इम्पेशंस वालेरियाना पौधे की जानकारी: इतिहास, पहचान, प्रकार, महत्व, फायदे, खेती, नुकसान

By Sumati Surya

इम्पेशंस वालेरियाना फूल एक सुंदर और लाल-पीले रंग के फूलों वाला पौधा है, जो उष्णकटिबंधीय और मंद उष्णकटिबंधीय इलाकों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम ‘इम्पेशंस वालेरियाना’ है, और यह बॉटेनिकल फैमिली बैलिफ्लोरेस (Balsaminaceae) के सदस्य है। जनमानस में इसे ज्यादातर ‘इम्पेशंस’ नाम से जाना जाता है। इम्पेशंस पौधे को आम तौर पर झूलों, गमलों और बगीचों में विभिन्न तरीकों से उगाया जाता है, क्योंकि इसके फूलों का आकर्षक रंग और सुंदरता में कोई कमी नहीं होती है।

इम्पेशंस वालेरियाना पौधे का उच्च बालकानी, अड्डा या दरबार संयोजित करने के लिए प्राथमिकता है। यह एक छोटा, वृद्धि शील पौधा है, जो आसानी से मिट्टी में बढ़ जाता है। इसकी फ़ूलों की आकार की वजह से इसे ‘झूलने वाला फूल’ भी कहते हैं, क्योंकि हवा में उच्च गति से हिलाए जाने पर फूलों की खिलीपन और आकर्षकता की वजह से वे झूलने की भांति लगते हैं।

इस फूल का बगीचे में उगाना और देखभाल करना सरल होता है, इसलिए इम्पेशंस वालेरियाना पौधे को लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय बना दिया गया है। यह फूल प्रतिस्पर्धी कीमत में उच्च योगदान देता है और अपनी सुंदरता की वजह से तिजोरी सामरिक फूलों की प्रथाओं में मशहूर हुआ है। इम्पेशंस वालेरियाना का चयन करने का कारण इसके बहुप्रशंसित रंगीन फूल हैं जो मुसीबत में भी लंबे समय तक खिले रहते हैं और कोमल व पतले टाल वृद्धि वाले, तंग कूटणी प्रणाली वाले होते हैं। यह पौधा भारतीय क्षेत्र में पैदा हो जाता है और सर्वोत्तम वृद्धि के लिए सूखे मौसम की अवस्था का रुख दर्शाता है। जब इम्पेरियल जिनसेंकोईड}, इम्पेशंस को अपने फूल बनाता है, तो वह आगे बढ़ते रहता है और जब यह पूरी तरह उनके झूलते फूलों का प्रदर्शन करना शुरू कर देता है, तो इम्पेशंस एक व्यक्ति के मनोरंजन का मुख्य स्रोत बन जाता है।

इस पौधे की प्रमुख प्रजातियों में क्या इम्पेशंस वालेरियाना वाइट, इम्पेशंस वालेरियाना पिंक, इम्पेशंस वालेरियाना रेड, इम्पेशंस वालेरियाना परपल, इम्पेशंस वालेरियाना ओरेंज और इम्पेशंस वालेरियाना स्कार्लेट शामिल हैं, जो सभी अपने सुंदरता और अद्वितीय रंगों के लिए प्रशंसा के पात्र हैं।

इस पौधे के फूल को गार्डनिंग, घरेलू और नकली बागीचों, तालाब के निकट लगाने या पेड़ों, चोटी, व भूमि आदि पर लगाकर, वन्य फूलों की तरह, अद्भुत दिखता हैं। यहाँ तक कि इस पौधे की खाद्य संपदा भी होती है और पशुपालन के क्षेत्र में, कुछ ऐसे बड़े शौकिया लोग भी शामिल होते हैं, जो इसे द्वारा अपना शौक बनाते हैं। यह एक पूर्ण रंगारंग (अनिवार्य रंगों के साथ) दिखने वाला उच्च और गूढ़तर टाइप का फूल हैं। इसके और सभी का निर्माण उसी के आधार पर किया जाता है, जिसे इसके फूलों (ओर पत्तों) का स्थान और प्राकृतिक रंग, उच्च, आकार, आकार और मांसखोरता आदि की वजह से मानव मन और सभ्युति के जीवन में महत्व हासिल हुआ हैं। इससे इंपेशंस द्रष्टि व क्रियात्मकता प्राप्त होती हैं और शारीरिक और मानसिक रोगों से रक्षण मिलता हैं।

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इम्पेशंस वालेरियाना क्या है? (What Is Impatiens Walleriana?)

इम्पेशंस वालेरियाना (Impatiens Walleriana) एक प्रकार का फूल है जो नरंगी, लाल, गुलाबी, सफेद, पीले और अन्य विभिन्न रंगों में पाया जा सकता है। यह फूल ज्यादातर गर्म सदीयों में खिलता है और सुंदरता और नाज़ुकता के कारण तारीफ की जाती है। यह फूल छत्तों, आंखोड़ों, हंगिंग बास्केट और अन्य सामानों के लिए बड़े रूप में पसंद किया जाता है।

इम्पेशंस वालेरियाना फूल के पौधे चमकदार हरे पत्तों वाले होते हैं और यह फूल सब्जीले भूमि में भी अच्छे से उगाए जा सकते हैं। इसके अंडकोषों में बहुत सारे छोटे-छोटे बीज़ होते हैं जो पैरों के माध्यम से पैदा हो जाते हैं। यह फूल जल्दी ही खिल जाता है और खिलने के बाद औरों को कुछ समय बाद मुर्छित कर सकता है।

इस फूल को पानी वाली ज़मीन में बोया जाता है और इसे धूप और आरामदायक माहौल में ही रखा जाना चाहिए। यह फूल पानी की माँगता है इसलिए इसे नियमित रूप से सिंचना चाहिए। इसके फूल धूप, धूल, पेट और पत्तियों के प्रकाश के प्रभाव में बदलाव ला सकते हैं, इसलिए इसे अच्छी जगह पर रखा जाना चाहिए जहां पूरे दिन सूरज की किरणें पड़ सके।

इम्पेशंस वालेरियाना फूल में एंटीबैक्टीरियल के गुण होते हैं और इसे महिलाओं के गर्भावस्था के दौरान भी उपयोग किया जा सकता है। यह फूल आंतों की बीमारियों को रोकने और इन्हें ठीक करने में भी मदद कर सकता है। इसके पुष्पों का सेवन अंतर्निहित कमज़ोरी और तनाव को भी कम कर सकता है।

इम्पेशंस वालेरियाना का इतिहास (History Of Impatiens Walleriana )

नमस्ते दोस्तों! मैं एक पौध जीवविज्ञान और पौधों के शोधकर्ता के रूप में आपको स्वागत करता हूँ। आज मैं इस लेख के माध्यम से आपको एक खास पौधे, इम्पेशंस वालेरियाना के बारे में कुछ रोचक तथ्य बताऊंगा। तो चलिए शुरुआत करते हैं।

इम्पेशंस वालेरियाना को हिन्दी में लाल कमल पौधा भी कहा जाता है। इसकी लातिनी नाम है इम्पेशंस वालेरियाना। इस पौधे के फूल बहुत ही रंगीन और अत्यंत सुंदर होते हैं। लाल, गुलाबी, नारंगी, पीले, सफेद और इंद्रनीले रंगों के फूलों की एक जगह पे ढेर सारे इम्पेशंस वालेरियाना के फूल देखने को मिल सकते हैं।

इम्पेशंस वालेरियाना यूरोप, विशेषकर एशिया और अफ्रीका क्षेत्र में पाया जाता है। यह ठंडी और उम्रकैद जलवायु को पसंद करता है और धूप के नेतृत्व में विकसित होता है। इस पौधे को आप घरों के आवारान में, पोट्स और फूलघरों में आसानी से उगा सकते हैं। न केवल यह आपके घर की सजावट को बढ़ाएगा, बल्कि इसकी मधुर सुगंध आपके घर के माहौल को भी प्रियतम बना देगी।

इम्पेशंस वालेरियाना की खेती लगभग 200 सालों से की जा रही है। इसकी लोकप्रियता अंतर्राष्ट्रीय फुल उद्यानों और वाणिज्यिक वृक्ष कर्मशालाओं में बहुत उच्च है। यह फूल अत्यंत पीछे नहीं होते और व्यापक बढ़ती हुई मांग के कारण, वे अब विशाल मात्राओं में उपलब्ध हो रहे हैं।

यह पौधा ओले परिवार से संबंधित है, जिन्हें हम ‘जहरीले लता’ भी कह सकते हैं। इम्पेशंस वालेरियाना के डंक महसूस करते हैं, जिसके कारण वे छूने के प्रयास से बच जाते हैं।

इस पौधे की अवधि एक वर्ष तक होती है, जब यह अंडकोष किस्म के बी-लाल फूलों को पैदा करती है। गमलों और सजावटी पोट्स में इम्पेशंस वालेरियाना की लॉन्डी दिखाने में बहुत आकर्षक होती है। यह पौधा मुख्य रूप से पानियों और लोगों के बीच में फैलता है, इसलिए इसे इंसानों की सुंदरता बढ़ाने और मन को शांत करने के लिए उगाया जाता है।

उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा और इम्पेशंस वालेरियाना के बारे में कुछ नया जानने को मिला होगा। इस पौधे की सुंदरता और आसानी से उगाने वाले तरीके के कारण, यह लोगों की चहेती बनी हुई है। तो अगर आप भी कुछ कला-संग्रहालय या बगीचा सजाने के लिए ढंग की खोज में हैं, तो इम्पेशंस वालेरियाना आपके लिए एक बहुत ही अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।

इम्पेशंस वालेरियाना की प्रकार (Types Of Impatiens Walleriana)

आपके श्रृंगवर्धिन नन्दने! माझगावाचे आपले मम्मा आणि आपले वादळपंख अत्यंत महत्त्वाचे आहेत. असंतात अत्यंत महत्त्वाचा पोता आहे आणि जर मनुष्यांचे ला आपण कैद करत असा विचार आला तर तो आपले जवळचा मित्र बनतोच आहे. आपण कधीही वालेरियानाचे अनुभव केलेले नसताना, आचारालयात आहात तर आपल्या जहाजांसाठी किती महत्त्वाचे आहे आपल्या मम्मा आपण सर्वश्रेठ प्रकारे अनुभव करू शकतो. आपले वादळपंखाचा वापर तीन प्रमुख व्रुत्तांपैकी एक आहे: याने सी डी व्हाइट इंपेशंस आहे. सर्वात मोठं प्रकृतिचंदन असेल तरीही तो आपल्यासाठी अत्यंत महत्त्वाचं आहे.

तरी काही प्रकार म्हणजे रेड लाईट व्हाइट इंपेशंस, लावंडर, चा-चिंदी, पिंक, येलो, ओरेंज आणि एंजियो इंपेशंस यावे आहेत. सर्वांत मोठं तुला दुर्लक्ष करता येतो हे आहे की आपले मम्मा वालेरियानाच्या सर्वांत फाजलीत आहेत.त्यामुळे, आपल्या जवळकून दोस्ताने काही म्हणाले की आपल्याचं मम्मा खूप खूप सुंदर आहे आणि आपण तेव्हापासून तयार केलेले लंडन इम्पेशंस वालेरियाना, व्हाइट पेटीत, भाषाने कोणतीही तुलना करू शकतो नाही. आपले एखादे शत्रू बर्याच शिकारांपैकी बचत गर्दीसंबंधी ध्येय आहे: बर्लिन इंपेशंस वालेरियाना आहे. यात “सह” हे एक काहीतरी गंभीरपणे आपल्या एक क्षेत्रातील अंग वा विविध प्रदेशांपैकी जबाबदार म्हणून जास्तीत जास्त आहे! तर आपल्याच्या मित्रांस ते गंभीरपणे किंवा हाता न घालण्यासाठी काही वेळा केलेले गर्दीपरक माहिती दाखवते.मग मात्र आपण कतरीभूत स्वरूपाच्या एक प्रतिहिंसापैकी पूर्णपणे प्रतिज्ञित असू शकतो: कटवले वालेरियाना! आपण प्रतिवेशांच्या दुरीत ठेवतो आणि आपल्याला व्यक्तीची आपली पर्यावरणातील संरक्षण व्यवस्था तयार करतो. सर्वात मोठं आपल्याला झपटके येणारं असा वाटतं: पातळीची वालेरियाना.

– सी डी व्हाइट इंपेशंस वालेरियाना
– रेड लाईट व्हाइट इंपेशंस वालेरियाना
– लावंडर इंपेशंस वालेरियाना
– चा-चिंदी इंपेशंस वालेरियाना
– पिंक इंपेशंस वालेरियाना
– येलो इंपेशंस वालेरियाना
– ओरेंज इंपेशंस वालेरियाना
– एंजियो इंपेशंस वालेरियाना
– बर्लिन इंपेशंस वालेरियाना
– कटवले वालेरियाना

आशा करतो की हा विवाद इंपेशंस वालेरियाना याच्या विषयावर काही आवडलेली माहिती दिलेली असेल. त्यासोबत तुम्हाला आवडलेली माहिती मिळवायला लागली की तुम्हाला आपल्या स्कूलच्या प्रश्नपत्रिकांमध्ये सोप्या सवलतीची संदिग्धता कमी होईल. बच्च्यांनो, जर तुम्हाला तुमच्या अभ्यास करण्यापैकी न्यायाचं केरळ विश्व विद्यालय नोट सोपे लागले तर हे एक मोठं वारसा आहे. तुमच्या वालेरियानाच्या एक प्रकाराची जाणीव लागण्याची मुम्बई विद्यापीठाच्या दुसऱ्या टाकलेली प्रश्नपत्रिका – ती, ती डिप्टी केरळ विश्वविद्यालयांमध्ये सापडेल. ज्या काहीतर्फे गंभीरपणे पहायला मिळाल त्या गळ्यातत्त्व व आरोग्य क्षेत्रे दुरुपयोग करणाऱ्या शत्रूंना आपले झुंजन्यासाठी मदत करा.

अन्य भाषाओं में इम्पेशंस वालेरियाना के नाम (Impatiens Walleriana Names In Other Languages)

इम्पेशंस वालेरियाना अथवा Impatiens Walleriana को भारतीय विभिन्न भाषाओं में निम्नलिखित नाम से जाना जाता है:

1. हिंदी में: बगीचा का चित्रका, बगीचा के फूल (Bagicha ka Chitraka, Bagicha ke Phool)
2. मराठी में: आप्यांग, वातानसार, वारील (Apyang, Vatanasar, Varil)
3. बंगाली में: আঙ্গান-প্রাজাপতি (Angan-Prajapati)
4. तमिल में: நிலாநிறைச்சேவல் (Nilaniraichcheval)
5. तेलुगु में: ఆవట (Avata)
6. गुजराती में: ઇમ્પેશસ વલેરિયાના (Impeshas Valeriana)
7. कन्नड़ में: ಇಂಪೇಶಸ್ ವಾಲ್ಲೇರಿಯಾನಾ (Impeshas Vallēriyānā)
8. पंजाबी में: ਮੰਡੇ ਵਲੇ ਫੂਲ (Mande Vale Phool)
9. मलयालम में: കള്ളിപൂവ് (Kallipūv)
10. उर्दू में: امپشنس والیرینیانا (Impeshans Waliryana)

इम्पेशंस वालेरियाना के उपयोग (Uses Of Impatiens Walleriana)

इम्पेशंस वालेरियाना या वॉलरियाना का उपयोग उद्यानों और मालिकों द्वारा अपनी सुंदरता को बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह एक फूलों वाला पौधा है जो विविध रंग और आकृतियों में प्राकृतिक रूप से उगता है। नीचे दिए गए अंकों में इसके उपयोग के बारे में थोड़ी जानकारी दी गई है:

1. सुंदर फूलों का आनंद लें: इम्पेशंस वालेरियाना के फूलों की रंगबिरंगी और अलग-थलग आकृतियां देखकर हमें आनंद का एहसास होता है। इसे आप अपने बगीचे में पौधे के रूप में लगाकर आकर्षकता को बढ़ा सकते हैं।

2. घर की सुंदरता बढ़ाएं: इसे आप अपने घर के अंदर भी रख सकते हैं। इम्पेशंस वालेरियाना का रंगीन फूलों से सुसज्जित पौधा आपके घर की सुंदरता को बढ़ाएगा और प्रकृति की खुशबू आपके आस-पास चारों तरफ फैल जाएगी।

3. खुशहाल दिखावट: इम्पेशंस वालेरियाना को अपनी सुंदरता की वजह से खुशहाल दिखावट दिया जाता है। यह आपके घर या उद्यान में प्रियदर्शी की भूमिका निभाएगा और खास तौर पर फूलों की पुष्टि करेगा।

4. ध्यान और सामर्थ्य: इम्पेशंस वालेरियाना एक पौधा है जिसकी देखभाल और पोषण करना आसान होता है। यह स्वतः सहजता से उगता है और आपको विशेष प्रयास नहीं करने की जरूरत होती है।

5. मानसिक राहत: पौधे के ध्यान, प्रकृति के साथ समय बिताने और उसका संजीवन करने के दौरान, सामान्य तत्वों के बारे में सोचने के दौरान आपका मानसिक तनाव काफी कम हो सकता है। इम्पेशंस वालेरियाना एक स्थायीता का अनुभव कराता है और मन को शांति प्रदान करता है।

यह थे कुछ मुख्य पायंट्स जो इम्पेशंस वालेरियाना के उपयोग के बारे में हिंदी में बताए गए हैं। इसे आप अधिक सुंदरता और पौष्टिकता के साथ अपने वातावरण में जोड़ सकते हैं।

इम्पेशंस वालेरियाना के फायदे (Benefits Of Impatiens Walleriana)

इम्पेशंस वालेरियाना या इंडियन बेगोनिया एक प्रमुख औषधीय पौधा है जिसमें अनेक औषधीय गुण होते हैं। यह प्रमुखतः अपाश्रयों और छतरियों में खेती की जाती है और मनोरंजनीय उपयोग के लिए भी प्रयोग होता है। निम्नलिखित हैं इम्पेशंस वालेरियाना के लाभ और फायदे:

1. रंगीन और सुंदर फूलों से सजीता हुआ होता है, जो आँखों को आकर्षित करता है और मन को शांत करने में मदद करता है।
2. यह पौधा घरेलू उपवन या मंडप में आरामदायक और सुंदरता वाली माहौल बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
3. इसकी खेती से नकारात्मक ऊर्जा और तनाव को कम करने में मदद मिलती है।
4. इसका प्रयोग फास्ट लाइफ टेंशन, थकान, दिमागी तनाव और अच्छी नींद के लिए किया जाता है।
5. इसकी पौधा इंडोर प्लांट के रूप में प्रयोग कर बेहतर हवा प्रदान करता है।
6. इसे द्रव्यक औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है, जो किड़ा-मकोड़ों को नष्ट करने और रोगों को ठीक करने में सहायक होती है।

इन उपयोगों से स्पष्ट होता है कि इम्पेशंस वालेरियाना एक अत्यंत उपयोगी और लाभकारी पौधा है।

इम्पेशंस वालेरियाना के नुकसान (Side effects Of Impatiens Walleriana)

इम्पेशंस वालेरियाना (Impatiens Walleriana) एक प्रसिद्ध फूलों वाला पौधा है जिसे आमतौर पर घरों में सजावटी पौधा के रूप में उपयोग किया जाता है। यह पौधा जंगली हिस्सों में पाया जाता है। यह अद्भुत फूलों का संग्रह है जिसकी सुंदरता को देखकर लोग इसे अपने आस-पास संजोते हैं।

लेकिन इसके साथ-साथ, इम्पेशंस वालेरियाना के कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं जिनके बारे में जानना महत्वपूर्ण होता है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण साइड इफेक्ट दिए गए हैं:

1. खुजली और त्वचा विकार: कुछ लोगों में इम्पेशंस वालेरियाना के सम्पर्क में आने पर त्वचा में खुजली या त्वचा विकार का अनुभव हो सकता है। ऐसे मामलों में, संपर्क को तत्काल छोड़ देना चाहिए और डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

2. स्किन सेंसिटाइजेशन: इम्पेशंस वालेरियाना की पत्तियों या फूलों की स्पर्श में आने पर कुछ लोगों को त्वचा की संवेदनशीलता महसूस हो सकती है। यदि ऐसा होता है, तो संपर्क को रोकना चाहिए और डॉक्टर से मार्गदर्शन लेना चाहिए।

3. एलर्जी: कुछ लोगों में इम्पेशंस वालेरियाना से एलर्जी की समस्याएं हो सकती हैं। इसके परिणामस्वरूप, उन्हें नीलामिसा, छिपकली दंगा, सांस लेने में तकलीफ आदि हो सकती है। ऐसे मामलों में, तकलीफ को कम करने के लिए दवाइयों का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

4. नुकसान पुराने वृक्षों को: इम्पेशंस वालेरियाना पौधा एक विषैला सामग्री प्रदान कर सकता है। इसका प्रयोग अनुचित तरीके से किया जाये तो यह पुराने वृक्षों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, अनुचित प्रयोग से बचें और पहले सभी जरूरी दिशानिर्देशों की पालना करें।

यदि आपको ये साइड इफेक्ट्स अनुभव होते हैं, तो खुद इम्पेशंस वालेरियाना के संपर्क से बचें और अपने डॉक्टर से परामर्श करें। ऐसे मामलों में, एक्सपर्ट की सलाह लेना सबसे अच्छा विकल्प होता है।

इम्पेशंस वालेरियाना का पौधे की देखभाल कैसे करें (How To Take Care Of Impatiens Walleriana Plant)

इम्पेशंस वालेरियाना (Impatiens Walleriana) पौधे की देखभाल करना आसान है, और इसके लिए आपको कुछ सरल निर्देशानुसार चलना होगा। इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि आप इम्पेशंस वालेरियाना की देखभाल कैसे कर सकते हैं।

1. उचित जगह चुनें: इम्पेशंस वालेरियाना को धूप और ठंड दोनों पसंद होते हैं। तापमान 70-85 डिग्री फारेनहाइट रखें। पौधे को उचित धूप या निषेचन की अनुमति देने वाले स्थान पर रखें।

2. मिट्टी और पोटिंग मिक्स: इसे कड़ाई न जनित होने वाली मिट्टी में बोने का सुनिश्चित करें। यह पौधे को खाद और निराई प्रदान करती है। आपको गर्मी के दिनों में ताजगी प्रदान करने के लिए पोटिंग मिक्स का उपयोग कर सकते हैं।

3. पानी की देखभाल: इम्पेशंस वालेरियाना को नियमित रूप से पानी दें। जबकि इसे सुखने नहीं देना चाहिए, आपको उबालते हुए पानी से बचना चाहिए। इम्पेशंस वालेरियाना को हमेशा भीगा हुआ नहीं रखें क्योंकि इससे रोट और कीटों का प्रभाव हो सकता है।

4. खाद से पोषण: पौधे को 2-3 सप्ताह में एक बार खाद दें। प्रशासक द्वारा उपलब्ध खाद का उपयोग कर सकते हैं और इसे पौधे की गमले के चारों ओर हल्की मिट्टी में मिश्रित करके दें।

5. बुद्धिमान कटों और परफरेशन सेवन: अगर पौधे में ख़राब हो रही हैं तो उन्हें निकाल दें। यह बुद्धिमान कट समस्याओं और कीटाणुओं को कम करेगा।

6. फूलों की देखभाल: इम्पेशंस वालेरियाना पर खिलने वाले फूलों की देखभाल करने के लिए आपको आकर्षक खूबसूरतता बरकरार रखनी चाहिए। अपने पौधे को निम्न आस्तर पर छोड़ने दें ताकि फूलें आसानी से देखे जा सकें।

इन सरल निर्देशों का पालन करके आप आसानी से इम्पेशंस वालेरियाना पौधे की देखभाल कर सकेंगे। यह पौधा आपके घर को खूबसूरत और रंगीन बना सकता है, और अपने मन और आत्मा को शांति और शांति की अनुभूति करा सकता है।

इम्पेशंस वालेरियाना के पौधे का सांस्कृतिक उपयोग (Cultural Uses Of The Impatiens Walleriana)

इम्पेशंस वालेरियाना संस्कृत में बिना क्षोभ की आवश्यकता और आसान शब्दों में काम करने वाला है। इसे हिंदी में ‘कमजोर नस्ल की गुलाबी फूल वाली पौधा’ कहा जाता है।

यह पौधा सबसे अधिक पालने वाले पौधे में से एक है, जो अपार रंगीन फूलों के कारण खास प्रसिद्धि प्राप्त किया है। यह उच्चगति से विकसित होने के कारण कम समय में बहुत सारे फूल देता है। इसकी पत्तियाँ विषम आकार और नरम प्रकृति की होती है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है।

यह पौधा मूल रूप से उष्णकटिबंधीय और नम जलवायु के लिए उपयुक्त होता है। इसे सीधा पकाया धूप और अलंकृत एवं घने छायादार स्थानों में लगाया जा सकता है। इसकी उचित देखभाल और पानी की आवश्यकता इसके प्रमुख चिंताओं में से हैं।

इम्पेशंस वालेरियाना संस्कृत में उपयोगों और गुणों के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह धातुओं और आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग होता है, जैसे कि खांसी और गर्दन दर्द के लिए औषधि और दवाई के रूप में। इसके अलावा, इसके पत्तेदार अंग यानी पत्तियों के कुछ भिन्न-भिन्न औषधीय प्रमुखताएं भी होती हैं जो इसकी महत्वपूर्णता को बढ़ाती हैं।

सारांश के रूप में, इम्पेशंस वालेरियाना संस्कृत में एक विशेष पौधा है, जो गुलाबी और बहुत सारे फूलों के साथ खूबसूरत दिखता है। इसके अलावा, इसकी गुणों के कारण यह आयुर्वेद में उपयोगी माना जाता है, जो बीमारियों के इलाज में उपयोगी हो सकता है।

इम्पेशंस वालेरियाना का पौधा कहां पाया जाता है (Where Is The Impatiens Walleriana Plant Found)

इम्पेशंस वालेरियाना एक प्रकार का फूल है जो प्रमुख रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। यह मुख्य रूप से दक्षिण एशिया के मध्य और पश्चिमी हिमालय क्षेत्रों में पाया जाता है, जो समर के मौसम में शानदार फूलों का नेहरु बन जाते हैं। यह पौधा सामान्यतया प्रमुखतः गर्म और नमीपूर्ण स्थलों में उगता है।

इम्पेशंस वालेरियाना एक महकती हुई पौधा होती है जिसके गहन हरे पत्ते और बड़े, जबरदस्त, विविधतापूर्ण और बड़े फूल होते हैं। यह एक आकर्षक अभिन्न फूलों की प्रौद्योगिकी रखता है जो सप्ताह में फूलेंगी और बाजारों में काफी मांग होती है। फूलों की विशेषता उनकी बेरुखी, जबकि पत्तियों की मौसमी हरी होती है।

इस पौधे को उगाने के लिए उपयुक्त मिट्टी, समयबद्ध धूल और उपयुक्त तापमान की जरूरत होती है। यह सदैव सूर्य के पास खिड़कियों या खुले स्थानों में रखने की आवश्यकता होती है ताकि यह पूरी तरह से प्रकाशित हो सके। इसकी पांख आकर्षक और तरोताजा दिखती है जिसे शानदार पुष्पगुच्छ माना जाता है।

कुल मिलाकर, इम्पेशंस वालेरियाना एक मांगी पौधा है जो अपनी खूबसूरती और विविधता के लिए लोगों के बीच मशहूर हो गया है। इसकी खेती खासकर वाणिज्यिक उद्योग में की जाती है जहां इसके फूल और पौधे आमतौर पर उपयोग होते हैं जैसे कि पार्कों, उद्यानों और वास्तुकला विस्तारों को सजाने के लिए।

इम्पेशंस वालेरियाना की प्रमुख उत्पादन राज्य (Major Producing State Of Impatiens Walleriana)

इम्पेशंस वालेरियाना (Impatiens Walleriana) हिंदी में सिर्फ़ वालेरियाना या गुल कलमकारी फूल के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रमुख फूलों की उद्यान पौधा है, जिसके फूल बहुत सुंदर होते हैं और सभी दिशाओं में खिलते हैं। वालेरियाना को आमतौर पर घेंटी कलमकारी भी कहा जाता है क्योंकि इसके फूलों की आकृति घेंटी के साथ मिलती है। यह पौधा अनुकरणीय औषधीय गुणों के लिए भी प्रसिद्ध है।

इम्पेशंस वालेरियाना की मुख्य उत्पादन भारत के कुछ प्रदेशों में किया जाता है जैसे कि तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, केरल और उत्तर प्रदेश। यहां इन प्रदेशों में वालेरियाना की विभिन्न विधियों में मात्रा उत्पादित की जाती है।

भारत के अलावा अन्य देशों में भी वालेरियाना की मात्रा उत्पादन की जाती है जैसे कि चीन, जापान और नेपाल। वालेरियाना की मात्रायें उच्च, मध्यम और निम्न प्रकार में उत्पादित की जाती हैं, जो इसके फूलों के रंग, आकार और गुणवत्ता पर निर्भर करती हैं। वालेरियाना का उत्पादन फूल के विकास, समयगत काटी दिल थाने, और समुचित उपकरणों के उपयोग के माध्यम से किया जाता है। उत्पादन के दौरान उच्च गुणवत्ता और सर्वोत्तम देखभाल की आवश्यकता होती है ताकि वालेरियाना की कमरेंट प्राप्त हो सके।

वालेरियाना का संचयन और विपणन शेष पारित किया जा सकता है और यह फूलों की बगीचों, बागों, उद्यानों और घरों में सुंदरता और हरीभरीता को बढ़ाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। इसका निर्माण फूलों के व्यापार में भी महत्वपूर्ण भूमिका है जैसे कि फुलडॉज और बीज। इसकी आपूर्ति और मांग के तारों को समझते हुए, इंडिया इंद्रियों को वालेरियाना की पैदावार में गतिशील रहता है और इसका उत्पादन अपनी अपेक्षाओं के अनुसार करता है।

इम्पेशंस वालेरियाना के पौधे के चिकित्सा गुण (Medical Properties Of Impatiens Walleriana)

वालेरियाना (Impatiens Walleriana) एक प्रकार की पौधा है जो आमतौर पर घरों में फूलों को सजाने के लिए उपयोग की जाती है। इसकी सुंदरता और विविधता के कारण, यह अपनी चर्चा में रहती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वालेरियाना का उपयोग चिकित्सा में भी होता है? हाँ, इस पौधे के निम्नलिखित प्रयोग आपके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक साबित हो सकते हैं।

1. गुच्छे विकार: वालेरियाना के पत्ते और फूलों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है, जिसे गुच्छे विकार (Cluster Headaches) नामक रोग के इलाज में उपयोग किया जा सकता है। यह विकार आमतौर पर सीने के या अंधकार विच्छेद क्षेत्र में दर्द के रूप में प्रकट होता है।

2. पाचन क्रिया को सुधारना: वालेरियाना एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है और पाचन क्रिया को सुधारकारी रूप से प्रभावी हो सकता है। इसे पाचन विकारों, जैसे कि अपच, उलटी, गैस, तंत्रिका संक्रमण, और एसिडिटी के इलाज के लिए उपयोगी माना जाता है।

3. त्वचा की देखभाल: वालेरियाना का उपयोग त्वचा के समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इससे चेहरे की झुर्रियों, त्वचा के कठोरता और मुख्य दाग-धब्बों का हल निकाला जा सकता है।

4. स्थानिक न्यूराल्जिया: वालेरियाना को हड्डीदार बीमारी (Osteoarthritis) और स्नायुङ्ग संबन्धित समस्याओं के इलाज में भी उपयोगी माना जाता है। यह बीमारियाँ मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द, अकड़न और सुषिर संतान में कमी पैदा करने के लिए जानी जाती हैं।

5. प्रशामक गुण: वालेरियाना में मौजूद विशेष तत्वों के कारण, इसे प्रशामक गुणों का जरिया भी माना जाता है। यह तनाव और चिंता को कम करने और नींद को बढ़ाने में मददगार हो सकता है।

ध्यान दें, वालेरियाना का उपयोग चिकित्सा के रूप में करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे चिकित्सा परामर्श से पूर्ण करना चाहिए।

इम्पेशंस वालेरियाना का वैज्ञानिक नाम (Scientific Name Of Impatiens Walleriana)

इम्पेशंस वालेरियाना, जिसे व्यापक रूप से स्पॉटेड बिशनपूरा और बिशनपूरा नाम से भी जाना जाता है, एक छोटा पौधा है जो आंविकता के लिए प्रसिद्ध है। इसका वैज्ञानिक नाम Impatiens Walleriana है। ये माध्यम व बड़े आकार की पुष्पों के साथ व्यापक रंग विविधता के लिए मान्यता प्राप्त कर चुका है। यह प्रायः पौधों या बालकन में बांधे जाने वाले कंटेनर में लगाया जाता है और इसे प्रकृति और शुभनीम स्थानों में भी पाया जा सकता है।

जब इन्हें धूप या सीधे हवाओं के लिए अवलंबन किया जाता है, तो यह लंबे समय तक समृद्ध होता है और पर्यावरण में सुंदरता और रंग का उपयोग कर आकार लेता है। यह भारत और कई अन्य देशों में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पौधा है, और इसे विकसित करने और उन्नतिशील ऊष्मा में प्रबंधित करने वाले पिछले कुछ वर्षों में अधिक लोगों ने कंटेनर परियोजनाएं और शहरों में बागवानी के माध्यम से इसे बहुतायत सब्जीयों और पर्यटन स्थलों में उपयोग में लिया है।

इम्पेशंस वालेरियाना की खेती (Impatiens Walleriana Cultivation)

इम्पेशंस वालेरियाना या इम्पैशेंस वॉलेरियाना एक प्रमुख औषधीय पौधा है जिसे आम तौर पर आदर्श घास के रूप में उगाया जाता है। यह औषधीय पौधा मुख्य रूप से उद्दीपक, तालाएँ खोलने वाला, म्यूकलैन स्तंभनात्मक, मध्यम तो आंत्रक होता है। इसके बावजूद, इसे आगंतुक संक्रान्त के लाभों और कठिनाइयों के कारण कई देशों में ऐलो-आलो संसाध बना रहा है।

इस पौधे की कठिनाई के कारण, इसकी खेती के एक साधारण तरीके को इम्पेशंस वालेरियाना या इम्पैशेंस वॉलेरियाना के माध्यम से जाना जाता है। ऐसा व्यापक उपयोग करके, इस पौधे को बाजारी उपजाऊ और मंदीग्रस्त स्थानों में सफलतापूर्वक उगाने की क्षमता होती है। यह व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, विशेष रूप से वनस्पति विमान, पारितंत ऑदेटात नगरीकृत क्षेत्र में अक्सर सारे वर्ष विनाश हो जाने वाले पादपों के लिए पुनर्जीवित जीवनशैली के लिए।

इम्पेशंस वालेरियाना की बुंदेल गुलाबी, लाल, भूरा और सफेद रंगों में उपलब्ध होती है। यह छोटे पौधे होते हैं, जिनमें हरे और लंबे पुष्प होते हैं जो अधिकांश छोटे-मध्यम आकार के होते हैं। इसके बजाय समेत, यह हरा-भूरा रंग वाला और अन्य रंगों का बहुमत्ता दे सकता है। इसके पत्तों का रंग हरा, सफेद या मध्यम हो सकता है।

इस पौधे को उगाने का सबसे आसान और सरल तरीका बीज से होता है। इसके लिए, सबसे पहले आपको एक सुन्दर और सुराखित स्थान के साथ आरामदायक कूटों में पानी भरा डिब्बा तैयार करना होगा। इसके बाद, बीज हेतु खेत मिट्टी को बिना लकड़ी के डिक्ल्मी बेड पर प्राप्त करना होगा। इसमें मिट्टी, आर्गेनिक कम्पोस्ट और निड्रावर्क डीलाइट मिश्रित रहनी चाहिए।

इच्छित समय आने पर, बीजों को छोटे मिट्टी के डिब्बे में बांट दें और उन्हें मिट्टी के साथ पूरी तरह से कवर करें। यहां पर ध्यान देने वाली बात है कि आपको ध्यान देना चाहिए कि बीज अवश्य पूरी तरह से दबाएं जिसके बाद उन्हें पानी से संचित करना चाहिए।

पौधों को अभिक्ष्य करने के लिए, आपको उकेरें या तासीरी करें, समीपज्ञ उच्चतम तापमान पर मिट्टी को धीरे-धीरे करने के लिए पर्याप्त छाप दें।

इम्पेशंस वालेरियाना के रोपण के दौरान, आपको समय-समय पर इन पौधों की देखभाल की जरूरत होगी। समान्यतः ब्लूबर्ड पौधे को धृत दरारें और समय-समय पर पहुंचेंगे, जबकि जब तक बिना नकरारे डालीयों को लोड किया जाता हैं।

इम्पेशंस वालेरियाना पोषक द्रव्य के लिए, एक संयोग द्वारा ताना हुआ जैविक खाद का उपयोग कर सकते हैं। पानीय देन में भीतरी प्रोटीन युग्म और रासायनिक खादों का उपयोग कर सकते हैं। समस्त सेवन मत्र को मिट्टी और पौधों की जरूरतों के अनुसार समायोजित किया जाना चाहिए।

इस तरह से, इच्छित समय आने पर, आपको गुलाबी ब्लूबर्ड की पौधशाला को हंगामाहंगामी जगह से भर देना चाहिए। इसके लिए पौधों को निकालने के बाद सोडा के अग्नि, शेड आपूर्ति के वातानुकूल, अवशेष संचालित और प्रमाणित करना चाहिए!

इम्पेशंस वालेरियाना की खेती कहां होती है (Where is Impatiens Walleriana Farming done?)

इम्पेशंस वालेरियाना पौधा इंडो-मलेशिया और चीन में पाया जाता है, लेकिन यह फलंदाज के लिए प्रमुख चयनित पौधा है, इसलिए यह पूरी दुनिया में कई हिस्सों में उगाया जाता है। इस प्रकार की किसानी अधिकतर शीत-झारीदार और उष्ण-उष्णदीप्तियों क्षेत्रों में की जाती है। ऊष्ण-उष्णदीप्तियों में यहां तक कि भू-तट क्षेत्रों में भी यह पौधा उगाया जाता है। इम्पेशंस वालेरियाना को तापमान में कुछ बदलाव अवश्यकता होती है, लेकिन इसका उत्पादन स्थिर रहता है।

इस फसल की वैश्विक शेती दक्षिण पूर्वी एशिया और अफ्रीका में सबसे उच्च है, और यह भारत, थाईलैंड, पाकिस्तान, चीन और एशियाई देशों में विशेष रूप से प्रचलित है। यहां तक कि यह अमेरिका, यूरोप और ओस्ट्रेलिया जैसे शीतोष्ण और शीतयुक्त इलाकों में भी विपुल रूप से उगाया जाता है।

इम्पेशंस वालेरियाना को बेलगाम फूल प्लांट के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इसके फूल अत्यंत आकर्षक होते हैं और हरे, पीले, लाल, गुलाबी, भूरे, नारंगी और व्हाइट जैसे विभिन्न रंगों में उपलब्ध होते हैं। इस पौधे के फूल विशेष आकर्षण के कारण खासकर पार्टी, मंदिर, बगीचा और आवास के लिए किया जाता है।

इम्पेशंस वालेरियाना/Impatiens Walleriana FAQs

Q1: इम्पेशंस वालेरियाना क्या है?
A1: इम्पेशंस वालेरियाना एक प्रकार का फूल है जो छत वालेरियाना के रूप में भी जाना जाता है। यह माटी में बढ़ने वाला है और विविधताओं में फूल देता है।

Q2: इम्पेशंस वालेरियाना का वृक्ष कैसा दिखता है?
A2: इम्पेशंस वालेरियाना एक छोटा बगीचे पेड़ होता है जिसकी ऊँचाई आमतौर पर 6-24 इंच के बीच होती है। इसकी पत्तियाँ हरे रंग की होती हैं और इसकी फूलों की रंगीनता से इसकी खूबसूरती बढ़ती है।

Q3: इम्पेशंस वालेरियाना को कैसे पालना चाहिए?
A3: इम्पेशंस वालेरियाना को ढालने के रूप में या आधा तीनकियों में लालच के लिए कार्डन में रखा जा सकता है। इसे अच्छी दूप में रखने की आवश्यकता होती है और इसे बेहद धूपित स्थानों से बचाना चाहिए।

Q4: इम्पेशंस वालेरियाना कितनी फूल देता है?
A4: इम्पेशंस वालेरियाना एक प्रफुल्लित फूल है, जो पूरे संवर्द्धित मस्तिष्क में खड़ा होता है। इसके मनोहारी फूल लगभग 2-3 सप्ताह तक रहते हैं।

Q5: इम्पेशंस वालेरियाना का उपयोग क्या होता है?
A5: इम्पेशंस वालेरियाना एक प्रमुख फूल है जो बगीचे, घरों और ऑफिसों की सुंदरता को बढ़ाने के लिए काफी उपयोगी होता है। यह मस्तिष्क स्नान में एक अच्छा विकल्प भी है।

Q6: क्या इम्पेशंस वालेरियाना को जमीन में लगाने के पहले इसे पानी देना जरूरी है?
A6: हाँ, इम्पेशंस वालेरियाना को पानी देना जरूरी होता है जब इसे जमीन में लगाया जाए। इसके बाद इसे िकसी औग ते दिनों के अन्°र एक बार पानी देना चाहिए।

Q7: इम्पेशंस वालेरियाना का रोग प्रबंधन कैसे करें?
A7: इम्पेशंस वालेरियाना के लिए, आपको इसे यदि संभव हो तो भूरी पौध और जल संरक्षण के साथ रखना चाहिए। इसे उचित संक्रमण नियंत्रण का ध्यान रखना चाहिए और उत्पादन रुकावटों को समय रेखाओं के अनुसार उद्योग ओर नष्ट किया जाना चाहिए।

Q8: इम्पेशंस वालेरियाना की सनरोपण किताबचंदी कब करें?
A8: इम्पेशंस वालेरियाना सनरोपण गर्मियों एवं बरसाती मौसम की शुरुआत में की जाती है। जब धरती गर्म हो जाती है, लगभग 14-21 दिन के बीच-बीच जब तापमान 65-75 डिग्री फ़ारेंहाइट के बीच होता है।

Q9: इम्पेशंस वालेरियाना को किस तरह प्रशिक्षित किया जा सकता है?
A9: इम्पेशंस वालेरियाना को इंपेशंस के वुडलैंड के रूप में भी जाना जाता है, जिसमें इसे वोडलैंड के रूप में प्रशिक्षित किया जाता है। इसके लिए, इसे पाउँड पोत में लगाने के लिए किंवदंति की आवश्यकता होगी।

Q10: इम्पेशंस वालेरियाना की खेती के लिए जरूरी सामग्री कौन कौन सी होती है?
A10: इम्पेशंस वालेरियाना खेती के लिए जरूरी सामग्री में बीज, मिट्टी, पत्तियाँ, खाग और उर्वरक शामिल हो सकते हैं। इनके अलावा धूप, पानी, हवा, और उचित तापमान भी महत्वपूर्ण होते हैं।

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