मॉर्निंग ग्लोरी पौधे की जानकारी: इतिहास, पहचान, प्रकार, महत्व, फायदे, खेती, नुकसान

By Sumati Surya

मॉर्निंग ग्लोरी फूल की रात को खिलने वाली पौधा है जो उत्तरी अमेरिका, मेक्सिको और दक्षिण अमेरिका में पाई जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम “इपोमीया” है, जिसे लैटिन शब्द “गैजी ड्राइंग के नीचे सोना” से लिया गया है। मॉर्निंग ग्लोरी एक ज्यादातर सरल और सुंदर फूल होता है, जिसे लोग अपने कांटेवल या फ्रंटयार्ड में उगाते हैं। यह फूल सुनहरा, लाल, नीला, गुलाबी और सफेद रंग में पाया जा सकता है और अपनी संतानों के माध्यम से प्रसारित हो जाता है।

मॉर्निंग ग्लोरी नाइटशेड फैमिली का हिस्सा है, जो एकवर्णान फैमिली है जिसमें कई प्रकार के और विभिन्न आकृतियों वाले फूल शामिल होते हैं। इसे इपोमिया जेनिस के कई बुनियादी प्रकार का माना जाता है, जिसमें से सबसे लोकप्रिय मॉर्निंग ग्लोरी-इपोमिया इनफ्लाटा है, जिसकी खासियत है कि इसमें विशाल फूलों की संख्या होती है।

मॉर्निंग ग्लोरी फूल का नाम भारी तात्पर्य लेता है, क्योंकि यह उठने के समय गर्मी के साथ अपने फूलों को खोलता है और सूर्योदय के साथ ही इन्हें बंद कर देता है। यह फूल दिन भर के लिए मग्निफिकेंट और प्रसन्नता का प्रतीक माना जाता है। इसे यूनानी साहित्य के समय से ही इलाहाबाद, भारत में उगाया जाता रहा है, जहां ये फूल मकर संक्रांति के रंग-बिरंगे उत्सव के लिए खास माने जाते हैं।

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मॉर्निंग ग्लोरी क्या है? (What Is Morning Glory?)

मॉर्निंग ग्लोरी एक परिचित फूल है जिसका वैज्ञानिक नाम ‘इपोमे’ होता है। यह फूल सुबह सूरज उदय के पहले कुछ समय तक खिला रहता है, इसलिए इसे मॉर्निंग ग्लोरी के नाम से जाना जाता है। यह फूलों की अनूठी श्रंगारिकता और अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए विख्यात है।

मॉर्निंग ग्लोरी के फूल आमतौर पर नीले, गुलाबी, लाल, पीले और सफेद रंग में खिलते हैं। इसके फूलों का आकार अलग-अलग होता है, कुछ फूल छोटे होते हैं जबकि कुछ बड़े होते हैं। मॉर्निंग ग्लोरी के फूल मुख्य रूप से आकर्षक और चकाचौंध होते हैं, जिन्हें देखकर आपको उनकी खूबसूरती पर आश्चर्य होता है।

इसके फूलों का संग्रह तनाव कम करने में मदद करता है, जो मानसिक और शारीरिक तनाव से पैदा होता है। इसके फूल दिनचर्या में और उपयोगी होते हैं, क्योंकि यह एक प्रकार की आयुर्वेदिक चिकित्सकीय गुणधर्मी पौधा माना जाता है। मॉर्निंग ग्लोरी की जड़ों और बीजों द्वारा कई रोगों के इलाज में उपयोग होता है। इसकी कुछ जातियाँ घास के रूप में उग जाती हैं, जो रात में खिलती हैं और सुबह के समय जलती हैं।

इसके अलावा, मॉर्निंग ग्लोरी ट्रेलर और क्लाइम्बर के रूप में उपयोगी होती है और इसे घरेलू बगीचों में भी उगाया जा सकता है। यह एक फुलवारी पौधा होती है, जो अपने अद्वितीय फूल और विस्तृत पत्तों के लिए लोगों के द्वारा उपयोग की जाती है। अगर आपके पास भी ताजगी और रंगीनता की तलाश है, तो मॉर्निंग ग्लोरी आपके बगीचे के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है।

मॉर्निंग ग्लोरी का इतिहास (History Of Morning Glory )

आज हम अपने ब्लॉग पोस्ट में आपको एक पौधे के बारे में बताएंगे जिसकी नाम है “मॉर्निंग ग्लोरी”. यह एक सुंदर फूलों वाली पौधा है जिसकी पहचान उसके छोटे-छोटे, रंगीन फूलों से होती है। इसका वैज्ञानिक नाम है Ipomoea purpurea.

मॉर्निंग ग्लोरी ध्यान आकर्षित करने वाले फूलों के लिए ज्ञात है और यह गर्म और आर्द्रभूमि के अधिकांश हिस्सों में आसानी से उग सकती है। इसका प्राकृतिक विस्तार में विशेष महत्व है, इसलिए यह एक प्रमुख फसल पौधा बन जाता है। यह जल्दी से बढ़ने वाला पौधा है और एक बार उग जाने पर प्रतिवर्ष फिक्स भारतीय 25 परे वचक से 75 प्रतिशत वजन की प्राप्ति हो जाती है।

मॉर्निंग ग्लोरी फूलों के वर्गीकरण में आवर्तीय पौधा है और इसके फूल मुख्य रूप से नीले, लाल, गुलाबी, पीले, और सफेद रंग के होते हैं। यह ताड़ने वाली या वज्रीय पौधा है, इसलिए इसके पत्ते धाराप्रद होते हैं जो संपूर्ण पौधे को घंटा-आकार देते हैं। पत्तियों का वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान होता है और यह सुंदर पुष्पांजली को बढ़ाने में मदद करता है।

इस पौधे का उच्चतम उगाव 3 मीटर तक टहलता है और यह खुदरा वाले फूलों का एक शून्य भाग (पेटल) दिखाता है। प्रतिद्वंद्वी पौधे हुक्केल, बीजे, चरवाहे, और भूकंप के काल में जंगलीजीवों को आकर्षित करने के लिए यह व्यापक ष्टकोप फल और बीज प्रदान करता है।

यहां तक कि मॉर्निंग ग्लोरी संबंधी बहुत सारी परंपराओं और कथाओं को जुड़ा है। धर्म एवं कथाओं में इसको दिव्यता लाने का दावा किया जाता है। इस पौधे के फूल को घरों तथा मंदिरों में देवी दुर्गा, श्रीकृष्ण, और अन्य देवियों का प्रसाद भी दिया जाता है।

मॉर्निंग ग्लोरी की अमान्यता विलुप्त हो रही है इसलिए इसे जीवाश्मरक में संरक्षित करना महत्वपूर्ण है। इसका पौधे को बीज संग्रह करने, पौधे की रोपाई करने, और उसके प्रकोप सत्पालन करने जैसे तत्परता ध्यानःदेना केवल हमारी जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हमारी पवित्र भूमि का राष्ट्रीय गौरव आश्रयोजक भी है।

आशा करते हैं कि आपको आज का हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हम अपने आगामी ब्लॉग पोस्ट में फिर मुलाकात करेंगे। तब तक, प्रकृति को संरक्षण करने और पौधों की रक्षा करने में अपनी भूमिका निभाएं। धन्यवाद!

मॉर्निंग ग्लोरी की प्रकार (Types Of Morning Glory)

मॉर्निंग ग्लोरी, जिसे हिंदी में सुबह की मदिरा कहते हैं, एक प्रकार की फूल की प्लांट होती है| यह पौधा आम तौर पर गर्म क्षेत्रों में पाया जाता है|

यहाँ, मॉर्निंग ग्लोरी के कुछ प्रमुख प्रकार हैं जो सीखवाने में आसान हैं और जिन्हें छठी कक्षा के छात्र समझ सकते हैं:
1. आइवी लीफ मॉर्निंग ग्लोरी: यह प्रकार के फूल लगभग पैरासाइट होते हैं और भूमि पर उगने वाली अन्य पौधों में ढक लेते हैं|

2. पश्चिमी नीला मॉर्निंग ग्लोरी: यह मॉर्निंग ग्लोरी का एक अन्य प्रकार होता है, जो कि टेंडा उगाने वाली ताल तटों में पाया जाता है| इनके फूल बड़े, चमकदार और नीले रंग के होते हैं|

3. ओराइंटल मॉर्निंग ग्लोरी: यह प्रकार के फूल का शारीरिक रूप छोटा होता है और इनके फूल के पंख घूर्णना या फिरबिजान आकार होता है| इनके फूल इंडिया और चीन में बड़े बड़े मंदिरों की दीवारों को सजाने के लिए उपयोग होते हैं|

ये केवल कुछ प्रमुख प्रकार हैं, लेकिन मॉर्निंग ग्लोरी के दूसरे भी दर्शनीय प्रकार होते हैं| इनके अलावा, और भी कई अनुभवीय पौधा-प्रेमियों द्वारा खोजे जा रहे हैं जो इस पौधे की अद्वितीयता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं|

अन्य भाषाओं में मॉर्निंग ग्लोरी के नाम (Morning Glory Names In Other Languages)

1. Hindi: सुबह की प्रप्ति (Subah ki prapti)
2. Bengali: সকালের গৌরব (Shokaler gaurob)
3. Telugu: మోర్నింగ్ గ్లోరీ (Morning Glory)
4. Marathi: सकाळीचं प्रप्ति (Sakalich prapti)
5. Tamil: காலை நட்சத்திரம் (Kaalam natshatram)
6. Urdu: صبح کی شاندار (Subah ki shandar)
7. Gujarati: સવારન૾ ગ્લોરી (Savarna glory)
8. Malayalam: രണ്ടമാസ മൂല്യവര്‍ദ്ധനം (Randamaasa moolyavardhanam)
9. Kannada: ಬೆಳಗಾವಿ ಸುಂದರತೆ (Belagaavi sundarathe)
10. Punjabi: ਪ੍ਰਭਾਤੀ ਮਹਿੰਦਰ (Prabhaatee mehindra)

मॉर्निंग ग्लोरी के उपयोग (Uses Of Morning Glory)

मॉर्निंग ग्लोरी को एक प्रकार की पेड़-पौधे या बेल होती है जिसे आमतौर पर अंग्रेजी में “Morning Glory” के नाम से जाना जाता है। यह पौधा वसंत और गर्मी के मौसम में अपनी अलग-अलग आकृति और रंगों की वजह से बहुत प्रसिद्ध है। इसका उपयोग निम्नलिखित कारणों के लिए किया जाता है:

1. नक्शीदार सुंदरता: मॉर्निंग ग्लोरी के फूल बहुत ही सुंदरता और विविधता से भरे होते हैं। इसलिए, इसे उद्यानों, पार्कों और बगीचों में आकर्षण के रूप में लगाया जाता है।

2. साइंटिफिक महत्व: मॉर्निंग ग्लोरी एक विश्राम और पर्यटन कार्यक्रम में भी दिखाई देता है। इसलिए, यह वनस्पति विज्ञान और पारिस्थितिकी विज्ञान के क्षेत्र में छात्रों द्वारा अध्ययन के लिए उपयोगी होता है।

3. मनोरंजन के उद्देश्य से: इसका अन्य उपयोग मनोरंजन के लिए किया जाता है। यह संगीत और फिल्मों में बचपन के दौर को याद दिलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

4. आहार के रूप में: कुछ जगहों पर, मॉर्निंग ग्लोरी के पत्ते और बीज खाए जाते हैं। यह एक स्वादिष्ट सब्जी को बनाने में भी उपयोग होती है।

5. औषधीय गुण: मॉर्निंग ग्लोरी को आंखों की रोशनी बढ़ाने और खून को साफ करने के लिए भी उपयोग किया जाता है। इसके उपयोग से स्वास्थ्य से जुड़ी कई बीमारियों का उपचार किया जा सकता है।

मॉर्निंग ग्लोरी का उपयोग शायद इन पॉइंट्स के अलावा भी किया जा सकता है जो अगले हैंडल कर सकते हैं:

– चित्रकला में मॉर्निंग ग्लोरी के आकार और रंगों की प्रेरणा के लिए
– होम डेकोरेशन में चारों ओर झूलते हुए पौधों के रूप में
– प्राकृतिक पर्यावरण को सुंदर बनाने के लिए नोटबुक्स और पेस्टल के रूप में

इन सभी कारणों से मॉर्निंग ग्लोरी एक अहम वृक्ष है जिसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

मॉर्निंग ग्लोरी के फायदे (Benefits Of Morning Glory)

मॉर्निंग ग्लोरी (Morning Glory) हमारे स्वास्थ्य के लिए एकमात्र हेरफेर पौधा है, जिसके कई लाभ और फायदे हैं। यहां हिंदी में इसके लाभ और फायदे कुछ बिंदुओं में दिए गए हैं:

1. स्वस्थ रक्तचाप का नियंत्रण: मॉर्निंग ग्लोरी विटामिन सी, कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम से भरपूर होती है, जो हमारे रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

2. पाचन संबंधी समस्याओं का समाधान: यह पौधा पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है और आंत्र में उच्च क्षमता वाले पाचन एंजाइम्स का निर्माण करता है।

3. कैंसर के खिलाफ रक्षा: मॉर्निंग ग्लोरी एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है, जो रक्त को स्वच्छ रखकर कैंसर के आक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं।

4. दिमागी तंदुरुस्ती: इसका नियमित सेवन दिमागी गतिविधियों को स्थायी रूप से बढ़ावा देता है और समयानुसार याददाश्त को सुधारता है।

5. दिल के स्वास्थ्य का संरक्षण: इसमें मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम दिल के स्वास्थ्य को संरक्षित रखने में मदद करते हैं और हृदय रोगों की संभावना को कम करते हैं।

6. त्वचा की देखभाल: मॉर्निंग ग्लोरी त्वचा को नरम, चमकदार और स्वस्थ बनाने में मदद करती है। इसका सेवन त्वचा को ग्लो और युवा दिखने में मदद कर सकता है।

7. वजन घटाने में मदद: मॉर्निंग ग्लोरी में कम कैलोरी होती है और भूख को कम करने में मदद करती है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।

8. बालों की देखभाल: मॉर्निंग ग्लोरी का तेल बालों को मजबूत, चमकदार और घना बनाने में मदद करता है।

मॉर्निंग ग्लोरी के नुकसान (Side effects Of Morning Glory)

मॉर्निंग ग्लोरी का साइड इफेक्ट बहुत कम होता है, परंतु इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। इनका ग्रहण करने से पहले आपको इनके बारे में विस्तार से जानना चाहिए। इसलिए पहले हम इसकी विशेषताएँ परिचय करेंगे।

मॉर्निंग ग्लोरी पौधा एक खूबसूरत वनस्पति है जो आमतौर पर अंग्रेजी और नाइट टाइम वनस्पतियों में खेती की जाती है। इसे पौधे या बीज से उगाया जा सकता है और इसकी शानदार फूलों वाली जड़ों को देखकर हर कोई आकर्षित हो जाता है। इसके पत्ते और फूल पुराने समय में खोजे जाते थे, इसलिए इसे लोग शुभ और खुशहाल जीवन का प्रतीक मानते थे।

लेकिन कुछ लोगों को इसके प्रयोग से कुछ साइड इफेक्ट होते हैं जिन्हें नीचे बताया गया है:

1. थकान:
मॉर्निंग ग्लोरी उच्च तत्त्वों के कारण शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाने में मददगार होता है, लेकिन कुछ लोगों में इसका सेवन करने से थकान का अनुभव हो सकता है।

2. पेट की समस्याएं:
कुछ लोगों में मॉर्निंग ग्लोरी के सेवन से पेट में गैस और अपचय (अस्वस्थ पाचन) की समस्या हो सकती है। ऐसे लोगों को इसे कम मात्रा में लेना चाहिए या अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

3. यूरीन की समस्या:
मॉर्निंग ग्लोरी में विषाणु कुछ ऐसे तत्त्व होते हैं जो यूरीन निर्माण की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। कुछ लोगों में इसके प्रयोग से यूरीन के संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।

4. नेशनल अलर्जी:
मॉर्निंग ग्लोरी के लगभग सभी भागों में पोषक या विषाणुओं की उच्च मात्रा हो सकती हैं। इसलिए, कुछ लोगों को इसके सेवन से नेशनल अलर्जी की समस्या हो सकती है।

5. चिड़चिड़ापन जैसे खाद्य संबंधित परेशानियाँ:
कुछ लोगों में मॉर्निंग ग्लोरी के सेवन से खाद्य संबंधी परेशानियाँ हो सकती हैं, जैसे कि जीभ में सूजन, मुंह में सूखापन, त्वचा त्वक्षता, आदि।

तो यह थे मॉर्निंग ग्लोरी के कुछ संभावित साइड इफेक्ट। यदि आप इसे उपयोग करना चाहते हैं, तो आपको इसकी मात्रा पर विचार करना चाहिए और पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। ध्यान दें, इस लेख द्वारा दिए गए जानकारीयाँ केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं और आपको सभी सूचनाओं को अपने विशेषज्ञ या चिकित्सक से सत्यापित करना चाहिए।

मॉर्निंग ग्लोरी का पौधे की देखभाल कैसे करें (How To Take Care Of Morning Glory Plant)

मॉर्निंग ग्लोरी एक सुंदर फूलों वाला पौधा है जो आपके बगीचे को रंगीन बना सकता है। इसकी देखभाल आसान होती है और इसे ग्राउंड कवर, छतों पर या चढ़ने वाली वाइन के रूप में उगाया जा सकता है। यदि आप इसे अपने पौधे के लिए उपयुक्त देखभाल देंगे, तो यह उन्नति करेगा और आपको अद्भुत फूलों का आनंद देगा। यहाँ हम इस पौधे की देखभाल करने के कुछ सरल तरीके दे रहे हैं:

1. उचित जगह चुनें: मॉर्निंग ग्लोरी को धूप और आधे छाया में अधिकृत संतुलन की आवश्यकता होती है। इसलिए, आपको उसे ऐसी जगह पर रखना चाहिए जहाँ सूरज की किरणें सुबह के समय पड़ती हों और शाम के समय छाया पड़े।

2. मिटटी का चयन करें: मॉर्निंग ग्लोरी को हल्की, कीचड़ी, और सुखाने वाली मिटटी पसंद होती है। शानदार विकास के लिए, पौधे को उचित पोषक तत्वों से युक्त मिटटी में उगाएं।

3. पानी की देखभाल करें: मॉर्निंग ग्लोरी को नियमित रूप से पानी देने की आवश्यकता होती है, लेकिन उबाला या उतारा हुआ पानी उसे नुकसान पहुंचा सकता है। समय के साथ, सिरका के साथ हल्का पानी देंने से पौधा उन्नत होगा।

4. छायादार स्थान प्रदान करें: मॉर्निंग ग्लोरी अधिकांश खुदाई के दौरान अच्छा परिणाम देगी। इसलिए, अगर संभव हो तो उसे छायादार हिस्सों में उगाएं और रेगुलरली खुदाई करें ताकि वह स्वस्थ और अच्छी तरह से विकसित हो सके।

5. खाद का उपयोग करें: मॉर्निंग ग्लोरी को नियमित खाद देना उसके संजीवन जीवन के लिए आवश्यक है। आप उसे कम से कम हर महीने एक बार खाद दे सकते हैं, जिसमें उच्च आयोडीन और नाइट्रोजन होना चाहिए।

6. कीटाणु-नियंत्रण: मॉर्निंग ग्लोरी के लिए खेती के समय, कीटाणुनाशकों का उपयोग करें ताकि संक्रमण से बचा जा सके। आपको छिद्रकों, मक्खी, और अन्य कीटाणुओं को रोकने के लिए नियमित रूप से पौधे की पाठशाला करनी चाहिए।

मॉर्निंग ग्लोरी की देखभाल करना आसान है और यह फूलों के साथ आपके बगीचे को खूबसूरती का तत्पर रख सकता है। उपरोक्त सुझावों का पालन करके, आप इसे स्वस्थ और सुंदर बना सकते हैं। इसलिए, अगर आपके पास इस खूबसूरत पौधे के लिए स्थान है, तो इसे अवश्य प्रयास करें और उसकी देखभाल करें।

मॉर्निंग ग्लोरी के पौधे का सांस्कृतिक उपयोग (Cultural Uses Of The Morning Glory)

मॉर्निंग ग्लोरी वानस्पतिक प्रजाति का नाम है जो फूलों की अहमियत के कारण बहुत प्रसिद्ध है। इसका वैज्ञानिक नाम “इपोमोअ ट्राइकोक़ितिस” है। मॉर्निंग ग्लोरी संपूर्ण विश्व में उगाई जाती है, लेकिन रात के समय उसके फूल चुटकुलों के कारण बंद हो जाते हैं। जब सूरज चढ़ता है, तो इसके फूल फिर से खुल जाते हैं।

मॉर्निंग ग्लोरी का सबसे अच्छा उपयोग गार्डन में होता है। इसके फूल बहुत सुंदर होते हैं और इसे गार्डन या खेती में बगीचे की सजावट के तौर पर भी उपयोग किया जाता है। इसे उगाने के लिए सामान्यतः बीज का इस्तेमाल होता है। इसका रंग गहरे नीले, लाल, भूरें और गुलाबी हो सकता है, और इसके गुलाबी केंद्र में बिंदुग्रस्त भी हो सकते हैं।

मॉर्निंग ग्लोरी की प्रकृति के कारण, इसे कई रोगों से बचाने के लिए औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। यह औषधि दिल के रोग, डायबिटीज, संक्रामक रोग आदि का इलाज करने में मददगार हो सकती है।

इस तरह, मॉर्निंग ग्लोरी संस्कृत में “प्रभात कांचना” के रूप में भी जानी जाती है और इसका उपयोग उद्यानों और एल्गारेनियों को खूबसूरत बनाने के लिए किया जाता है।

मॉर्निंग ग्लोरी का पौधा कहां पाया जाता है (Where Is The Morning Glory Plant Found)

मॉर्निंग ग्लोरी एक खूबसूरत पौधा है जिसे हिंदी में ‘बहारी फूल’ के नाम से भी जाना जाता है। इसे लोगों में अपनी सुंदरता के कारण बहुत पसंद किया जाता है। यह पौधा वाइल्ड फ़ैमिली का होता है और इसकी मुख्यता से आठ कटों में वृद्धि होने वाली जड़ होती है, जिसके ऊपर ‘प्लेट आउटलाइन’ कहलाने वाले होटोने कल्पित करीब 45 सेमी (18 इंच) लंबे होते हैं। इसके फूल अंडाकार होते हैं जो अक्टोबर से फ़रवरी महीने तक खिलते हैं और सुबह तक खुले रहते हैं, उसके बाद 24 घंटे के वयंगत बाद इसके फ़ूल अर्ध-बिगड़ जाते हैं।

यह जहां अपने प्राकृतिक अवस्थान में पाए जाते हैं, वह खुशहाली बढ़ा देते हैं, जैसे कि भूमि की रंगत और खेती में लाभ देने वाले सुगंध विषयक पदार्थों का उत्पादन करते हैं। तो यह पौधा अंदरूनि परंपरागत फ़ेंग शास्त्र का एक महत्वपूर्ण तत्व भी है। इसकी पंछियों से मंदिर और चर्च, जगह-जगह खुशहाल होते हैं, जैसा कि इसके नाम से पता चलता है – ‘मॉर्निंग ग्लोरी’, जो कि हिंदी में सुबह के दौरान चमकता हुआ है। इसे सामान्य भाषा में कहा जाता है कि यह पौधा भारत के अनेक भूभागों में पाया जाता है, जहां इसे उगाना और इसके फूलों का आनंद लेना लोगों की प्रिय दिनचर्या बन चुकी है।

मॉर्निंग ग्लोरी की प्रमुख उत्पादन राज्य (Major Producing State Of Morning Glory)

मॉर्निंग ग्लोरी एक भारतीय फिल्म है जिसका मुख्य निर्माण राज्य उत्तर प्रदेश है। यह फिल्म उत्तर प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर शूट की गई है। यह एक विनोद तिवारी द्वारा निर्देशित और प्रोड्यूस की गई फिल्म है।

इस फिल्म के किरदारों में प्रमुख भूमिका करने वाले कलाकार हैं फैनी खान, नशीम भालला, गरिमा जैन, बीजेंद्र काला, राजीव निगम और श्रीनाथ चट्टोपाध्याय। इस फिल्म के निर्माता जितिन अग्रवाल, अमित गुप्ता, नितिन मैरा, एम.वी. रधाकृष्णां और विक्रम गौतम ईन्द्राजित शर्मा हैं।

यह फिल्म एक अनोखी कहानी को दिखाती है जिसमें प्रेम, उम्मीद और जीवन के असली खेल का पता चलता है। इस कथा में एक विद्यार्थी की कहानी दिखाई गई है, जो एक रेलवे स्टेशन पर अपने सपनों को पूरा करने की कोशिशों में लगा हुआ है। फिल्म के माध्यम से, हमें उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों की सुंदरता और एकता का परिचय मिलता है।

एकदिवसीय प्रोडक्शन को बनाने के बाद, “मॉर्निंग ग्लोरी” बहुत सफल रही और भारतीय सिनेमाघरों में धमाका मचाया। यह फिल्म जनता के बीच एक आदर्श के रूप में स्थापित हुई है, जो प्रेम, संघर्ष और सफलता पर ध्यान केंद्रित करती है।

मॉर्निंग ग्लोरी के पौधे के चिकित्सा गुण (Medical Properties Of Morning Glory)

मॉर्निंग ग्लोरी, जिसे हिंदी में ‘सबेरी’ भी कहा जाता है, एक प्रकार का पौधा है जिसकी फूलों का रंगीन ध्यान आकर्षक होता है। यह फूल सबसे अधिक सबेरी घास के लिए उपयुक्त होती है, लेकिन इसके फूलों के औषधीय फायदों की भी बात की जाती है।

इस पौधे के फूलों के रोगनश या तेल में कई औषधीय गुण होते हैं, जिसके कारण यह कई बीमारियों की आयुर्वेदिक औषधि के रूप में इस्तेमाल होता है। कुछ प्रमुख औषधीय उपयोग निम्नानुसार हैं:

1. दर्द निवारण: मॉर्निंग ग्लोरी के रोगनश में एंटीइंफ्लेमेटरी औषधीय गुण होते हैं, जो दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसे दर्दी या अंखों के आस-पास के क्षेत्रों पर लगाकर ताजगी महसूस की जा सकती है।

2. त्वचा के लिए स्वस्थ: मॉर्निंग ग्लोरी फूलों में विटामिन ई और सी, बेटाकारोटिन, फोलिक एसिड, विटामिन बी6, कोपर और नाइसिन जैसे प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट सम्पन्नता होती है। इसका सेवन स्किन को निखारता है, त्वचा को चमकदार और बेजान बनाता है और रोमचिड़ापन को कम कर सकता है।

3. जीवनशक्ति को बढ़ावा: मॉर्निंग ग्लोरी के सेवन से शरीर में एनर्जी बढ़ती है और थकान नहीं होती है। इसलिए रोज़ाना खाली पेट इसका सेवन करने से दिनचर्या में सकारात्मक परिवर्तन आ सकता है।

4. कान के रोग: मॉर्निंग ग्लोरी फूलों के रोगनश का त्राय जहां कान की संभावित संक्रमण को रोकता है, वहीँ अन्ततः कान के दर्द की स्थिति में राहत पहुंचाता है।

5. दिल के लिए हृदयरोग: मॉर्निंग ग्लोरी के रोगनश के सेवन से हृदय स्वास्थ्य सुधारता है, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन्स की अच्छी मात्रा होती है।

मॉर्निंग ग्लोरी पौधे को भारत और अन्य देशों में उचित देखभाल के साथ इस्तेमाल किया जाता है। इसके फूलों के विभिन्न उपयोग औषधीय औषधि के रूप में जाने जाते हैं, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकती हैं।

मॉर्निंग ग्लोरी का वैज्ञानिक नाम (Scientific Name Of Morning Glory)

मॉर्निंग ग्लोरी या Morning Glory एक पेड़ या बेल प्लांट है जिसका वैज्ञानिक नाम Ipomoea है। यह पौधा आमतौर पर गर्म क्षेत्रों में पाया जाता है और यह विशालता में फूलों का एक आकर्षक नादान भारी बेल पूरे पौधे को ढाक देता है। यह पौधा लगभग १० फिट उच्च हो सकता है और मसली में बेलों की रक्षा करने के लिए उपयोग होता है।

मॉर्निंग ग्लोरी के पूर्ण नाम ओसिपामेया पूरना इम्परियलिस है इसे ग्लोरी प्लांट के नाम से भी जानते हैं। इसके फूल अनेक रंगों में मिलते हैं जैसे नीला, लाल, पीला, सफेद आदि। इन फूलों की सुरमई रेतीले दलों की वजह से यह पौधा अपनी पहचान बना लेता है।

यह पौधा आकर्षक, मनोहारी फूलों के लिए उपयोगी होता है और इसकी खेती विभिन्न उद्यानों में की जाती है। इसके पत्ते मधुर और खोजने में आसान होते हैं। यह पौधा धूप प्रेमी है और सुबह के समय पूरी खिल जाता है। मॉर्निंग ग्लोरी एक प्रकाश-सूक्ष्म पौधा है जो अपनी सुंदरता और गंभीरता के लिए जाना जाता है।

मॉर्निंग ग्लोरी की खेती (Morning Glory Cultivation)

मॉर्निंग ग्लोरी या मॉर्निंग ग्लोरी की खेती का तरीका एक आसान तरीके से समझाते हैं। यह तकनीक अत्यंत प्रभावी है और इसके द्वारा फूलों को जल्दबाज़ी से उगाना संभव होता है। यह तकनीक गहरे तापमान और अच्छे धूप में विशेष रूप से प्रभावी होती है।

मॉर्निंग ग्लोरी की खेती के लिए, सबसे पहले हमें एक रैक या ढलान की आवश्यकता होती है। यह रैक या ढलान हमें पोटिंग मिक्स, कंपोस्ट और मिट्टी के लिए एक अच्छी जगह प्रदान करती है। तत्पश्चात, हमें मॉर्निंग ग्लोरी के छोटे सागर या बीज को उगाने के लिए रैक पर तालीम मिट्टी का उपयोग करना होगा।

मॉर्निंग ग्लोरी छोटे सागर या बीज को ठंडी पानी में एक रात के लिए भिगोकर रखने के बाद, हमें रैक पर छिड़कना होगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि छोटे सागरों को अपने वातावरण के हिसाब से बाहरी तापमान और सड़ने में सुविधा के साथ पानीपूर्वक भिगोना चाहिए। मॉर्निंग ग्लोरी देखभाल और ग्रोथ के लिए गर्म और सूखे जल को पसंद करता है, इसलिए ध्यान रखें कि छिड़कने के पश्चात मिट्टी, पौधों को आराम से सूखने वाली सही जगह पर खड़ी होनी चाहिए।

छिड़े हुए पौधे नये उगने वाले पौधों को आराम से बढ़ने के लिए ऐसी जगह पर रखें जहां अच्छा सूर्य प्रकाश मिलता हो। पौधे बढ़ने के बाद, हमें उचित जोड़ी के लिए अलमारी या ताल की आवश्यकता होती है।

मॉर्निंग ग्लोरी देखभाल के लिए नियमित ढंकने की आवश्यकता होती है और उन्हें ऊचाई बढ़ाने की जरूरत होती है। इसके अलावा, पौधों को नियमित रूप से पानी देना और उनकी पोटिंग मिक्स की देखभाल करनी चाहिए। मॉर्निंग ग्लोरी की खेती में वानस्पतिक खाद और पीले और लाल मिट्टी का उपयोग भी किया जा सकता है।

यदि हम ये तकनीक सही ढंकवाने, पानीपूर्वक भीगाने, रूपांतरण और उचित देखभाल के साथ अपनाएं, तो मॉर्निंग ग्लोरी की खेती से आपको जल्द ही सुंदर और भव्य फूलों का नजारा देखने को मिलेगा। यह तकनीक सुखी और धूपी जगहों में काम करती है और इससे चमकदार और ख़ूबसूरत आकर्षक पौधे पाए जा सकते हैं।

मॉर्निंग ग्लोरी की खेती कहां होती है ( Where is Morning Glory Farming done?)

मॉर्निंग ग्लोरी, जो Morning Glory Farming भी कहलाती है, एक पौधे की प्रजाति है जो ध्यान से पाली जाती है ताकि यह अवार्ड कम्युनिटी और आपूर्ति चेन को नुकसान पहुँचाने के बीमारी और नुकसानों पर प्रभाव नहीं डाले। आमतौर पर, मॉर्निंग ग्लोरी की उन्नत खेती जल प्रबंधन, उपयुक्त रोटेशनल गेलरी और वैज्ञानिक गोताखोरी तकनीकों का उपयोग करती है जो सतत उत्पादन सुनिश्चित करते हैं।

ऐसे फार्म जहाँ मॉर्निंग ग्लोरी खेती होती हैं, वे हेयरवस्ट या वाइनहिंड के रूप में भी जानी जाती हैं। यह पौधे आमतौर पर आसानी से उगाए जाने वाले और तत्परता के लिए अप्रवासी के रूप में ज्ञात होते हैं। मॉर्निंग ग्लोरी गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, और हिमाचल प्रदेश जैसे भारतीय राज्यों में पाए जाते हैं।

मॉर्निंग ग्लोरी खेती सबसे अच्छी फसल प्रणाली का प्रयोग करके, खाद्य सुरक्षा, आय, स्वास्थ्य और पर्यावरणीय लाभों को मजबूती देती है। इस खेती तकनीक के बारे में पढ़ाई और पहले से ही अनुभवी किसानों की आवश्यकता होती है, क्योंकि इससे संबंधित सही जल प्रबंधन, उचित खाद समापन, वायुमंडलीय दबाव, और ज्यादा उत्पादन करने में मदद मिलती है। देशों और कृषि क्षेत्रों में इस फार्मिंग तकनीक को अधिक से अधिक अपनाने के लिए बदल रहे बाजार की मांग और बढ़ती जनसंख्या के दबाव को ध्यान में रखते हुए समय की जरूरत होती है।

मॉर्निंग ग्लोरी/Morning Glory FAQs

Q1: मॉर्निंग ग्लोरी पौधे को लगाने के लिए सबसे अच्छा मौसम कौन सा होता है?
A1: मॉर्निंग ग्लोरी पौधे को बरसाती मौसम में या गर्मियों के मौसम में लगाना सबसे अच्छा होता है।

Q2: इसे लगाने के लिए कौनसा मिट्टी मिश्रण सबसे उपयुक्त होता है?
A2: मॉर्निंग ग्लोरी पौधे को उच्च उदारवाची मिट्टी में लगाना उपयुक्त होता है, जिसमें सुस्त एवं मेंहदी युक्त मिट्टी हो।

Q3: इसे कितनी दूरी के अंदर बोना चाहिए?
A3: मॉर्निंग ग्लोरी को 10-12 इंच दूरी के अंदर बोना चाहिए, ताकि पौधा अच्छे से विकसित हो सके।

Q4: क्या मॉर्निंग ग्लोरी पौधे को बरसात में बरीड़ से बचाना चाहिए?
A4: हां, इसे बरीड़ से बचाने के लिए उचित प्राइमर कोटिंग करनी चाहिए, या पौधे को ढकने के लिए तार या कागज़ का उपयोग कर सकते हैं।

Q5: मॉर्निंग ग्लोरी पौधे को रोगों से कैसे बचाएं?
A5: मॉर्निंग ग्लोरी पौधों को स्वस्थ रखने के लिए उन्हें नियमित रूप से खाद दें, फसलीय कीटनाशक का उपयोग करें और पौधों के खिलाफ उचित जल्दबाजी करें।

Q6: मॉर्निंग ग्लोरी पौधे कब और कैसे पौधे डालें?
A6: मॉर्निंग ग्लोरी के बीज को मार्च या अप्रैल महीने में धरातल पर फैलाएं और धूप के सदृश ढंग से उन्हें धकेलें, उचित जल संरचना के साथ।

Q7: मॉर्निंग ग्लोरी पौधों को पानी कब और कितनी बार दें?
A7: मॉर्निंग ग्लोरी पानी की आवश्यकता को महसूस करेगी। उपयुक्त पानी सप्लाई सदन रखें, लेकिन पूरी तरह से स्वर्ग को महसूस करके पानी दें।

Q8: मॉर्निंग ग्लोरी पौधों की आपातकालीन देखभाल क्या होनी चाहिए?
A8: बाढ़, तूफान या अत्यधिक गर्मी जैसी स्थितियों में, मॉर्निंग ग्लोरी पौधों को सुरक्षित स्थान पर विथान करें या उन्हें सामान्यता में जल्दबाजी के लिए ढकेल दें।

Q9: मॉर्निंग ग्लोरी पोषण के लिए कौन-से खाद का उपयोग करना चाहिए?
A9: मॉर्निंग ग्लोरी को उपयोगी मामलों के लिए नियमित रूप से बायो-फर्टिलाइजर का उपयोग कर सकते हैं, जो उच्च फॉस्फोरस, पोटेशियम और नित्रोजन का संयोजन प्रदान करता है।

Q10: मॉर्निंग ग्लोरी पौधों का बढ़ने का समय कितना होता है?
A10: मॉर्निंग ग्लोरी पौधे का विकास मार्च या अप्रैल महीने में होता है और इसका फूलने का समय मई या जून महीने में होता है।

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