति: डेलफिनियम में मौजूद कुछ प्रयोगी तत्वों के कारण, इसका सेवन शरीर में जोड़ों के दर्द और संतृप्ति को बढ़ा सकता है। यह मांसपेशियों को आराम प्रदान कर सकता है और अस्थमा जैसे व्याधियों की स्थिति को भी सुधार सकता है।

इस प्रकार, डेलफिनियम एक प्राकृतिक औषधि है जो तनाव को कम करने, पाचन और आंत्र को स्वस्थ रखने और स्नायु संतृप्ति को बढ़ाने में मदद कर सकती है। यह विभिन्न रूपों में उपयोग किया जा सकता है, जैसे कि दवाएं, तेल और पाउडर के रूप में। हालांकि, इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के पश्चात ही किया जाना चाहिए और इसे सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए।

डेलफिनियम का वैज्ञानिक नाम (Scientific Name Of Delphinium)

डेलफिनियम, जिसे हिंदी में देलफिनियम भी कहते हैं, एक हंगामी पौधा है जिसका वैज्ञानिक नाम ‘Delphinium’ है। इसे सामान्यतः हम खुशबूदार फूल वाले पौधे के रूप में जानते हैं, जो एक पारिजाती वंशीय पौधा है। यह पौधा मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका में पाया जाता है। इसके पत्ते हरे रंग के होते हैं और ढाली द्वारा अलग-अलग तरह के फूल उत्पन्न किए जाते हैं। ये फूल बड़े, विशाल और बुलंद होते हैं, जिनमें अलग-अलग रंगों का मेल मिलाप होता है।

इन्हें आमतौर पर उच्ची घास या वृक्षों के आसपास लगाया जाता है, जहां ये खूबसूरतता और रंगीनता का अद्वितीय दृश्य प्रदर्शित करते हैं। इनकी एक प्रमुख विशेषता है कि ये कई प्रकार की मक्खन मिली रंग वाले फूल पैदा करते हैं और लंबे समय तक खिले रहते हैं। डेलफिनियम एक आकर्षक फूलों वाला पौधा होता है, जो गुलाबी, लाल, नीले, पीले और सफेद रंगों में प्रकाशित होता है और बाग-बगीचों में उम्दा दृश्य सृष्टि करता है।

डेलफिनियम की खेती (Delphinium Cultivation)

डेलफिनियम या डेल्फिनियम का खेती का तरीका एक फूलों की खेती की विधि है जिसमें आप इसमें सफलता प्राप्त कर सकते हैं। डेलफिनियम एक उच्च स्थानीय फूल है जो आपके उद्यान में खूबसूरत दिखेगा। इसे नरंगी, नीली, लाल, पीले, वेंडी, गुलाबी आदि रंगों में पाया जा सकता है।

अधिकांश डेल्फिनियम पौधे 3-5 फुट ऊंचे होते हैं और उनके बीच में सही फूलों की सुनहरी अवस्था में प्यारी सी झलक देते हुए एक आकर्षक पौधे से घिरे हुए होते हैं। इन्हें आप अपने बगीचे में खेती कर सकते हैं, जिससे आपका बगीचा सुंदरता से भर जाएगा और इससे छमक और आकर्षकता बढ़ेगी।

डेल्फिनियम खेती करने के लिए, आपको इसे ठंडक और खुशदिल जगह में लगाना चाहिए, जैसे छत के पास, जहां धूप और सलीनता की मत्रा नहीं बढ़ती है। प्राथमिक फसलों के रीढ़ पर आपको फसल को उगाने के लिए इसे 6-8 इंच ऊँचा उगलना चाहिए। यदि आप एक बरसाती क्षेत्र में रहते हैं, तो आपको इसे मुंहबोरे या खोटी तक पर्याप्त तापमान में उगलना चाहिए, क्योंकि इसमें थंडक, नेमोनी, मेस्कारी सनकटों से नुकसान हो सकता है।

बीज का चयन करने के लिए, आपको ध्यान देना चाहिए कि वो केवल स्वस्थ और अच्छे विकसित बीज हों। आपको एक कठोर संरक्षित क्षेत्र में खेती के लिए युक्तियाँ समझनी चाहिए, जिससे बीज मनुष्य द्वारा रखी हुई उपायों से संरक्षित बना रहे।

डेल्फिनियम को खेती करने के लिए आपको उपयुक्त मिट्टी का चयन करना चाहिए जिसमें पानी का अवशेष शेयर होना चाहिए। डेल्फिनियम का उगाने का सर्वोत्तम समय जुलाई या अगस्त मास होता है। बीज को धनी मिट्टी में 1/4 इंच के बाद जमाएं और बाद में उन्हें 10-14 इंच की दूरी पर खलीजें। डेल्फिनियम को प्रतिसप्ताह में ताजगी भरा खाद देने की जरूरत होती है ताकि इसे खिला खिला हो सके। इसे भाप और इंगित की जरूरत होती है ताकि पानी का अवशेष न सूख जाए।

यदि आप सभी उपयुक्त मार्गदर्शन का पालन करते हैं तो आप डेल्फिनियम खेती में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। आपके बगीचे में इन खिली हुई और स्वस्थ पौधे एक आभा नगरी की तरह उभरेंगे और आपके उद्यान को एक शानदार लुक देंगे।

डेलफिनियम की खेती (Farming of Delphinium)

डेलफिनियम फार्मिंग अक्सर सुंदरता और उपयोगिता के लिए उगाये जाने वाले फूलों के लिए अपनी प्रमुखता रखती है। डेलफिनियम एक प्रकार का पेड़ वाला पौधा है जिसमें विभिन्न रंगों और आकारों के फूल पाए जाते हैं। यह प्रमुख रूप से आकर्षक विषमता के लिए पसंद किया जाता है और उन्हें फूलदार विज़ारों, विवाहिता अवसरों, वाणिज्यिक उद्यानों और कई अन्य अवसरों के लिए यात्रियों के उद्यान में बोने के लिए प्रयोग किया जाता है।

डेलफिनियम फार्मिंग की पहचान करने का सबसे महत्वपूर्ण तत्व उचित मौसम वातावरण है। डेलफिनियम ठंडी, सूखे और धूप के साथ खुदाई करने वाली मिट्टी को पसंद करते हैं। इसके लिए, घरेलू उद्यान में इन्हें या खेती हेतु उचित मौसम वातावरण उपस्थित नहीं होता हैं। इसलिए, डेलफिनियम फार्मिंग सामान्य रूप से सड़कों के क़रीब या गहरी मिट्टी वाले स्थानों पर होती है। यह फूलते हैं्गर और अच्छे नमी वाले उचित मौसम वातावरण में अच्छी तरह विकसित हो सकते हैं। इनकी कटाई और फसल को संभालने का समय भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनकी कमजोर और डांट से प्रभावित होने की संभावना होती है।

डेलफिनियम फार्मिंग काफी मेहनत और धैर्य की आवश्यकता होती है, क्योंकि इन्हें संकर मिट्टी, उपयुक्त खाद और नियमित तौर पर पानी की आवश्यकता होती है। इन्हें भलीभांति खाद देकर पदार्थ में उचित संतुलन बनाए रखना जरूरी है ताकि उनका उत्पादन स्वस्थ और मजबूत हो सके। खड़ी बर्फ और छिट्टी के मौसम में डेलफिनियम पौधों की सुरक्षा के लिए संरक्षण के नुस्खे महत्वपूर्ण होते हैं। इसलिए, डेलफिनियम फार्मिंग धातु संसाधनों, मज़बूत स्वामित्व पर बना होता है और खाद्य पाईप लाइनों के करीब हो जरुरी होता है जहाँ पानी नीचे बह सके।

डेलफिनियम/Delphinium FAQs

Q1. डेलफिनियम क्या होता है?
A1. डेलफिनियम एक पौधा होता है जो एक पारिस्थितिकी, रंगीन फूलों की संख्या के साथ बहुत हैदराबाद होता है।

Q2. डेल्फिनियम के फूल कितने दिनों तक खिलते रहते हैं?
A2. डेल्फिनियम के फूल सामान्यतः १०-१४ दिनों तक खिलते रहते हैं।

Q3. डेल्फिनियम की खेती किस धार्मिक महिला और पहलू स्वान्तःरंगी क्षेत्र में मुख्य रूप से की जाती है?
A3. भारत में, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और कश्मीर आदि राज्यों में डेल्फिनियम की खेती स्थापित है।

Q4. डेल्फिनियम का उपयोग किस तकनीकी कार्य के लिए किया जाता है?
A4. डेल्फिनियम के फूलों का उपयोग परिधानों, फूलों के सुंदर अलंकरण, बाल्टन, मेहंदी और शुभ अवसरों की सजावट के लिए किया जाता है।

Q5. डेल्फिनियम को किसी का नाम मिला है?
A5. डेल्फिनियम को अंग्रेजी में “Delphinium” के नाम से जाना जाता है।

Q6. डेल्फिनियम का प्राकृतिक वर्गीकरण क्या है?
A6. डेल्फिनियम एक पौधा है जिसका वैज्ञानिक नाम Delphinium है और यह बटेरफ्लाइ कुल का हिस्सा है।

Q7. डेल्फिनियम के पेड़ कितनी उच्चाई तक पहुंच सकते हैं?
A7. डेल्फिनियम के पेड़ सामान्य रूप से १.२ से २.४ मीटर तक की ऊचाई तक पहुंच सकते हैं।

Q8. डेल्फिनियम की रंगीनता कैसी होती है?
A8. डेल्फिनियम की रंगीनता विभिन्न विविधताएं हो सकती हैं, जैसे- नीला, लाल, पीला, सफेद, गुलाबी, इत्यादि।

Q9. डेल्फिनियम की गहनता केसे होती है?
A9. डेल्फिनियम की गहनता पौधे के प्रकार, सदस्यता वयस्क पौधे और परिस्थितिकी क्षेत्र पर निर्भर कर सकती है।

Q10. डेल्फिनियम को कितनी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है?
A10. डेल्फिनियम को वृद्धि के अवधि में कम से कम २ सेंटीमीटर पानी प्रति सप्ताह की आवश्यकता होती है।

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